संवाददाता जन वाणी न्यूज़ अचानक आसमान से बरसने लगे रुपये, घर की छत पर मिले 100 और 200 के नोट, पुलिस ने मकान घेरा प्रयागराज। जनपद के एक गांव में कुछ ऐसा हुआ, जिससे वहां के लोगों में हड़कंप मच गया। एक घर के ऊपर अचानक आसमान से नोटों की बारिश होने लगी। घर की छत पर 100 और 200 के नोट फैल गए। जिस ग्रामीण की छत पर नोट मिले उसने हाथों में रुपये लेकर सबको दिखाए। घर में अचानक आसमान से नोटों की बारिश होने लगी। फिर क्या था आसमान से नोट बरसने की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। जिस घर के ऊपर आसमान से नोट बरस रहे थे उस घर पर लोगों को जमावड़ा लगने लगा। सभी लोगों में रहस्यमयी तरीके से छत पर गिरे नोटों को देखने का उत्साह बढ़ने लगा। इस खबर ने आम आदमी ही नहीं पुलिस को भी हैरत में डाल दिया। घर की छत पर नोट मिलने की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और जिस मकान पर नोट मिले उसे चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद भीड़ को कम किया गया। ग्रामीण के घर की छत पर मिले नोटों के पीछे की सच्चाई क्या है? इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे। पूरा मामला प्रयागराज जिले के विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बेरावां के पहलवान का पूरा गांव का है। तीन-चार दिन पहले पूरे क्षेत्र में अफवाह फैल गई थी कि मोतीलाल के छत पर नोटों की बारिश हो रही है। छत पर एक खून से मैसेज भी लिखा है, कहीं पर मोतीलाल मरेगा और उनके बाद बेटा अरुण। जितने लोग थे, उतनी बातें। सभी अपनी-अपनी कहानी गढ़ने में लगे थे। शाम को एक व्यक्ति ने 200 एवं 100 के नोट पाने की बात करते हुए नोट को छत से दिखाया। लेकिन जब जांच-पड़ताल की गई तो पूरा मामला अंधविश्वास का निकला। अंधविश्वास वाली बात पर ग्रामीणों ने भी मुहर लगा दी। ग्रामीणों ने बताया कि गांव का रहने वाला मोतीलाल अपने घर पर ही मरीजों को दवा आदि देने का काम करते हैं। वह निरंकारी समाज में संत की भांति प्रवचन भी देते हैं। ऐसे में उनके द्वारा यह भ्रामक सूचना इसलिए फैलाई जा रही है क्योंकि अंधविश्वास से भरे हुए लोग तंत्र-मंत्र के चक्कर में उनके यहां चढ़ावा चढ़ाएं और भविष्य में उन्हें भी संतों जैसी ख्याति अर्जित हो। वहीं दूसरी ओर जब मामले की जानकारी पुलिस को हुई तो वह भी मौके पर पहुंच गई। और उस मकान को घेर लिया, जिसकी छत पर नोटों की बारिश की बात कही जा रही थी। पुलिस ने मौके पर जांच पड़ताल की तो पूरा मामला अंधविश्वास का निकला। आनापुर पुलिस चौकी प्रभारी बृजेश कुमार तिवारी ने बताया, अंधविश्वास के सस्ते प्रचार के लिए ये सब किया गया है। उनकी जांच में कोई प्रामाणिक तथ्य नोट गिरने या बरसने के नहीं मिले हैं। छत से नोट मिलना किसी बुरी आत्मा का प्रभाव ग्रामीण मोती लाल ने बताया, अब तक उसने 600 रुपये के अलग-अलग नोट जलाए हैं। मोतीलाल पैसे गिरने को भगवान की माया बता रहा है। खून से लिखे मैसेज के सवाल पर ग्रामीण मोतीलाल ने बताया खून आदि से जो लिखा जा रहा है या खुद से ही पूजा हो रही है। उससे वह डरे नहीं हैं, बल्कि वह चैतन्य हैं। नोटों के जलने के बारे में वह कहते हैं की बुरी आत्माओं द्वारा नोट फेका जा रहे है, इसलिए उसे अपने पास न रखकर वह जला दे रहे हैं।