यूपी पुलिस की प्रशिक्षु महिला सब इंस्पेक्टर को एंटी करप्शन ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया

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रविन्द्र बंसल वरिष्ठ संवाददाता  / जन वाणी न्यूज़                    गोरखपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार थम ने का नाम ही नहीं ले रहा है। बहुत से पुलिस कर्मचारी व अधिकारी एंटी करप्शन की ग्रफ्त  में आकर जेल की सलाखों के पीछे जा चुके हैं। लेकिन फिर भी पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं। जबकि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने का दावा करती है। लेकिन प्रदेश की पुलिस सरकार की साख पर बट्टा लगाने से बज नहीं आ रही है। ताजा मामला गोरखपुर का है यहां के पिपराइच थाने पर तैनात महिला सब इंस्पेक्टर अंकिता पांडेय को एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।                                                                                                                                                         जानकारी के अनुसार पिपराइच थाने पर तैनात 2023 बैच की प्रशिक्षु महिला सब इंस्पेक्टर द्वारा मुकदमे से नाम निकालने की एवज में यह रकम ली गई थी।  बता दें कि पिपराइच के बेला कांटा गांव की रहने वाली उर्मिला देवी पत्नी गोरख निषाद और उनके परिवार के खिलाफ 27 सितंबर 2024 को पाटीदारों ने मारपीट करने का केस दर्ज कराया था इसकी विवेचना पिपराइच थाने में तैनात बिहार के भोजपुर जिले की रहने वाली प्रशिक्षु महिला सब इंस्पेक्टर अंकित पांडे को मिली थी। पीड़िता ने शिकायत की थी। उर्मिला का आरोप है कि पति गोरख बेटे तूफानी और बेटी घटना में शामिल नहीं थे इसका प्रमाण देने के बाद भी महिला दरोगा अंकित पांडे मुकदमे से नाम निकालना की एवज में 10 रुपए मांग रही थी। परेशान होकर इसकी शिकायत उसके द्वारा अपने अधिवक्ता के साथ एंटीकरप्शन थाने जाकर की गई थी। टीम ने छानबीन की तो मामला सही पाया गया। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को रूपों के लेनदेन के दौरान महिला दरोगा के साथ दो सिपाही भी मौजूद थे‌ जो एंटीकरप्शन टीम की घेराबंदी  के दौरान चकमा देकर फरार हो गए थे।  जैसे ही महिला सब इंस्पेक्टर द्वारा रूपयों से भरा लिफाफा लिया गया। तत्काल ही एंटी करप्शन की टीम द्वारा महिला सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना से क्षेत्र के अन्य थानों में भी हड़कंप मच गया। पुलिसकर्मी एक दूसरे से घटना के बारे में जानकारी लेते दिखाई दिए।
महिला सब इंस्पेक्टर अंकिता पांडये की 2023 मे हुई थी पोस्टिंग, अभी वह प्रशिक्षु ही थी…
    महिला सब इंस्पेक्टर अंकिता पांडेय की पोस्टिंग वर्ष 2023 मे हुई थी। उसकी अभी सर्विस की प्रशिक्षण अवधि भी पूरी नही हुई थी। महिला दरोगा की रिटायरमेंट तिथि 28/03/2059 है। सवाल यह है की इतनी लम्बी अवधि की नौकरी वाली महिला सब इंस्पेक्टर नौकरी के पहले क्रम मे ही लालच मे फंस गई ? उत्तर प्रदेश पुलिस में इस तरह की घटनाएं आम सुनने को मिलती रहती हैं।                                          समय -समय पर एंटी करप्शन द्वारा अवैध वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाती है। लेकिन फिर भी प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है‌। सवाल यह भी उठना है कि जिस महिला सब इंस्पेक्टर की नौकरी 1 वर्ष की भी नहीं हुई उसने भी अवैध कमाई करना शुरू कर दिया? क्या पुलिस महकमें तैनात होते ही रिश्वत लेने का तरीका कर्मचारी व अधिकारी तत्काल सीख जाते हैं? क्या यूपी पुलिस में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत हो गई है कि उन पर अंकुश लगाना मुश्किल हो गया है? प्रदेश सरकार लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ प्रशासन देने का वायदा करती है, क्या प्रदेश सरकार का भ्रष्टाचार रहित स्वच्छ प्रशासन देने का वायदा हवा हवाई बनकर रह गया है? घटना यह एक नहीं अनेकों मामलों में तो अधिकारी एवं एंटीक करप्शन द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है। लेकिन इस तरह के अनगिनत मामले रहते हैं जिनकी कोई सुनवाई ही नहीं होती, या यूं कहिए कि अधिकांश लोग पुलिस की अवैध वसूली की शिकायत तक नहीं करते हैं।                                                                               प्रदेश की जनता को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर पूरा भरोसा था कि इस सरकार में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा लेकिन धीरे-धीरे लोगों का यह विश्वास टूटने लगा है। लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार महकमों में दीमक की तरह लग गया है। इसको समाप्त करना बहुत आसान नहीं है। इसके लिए सरकार को ठोस नीति बनाकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना होगा तभी प्रदेशवासियों को स्वच्छ व भ्रष्टाचार रहित प्रशासन मिल सकता है।

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