रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
बिहार में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से बढ़ा सियासी पारा
लोकतंत्र और चुनावी पारदर्शिता को मुद्दा बनाकर कांग्रेस का बड़ा दांव, विपक्षी एकता और नारेबाज़ी से गरमाया माहौल
पटना, 29 अगस्त 2025 — कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ा रही है। यह यात्रा—बेतिया से पटना तक फैली हुई—लोकतांत्रिक अधिकारों और चुनावी पारदर्शिता को केंद्र में रखकर, राज्यभर में तीव्रता से जारी है।
प्रमुख घटनाक्रम और राजनीतिक संदेश
यात्रा की प्रगति: बेतिया से शुरू होकर सीवान, गोपालगंज से होती हुई यात्रा आरा और पटना पहुंची, जो 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में समापन करेगी। यह अभियान लगभग 1,300 किलोमीटर का है और 20 से अधिक जिलों से गुज़र चुका है।
जनजागरण का संदेश: राहुल गांधी ने सीवान में कहा कि “वोट की चोरी संविधान पर हमला है,” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी द्वारा “गुजरात मॉडल” को वोट चोरी के रूप में राष्ट्रीय पैमाने पर लागू किया जा रहा है।
महागठबंधन की मौजूदगी: इस यात्रा में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, RJD नेता तेजस्वी यादव, और भाजपा से अलग खड़े महाराष्ट्र व यूपी के नेता भी शामिल रहे— जो विपक्ष में एकता का संदेश दे रहे हैं।
स्लोगन और विरोध: ‘वोट चोर—गद्दी छोड़’ जैसे नारे राहुल गांधी के भाषण का हिस्सा बने। वहीं, दरभंगा रैली में प्रधानमंत्री और उनकी मां के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल हुआ, जिस पर बीजेपी और राज्यपाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी; FIR भी दर्ज हुई।
राजनीतिक दृश्य: राहुल गांधी ने खुले जीप और मोटरसाइकिल रैली के माध्यम से जनता से सीधे संवाद स्थापित किया, जिसमें उनकी बहन प्रियंका गांधी व उनके साथ साइकिल चलाने वाले नेता शामिल थे।
महत्वपूर्ण बयान: उन्होंने कहा, “यह यात्रा बिहार की राजनीतिक समझ का प्रमाण है,” और वोटर अधिकार की लड़ाई को लोकतंत्र की रक्षा मानते हुए आयुक्त और PM मोदी पर चुनाव में धांधली के आरोप लगाए।
रणनीतिक अनुमान: राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह यात्रा कांग्रेस की बिहार में साख बनाने और महागठबंधन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश है।
संक्षिप्त सारांश:
विशेषता विवरण
यात्रा वोटर अधिकार यात्रा — 1,300 किमी, 20+ जिले, पटना में समापन
मुख्य बातें वोट चोरी व “वोटर अधिकार” की चेतना, गुजरात मॉडल की तीखी आलोचना
राजनीतिक समर्थन विपक्षी एकता की दृश्यता—तेजस्वी, स्टालिन, सिद्धरमैया शामिल
विवाद अपशब्द और FIRs, बीजेपी और राज्यपाल की निंदा
रणनीति कांग्रेस का बिहार में पुनरागमन—महागठबंधन में मजबूत स्थिति बनाए रखने की पहल।
