लोनी-ट्रॉनिका सिटी में हवा हुई ज़हरीली, AQI पहुँचा 400 पार — सांस लेना हुआ मुश्किल

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़

लोनी-ट्रॉनिका सिटी में हवा हुई ज़हरीली, AQI पहुँचा 400 पार — सांस लेना हुआ मुश्किल

लोनी (गाजियाबाद), 11 नवम्बर | राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के सबसे प्रदूषित इलाकों में शुमार लोनी और ट्रॉनिका सिटी की हवा इन दिनों बेहद खतरनाक स्तर पर पहुँच चुकी है। सोमवार को यहाँ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) औसतन 400 से 420 के बीच दर्ज किया गया, जो कि “गंभीर” और “खतरनाक” श्रेणी में आता है। कुछ निजी मॉनिटरिंग एजेंसियों के अनुसार यह स्तर दिन में कई बार 450 तक भी पहुँच गया।

सांसों पर संकट: PM2.5 और PM10 दोनों खतरनाक स्तर पर

पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार लोनी क्षेत्र में PM2.5 और PM10 दोनों ही कण प्रदूषक बेहद ऊँचे स्तर पर हैं। आंकड़ों के मुताबिक PM10 का स्तर 700 µg/m³ तक दर्ज हुआ, जो सुरक्षित सीमा (100 µg/m³) से सात गुना अधिक है।
वायु में यह घनत्व फेफड़ों और दिल की बीमारियों के लिए अत्यधिक हानिकारक माना जाता है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि सुबह और शाम के समय हवा में धुंध और धुएं की परत साफ दिखाई दे रही है। कई लोगों को आँखों में जलन, खाँसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएँ हो रही हैं।

प्रदूषण के मुख्य कारण

खेतों में पराली जलाने की घटनाएँ NCR के आसपास बढ़ी हैं।

ट्रॉनिका सिटी और लोनी औद्योगिक क्षेत्र में धूल, निर्माण कार्य और डीजल जनरेटरों का अत्यधिक प्रयोग हो रहा है।

वाहनों की बढ़ती संख्या और खराब सड़कें भी धूल प्रदूषण को बढ़ा रही हैं।

मौसम में ठंडक बढ़ने से प्रदूषक कण नीचे जमने लगे हैं, जिससे हवा का संचार सीमित हो गया है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि इस स्तर की हवा में लगातार रहना फेफड़ों, दिल और आंखों पर दीर्घकालिक असर डाल सकता है।
सिविल हॉस्पिटल, लोनी के एक चिकित्सक ने बताया —

> “बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को फिलहाल बाहर निकलने से बचना चाहिए। जो लोग सांस की बीमारियों या एलर्जी से ग्रसित हैं, वे घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और दवाइयाँ नियमित रूप से लें।”

प्रशासन और नागरिकों के लिए सुझाव

1. बाहरी गतिविधियाँ सीमित करें, खासकर सुबह और शाम के समय।

2. बाहर निकलते समय N95 या FFP2 मास्क का प्रयोग करें।

3. पौधे लगाना, धूल नियंत्रण उपाय और वाहन साझा उपयोग (कार पूल) अपनाएँ।

4. घरों और कार्यालयों में एयर प्यूरीफायर या गीले कपड़े से धूल सफाई करें।

5. बच्चों को खेलकूद के लिए फिलहाल घर के अंदर ही प्रेरित करें।

 

दीर्घकालिक उपाय

पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्थानीय स्तर पर “धूल नियंत्रण योजना”, औद्योगिक उत्सर्जन की निगरानी और ग्रीन बेल्ट बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
नागरिकों से भी अपील की जा रही है कि वे खुले में कूड़ा या लकड़ी न जलाएँ, ताकि प्रदूषण और न बढ़े।

लोनी और ट्रॉनिका सिटी में हवा का यह स्तर दिल्ली-एनसीआर के लिए खतरे की घंटी है। यदि तुरंत सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले हफ्तों में यह प्रदूषण जन-स्वास्थ्य संकट में बदल सकता है।

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