रविन्द्र बंसल वरिष्ठ संवाददाता / जन वाणी न्यूज़ दहेज के लालची ससुरालियों ने विवाहिता की जान ले ली दिल्ली। उत्तम नगर क्षेत्र की विकास नगर कॉलोनी थाना रनहौला अंतर्गत एक नव विवाहिता की गुरुवार को उसकी ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। लड़की के परिजनों ने सास, नन्द और पति पर दहेज के लालच में बेटी की हत्या करने का आरोप लगाते हुए थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। लड़की के मायके पक्ष का आरोप है कि नामजद एफआईआर वह पुख्ता सबूत होने के बावजूद भी पुलिस द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसको लेकर लड़की के परिजनों में पुलिस के प्रति शंका वह आक्रोश व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश मुरादाबाद के निवासी पीतल व्यवसायी सीताराम ने अपनी बीएससी स्नातक पुत्री डॉली वर्मा उर्फ काव्या का विवाह दिल्ली उत्तम नगर के विकास नगर निवासी अमन से पिछले वर्ष नवम्बर माह में किया था। सीताराम ने अपनी सामर्थ के अनुसार बेटे की शादी में काफी दान दहेज भी दिया था। आरोप है कि शादी में मिले दहेज से ससुराल पक्ष के लोग संतुष्ट नहीं थे। और शादी के बाद से ही उसकी सास और नन्द लगातार उसको मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ीत करती आ रही थी। जिसकी शिकायत उसने कई बार अपने पति व मायके वालों को भी को थी। किन्तु मायके वालों ने हमेशा उसको एडजस्ट करके परिवार बनाये रखने की ही सलाह दी। पिछले सोमवार रक्षा बंधन के दिन उसका भाई काफी सामान आदि लेकर उससे राखी बंधवाने आया। आरोप है कि भाई के जाते ही ससुरालियों ने सामान कम होने का हवाला देते हुए डॉली को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। जिसके बारे में उसने मायके में भी बताया। 22 अगस्त गुरुवार को सुबह 8.30 तक उसकी अपने मायके वालों से भी बात हुई कि ये लोग बहुत परेशान करते है। और आए दिन बात-बात पर मारपीट करते है। लेकिन 8:30 के बाद लड़की कि फोन करने पर फोन उठाना बन्द हो गया। कुछ समय बाद ससुराल वालों ने फोन करके बताया कि डॉली ने अपने आपको कमरे में बंद कर लिया है। इसके बाद दो बजे तक लगातार फोन करने पर भी किसी ने फोन नही उठाया। जिस पर परिजनों को काफी चिंता होने लगी वह डाली से मिलने के लिए घर से निकलने ही वाले थे कि दोपहर में पुलिस का फोन आया और बताया गया कि लड़की ने जंगले से लटककर फांसी लगा ली है। घटना की जानकारी मिलने पर डॉली के परिजन तत्काल दिल्ली पहुंचे और शुक्रवार रात को मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई। लड़की के परिजनों का आरोप है कि इस पूरे मामले में ससुराल वालों के रसूख के कारण जांच अधिकारी की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है। और उनके द्वारा केस से सम्बंधित महत्वपूर्ण साक्ष्यों व सबूतों को लेकर पूरी ढिलाई बरती जा रही है। अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के कारण परिजनों में पुलिस की भूमिका को लेकर काफी संशय व आक्रोश व्याप्त है।