दर्द से कराह रही थी युवती, नहीं पसीजा पुलिसवालों का दिल, आखिरकार, एसपी साहब को मांगनी पड़ी माफ़ी

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                  रविन्द्र बंसल वरिष्ठ संवाददाता / जन वाणी न्यूज़                                  हरदोई पुलिस की सवेदनहीनता दर्द से कराह रही थी युवती, नहीं पसीजा पुलिसवालों का दिल, आखिरकार, एसपी साहब को मांगनी पड़ी माफ़ी
    हरदोई। जनपद में गंभीर रूप से घायल युवती को में चादर के कोने पकड़कर एक रोते -बिलखती ले जाने का मामला सामने आया है। यह मामला एसपी ऑफिस का है। सड़क हादसे में घायल हुई युवती चलने में असहाय थी। और पुलिस की संवेदनहीनता के चलते परिजनों को उसे खींचकर ले जाने को मजबूर होना पड़ा।
हरदोई जिले में पुलिसकर्मियों की भारी संवेदनहीनता की तस्वीर सामने आई हैं। सड़क हादसे में घायल युवती के परिजन युवती को एसपी दफ्तर लेकर फरियाद लगाने गए थे। एसपी से मिलने के बाद लाचार युवती को वापस ले जाने के लिए परिवार वालों को काफी कठिनाई उठानी पड़ी। एसपी दफ्तर से कुछ दूरी पर परिजनों की गाड़ी खड़ी थी और युवती चलने में असहाय थी। साथ ही दर्द से बुरी तरह कराह रही थी। युवती के परिजन एसपी ऑफिस के गेट पर मौजूद पुलिसकर्मियों से बाहर खड़ी गाड़ी को अंदर लाकर युवती को गाड़ी में बैठ कर ले जाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने यह कहकर मना कर दिया कि साहब की गाड़ी आने वाली है, इसलिए उनकी गाड़ी अंदर नहीं नहीं आ सकती।
जिस पर युवती के परिजनों को जब कुछ समझ में नहीं आया, तो उन्‍होंने मजबूरन जमीन पर चादर बिछा दी और युवती को उस पर लिटाकर चादर का एक-एक कोने पकड़ा और फिर उसे 50 मीटर खींचकर बाहर खड़ी गाड़ी तक लाये, तब जाकर युवती को परिजन गाड़ी से घर ले जा सके। पुलिस की इस संवेदनहीनता के सामने आने पर एसपी ने युवती वह उसके परिजनों से माफी मांगी और कहा कि दोबारा इस तरह की गलती नहीं होगी।
एसपी ऑफिस मदद की गुहार लगाने आई थी लड़की
दरअसल, थाना लोनार के जगदीशपुर गांव का रहने वाला अनूप कश्यप पुलिस लाइन आरटीसी में खाना बनाता था. अनूप कुछ रोज पहले बाइक से अपनी बहन को लेकर घर जा रहा था, रास्ते में सामने से आ रही बाइक से उसकी बाइक टकरा गई. दोनों भाई-बहन गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल से लखनऊ रेफर कर दिया गया. अनूप के हाथ और पैर में चोट आई, तो उसकी बहन रोली का पैर फ्रैक्चर हो गया. ऑपरेशन के बाद रोली चलने में असहाय हो गई. अस्पताल से छुट्टी होने के बाद दुर्घटना में घायल भाई बहन पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग को लेकर मिलने एसपी दफ्तर पहुंचे थे.
नहीं पसीजा पुलिसवालों का दिल और…
पुलिस अधीक्षक से मिलकर लौटे परिजनों ने दर्द से कराह रही युवती रोली को घर ले जाने के लिए एसपी दफ्तर के गेट पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों से चौपहिया वाहन को अंदर लाकर युवती को ले जाने की गुहार लगाई, लेकिन ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने परिजनों को अंदर गाड़ी लाने के लिए यह कहकर मना कर दिया कि साहब की गाड़ी आने वाली है, उनकी गाड़ी अंदर नहीं आ सकती. परिजन पुलिस कर्मियों से काफी देर तक गुहार लगाते रहे, लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा. ऐसे में दर्द से कराह रही युवती को अंदर से बाहर लाने के लिए परिजनों को चादर बिछानी पड़ी और उस पर युवती को लिटाना पड़ा, जिसके बाद परिजनों ने चादर का एक-एक कोना पकड़ा और फिर गाड़ी की ओर ले जाने के लिए निकल पड़े. इस दौरान युवती दर्द के चलते रोती बिलखती रही.
एसपी साहब ने मांगी माफी
इस मामले में एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि आज पुलिस ऑफिस में एक्सीडेंट में घायल महिला को असुविधा का सामना करना पड़ा. इस बात को लेकर मुझे अत्यंत दुख है. मैं हरदोई पुलिस अधीक्षक होने के नाते इस महिला से क्षमा मांगता हूं. इस तरह की घटना रिपीट नहीं होने दी जाएगी हरदोई पुलिस को अत्यंत संवेदनशील बनाने के लिए पूरा प्रयास करूंगा.

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