वादी संवाद दिवस: गाजियाबाद पुलिस की नई पहल

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़       

वादी संवाद दिवस: गाजियाबाद पुलिस की नई पहल

हर बुधवार थानों पर वादियों और पुलिस के बीच होगा संवाद, न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता व विश्वास बढ़ाने का प्रयास

गाजियाबाद। 3 सितम्बर कमिश्नरेट गाजियाबाद पुलिस ने जनता को त्वरित, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण न्याय दिलाने के उद्देश्य से आज बुधवार को पहली बार ‘वादी संवाद दिवस’ का आयोजन किया। पुलिस आयुक्त महोदय के निर्देशन में यह व्यवस्था लागू की गई है जिसके अंतर्गत हर बुधवार को समस्त थानों पर वादी संवाद दिवस आयोजित किया जाएगा।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य वादियों और पुलिस के बीच सार्थक संवाद स्थापित कर विश्वास बढ़ाना तथा विवेचना प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।

जोनवार उपस्थिति (पहले वादी संवाद दिवस पर)

क्र.सं. जोन उपस्थित वादियों की संख्या

1 नगर 119
2 ट्रांस-हिण्डन 114
3 ग्रामीण 329
कुल कमिश्नरेट 562

 

पहल के गुण (सकारात्मक पक्ष)

पारदर्शिता में वृद्धि: वादी हर सप्ताह अपने केस की स्थिति जान सकेगा, जिससे भ्रम की स्थिति समाप्त होगी।

जवाबदेही सुनिश्चित: विवेचकों और थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी, जिससे निष्पक्ष व समयबद्ध जांच होगी।

वादी की संतुष्टि: केस की जानकारी मिलने से वादी मानसिक रूप से संतुष्ट रहेगा और न्याय प्रक्रिया पर भरोसा बढ़ेगा।

संवाद का सेतु: यह पहल जनता और पुलिस के बीच की दूरी को घटाकर सहयोग को प्रबल बनाएगी।

पुलिसिंग में सुधार: जनता से सीधा फीडबैक मिलने से पुलिस अपनी कार्यप्रणाली को बेहतर बना सकेगी।

 

संभावित दोष (चुनौतियाँ)

अत्यधिक भीड़ का दबाव: ग्रामीण क्षेत्र की तरह बड़ी संख्या में वादी आने से थानों पर दबाव बढ़ सकता है।

नियमितता बनाए रखने की चुनौती: हर बुधवार सभी वादियों तक समान स्तर की पारदर्शिता पहुँचाना आसान नहीं होगा।

संसाधनों की कमी: सीसीटीवी, डिजिटल रिकॉर्ड व प्रशिक्षित स्टाफ की उपलब्धता हर थाना स्तर पर जरूरी होगी।

 

पुलिस आयुक्त का संदेश

“वादी संवाद दिवस केवल एक प्रक्रिया नहीं बल्कि जनता और पुलिस के बीच विश्वास का पुल है। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि हर वादी को अपने केस की सही जानकारी समय पर मिले और न्याय प्रक्रिया में उसका विश्वास सशक्त हो।”

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