
बता दें कि भारत से प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में युवा स्टूडेंट वीजा लेकर कनाडा पढ़ाई करने जाते हैं। इनमें से कुछ छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद वापस लौट आते हैं। और कुछ कनाडा में ही बस जाते हैं. लेकिन, हाल ही में ‘इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटीजनशिप कनाडा’ (आई आर सी सी) ने एक ऐसी रिपोर्ट दी है जिससे दोनों देशों की एजेंसियों की नींद उड़ गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा पहुंचे लगभग 20 हजार भारतीय छात्र कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से ‘लापता’ हैं. वो अपने कॉलेज या विश्वविद्यालयों में नो-शो’ के रूप में चिह्नित किए गए हैं. सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि कनाडा के लिए स्टडी वीजा प्राप्त करने वाले लगभग 50,000 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को उनके संबंधित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में “नो-शो” के रूप में चिह्नित किया गया था. इनमें से लगभग 20,000 छात्र भारत से थे.
आईआरसीसी ने जितने विदेशी छात्रों का कनाडा में पंजीकरण किया था, गायब छात्रों का तादाद उसकी 6.9 प्रतिशत थी. ये आंकड़े के माध्यम से प्राप्त किए गए. यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके द्वारा शैक्षणिक संस्थानों को अध्ययन परमिट शर्तों के पालन को सत्यापित करने के लिए वर्ष में दो बार एडमिशन लेने वाले छात्रों की रिपोर्ट देनी होती है.
भारत से कनाडा पढ़ने गए 20 हजार छात्र लापता, रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, जानें पूरा मामला
मार्च और अप्रैल 2024 के दौरान, शैक्षणिक संस्थानों ने 144 देशों के छात्रों के बारे में आईआरसीसी को रिपोर्ट की. भारत से गए 3,27,646 छात्रों के रिकॉर्ड ठीक पाए गए. जबकि 19,852 का पता नहीं चला.
कनाडा के इमिग्रेशन विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकांश भारतीय छात्र जो अपने संस्थानों में नहीं आए, वे संभवतः कनाडा में ही हैं और स्थायी निवास पाने की कोशिश कर रहे हैं. इस मामले पर भारतीय एजेंसियों की भी नजर है. पिछले महीने, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा था कि वह कनाडा की सीमा से भारतीयों की तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कुछ कनाडाई कॉलेजों और कुछ भारतीय संस्थाओं की कथित संलिप्तता की जांच कर रहा है. कनाडा में अपनी पढ़ाई जारी रखने के बजाय, छात्र कथित तौर पर अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में घुस गए थे।