रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव ने पैरोल पर रचाई शादी, उठे कानूनी और नैतिक सवाल
माँ की बीमारी के आधार पर मिली पैरोल के दौरान गाज़ियाबाद में विवाह, अदालत ने अवधि बढ़ाई; विशेषज्ञों ने पारदर्शिता और पैरोल के दुरुपयोग पर जताई चिंता।
मुख्य बिंदु
विकास यादव ने पैरोल के दौरान हर्षिका यादव से विवाह किया।
पैरोल का कारण माँ की बीमारी बताया गया था।
शादी का खुलासा होने पर अदालत ने पुलिस से पुष्टि करवाई।
अदालत ने पैरोल अवधि औपचारिक रूप से बढ़ा दी।
कानूनी रूप से शादी मान्य, लेकिन पारदर्शिता पर सवाल।
नई दिल्ली, 6 सितम्बर।
डीपी यादव के बेटे और नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव ने हाल ही में पैरोल अवधि के दौरान गाज़ियाबाद के राजनगर में एक सादे समारोह में हर्षिका यादव से विवाह किया।
पैरोल और विवाद
विकास यादव को अपनी माँ की बीमारी के आधार पर पैरोल दी गई थी। लेकिन विवाह की तस्वीरें सामने आने के बाद पीड़ित पक्ष ने अदालत में आपत्ति जताई। अदालत ने पुलिस से पुष्टि करवाई और बाद में पैरोल अवधि को बढ़ा दिया।
कानूनी दृष्टिकोण
भारतीय जेल नियमों के तहत पैरोल शादी जैसे सामाजिक कारणों पर भी दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट (Asfaq vs. State of Rajasthan, 2017) ने कहा था कि “शादी करना भी पैरोल का उचित आधार हो सकता है।”
लेकिन अगर कारण बीमारी बताया गया और बीच में शादी हुई, तो इसे अदालत को गुमराह करना माना जा सकता है।
विशेषज्ञों की राय
कानून विशेषज्ञ: “शादी व्यक्तिगत अधिकार है, लेकिन कारणों की पारदर्शिता ज़रूरी है।”
मानवाधिकार कार्यकर्ता: “कैदी भी इंसान है, शादी करना उसका अधिकार है।”
नीलम कटारा: “यह न्याय प्रणाली से खिलवाड़ है।”
2002 – नीतीश कटारा हत्या
2008 – उम्रकैद की सज़ा
2014–15 – सुप्रीम कोर्ट ने सज़ा बरकरार रखी
2023 – माँ की बीमारी के आधार पर पैरोल
2023 (पैरोल के दौरान) – गाज़ियाबाद में विवाह
बाद में – अदालत ने अवधि बढ़ाई
क्या पैरोल नियम और कड़े हो ने चाहिए
शादी करना कानूनन गलत नहीं है, लेकिन इसने पैरोल प्रणाली की पारदर्शिता पर गहरे सवाल खड़े किए हैं।क्या अब पैरोल नियमों में और कड़े प्रावधान जोड़े जाने चाहिए?
