नोएडा में केवल 20 गांव ही अधिसूचित किए गए हैं, जिनमें पंचायत पुनर्गठन बंद किया जाएगा ,या फिर न्यू नोएडा अधिसूचित क्षेत्र में गौतम बुद्ध नगर के 20 गांवों के अतिरिक्त अन्य गांव किन्हीं अन्य जनपद के गांव हैं तो क्या वहां भी पंचायत पुनर्गठन बंद किया जायेगा ?

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                        रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक  / जन वाणी न्यूज़                         

नोएडा में केवल 20 गांव ही अधिसूचित किए गए हैं, जिनमें पंचायत पुनर्गठन बंद किया जाएगा ,या फिर न्यू नोएडा अधिसूचित क्षेत्र में गौतम बुद्ध नगर के 20 गांवों के अतिरिक्त अन्य गांव किन्हीं अन्य जनपद के गांव हैं तो क्या वहां भी पंचायत पुनर्गठन बंद किया जायेगा ?
 – करमवीर नगर प्रमुख
गौतमबुद्धनगर । आज मीडिया में प्रकाशित निम्न खबर पढ़ने को मिली जिसके अनुसार 20 उन गांवों में और पंचायत पुनर्गठन बंद होने जा रहा है जो न्यू नोएडा अधिसूचित क्षेत्र में आते हैं।इस तरह पंचायत पुनर्गठन बंद करने से एक गंभीर सवाल यह है उठता है कि1-क्या न्यू नोएडा में केवल 20 गांव ही अधिसूचित किए गए हैं अगर न्यू नोएडा अधिसूचित क्षेत्र में गौतम बुद्ध नगर के 20 गांवों के अतिरिक्त अन्य गांव किन्हीं अन्य जनपद के गांव हैं तो क्या वहां भी पंचायत पुनर्गठन बंद किया जायेगा ?2-एक अहम सवाल यह भी उठता है कि पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख कु. मायावती जी का पैत्रक गांव बादलपुर तो बसपा शासन काल में ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित किया गया था और बादलपुर गांव में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहण भी किया जा चुका है तो इस गांव में आज तक पंचायत पुनर्गठन बंद क्यों नहीं किया गया ?3-सवाल यह भी उठता है कि यमुना प्राधिकरण द्वारा विभिन्न जनपदों के 1144 गांवों को अधिसूचित किया गया है तो क्या 1144 गांवों में पंचायत पुनर्गठन बंद कर दिया गया है ?4-सवाल तो यह भी उठता है कि जिन गांवों को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा 28 जनवरी 1991 में अधिसूचित किया था और उनमें  से कुछ गांवों की आज तक 1 इंच भूमि का भी अधिग्रहण नहीं हुआ है जैसी मिलक लच्छी, रोजा जलालपुर, सादुल्लापुर, वैदपुरा आदि। क्या इन गांवों में पंचायत पुनर्गठन बंद किया जाना कानून सम्मत है ?
5-इंडस्ट्रियल एक्ट 1975 के अनुसार औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र में नगर निगम, नगर निकाय, कंटोनमेंट बोर्ड, नगर पालिका, नगर पंचायत अथवा ग्राम पंचायत का पुनर्गठन नहीं किया जाएगा *बशर्ते कि अधिसूचित गांवों को औद्योगिक नगरी क्षेत्र घोषित करने के लिए सेंट्रल इंडस्ट्रियल एक्ट 1975 को प्रदेश की विधानसभा द्वारा पारित कर दिया गया हो।*    अब एक अहम सवाल उठता है कि 24 दिसंबर 2001को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के मात्र 207 गांवों का पंचायत पुनर्गठन बंद करने का अध्यादेश जारी हुआ था तो क्या नए गांव जोड़ने के लिए दोबारा विधानसभा में प्रस्ताव पारित नहीं करना चाहिए ?
7-एक और अहम सवाल यह उठता है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण सहित उत्तर प्रदेश में 9 औद्योगिक प्राधिकरण प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित हैं लेकिन अन्य 6 औद्योगिक प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्र को औद्योगिक नगरीय क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है और उन सभी में पंचायत पुनर्गठन कराया जा रहा है तो सवाल यह है कि हाल ही में गठित न्यू नोएडा भी तो एक अलग औद्योगिक प्राधिकरण गठित किया गया है और इसके अधिसूचित क्षेत्र के गांवों को औद्योगिक नगरीय क्षेत्र घोषित करने के लिए औद्योगिक एक्ट 1975 को विधानसभा में पारित नहीं किया गया है तो  पंचायत पुनर्गठन बंद किया जाना क्या कानूनन उचित होगा।नोएडा में केवल

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