गुर्जर समाज का गौरव : चवन प्रकाश (रेक्सवाल) ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के रूप में शपथ ली

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़

गुर्जर समाज का गौरव : चवन प्रकाश (रेक्सवाल) ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के रूप में शपथ ली

इलाहाबाद/दिल्ली।
समस्त गुर्जर समाज के लिए यह अत्यंत हर्ष और गर्व का अवसर है कि समाज के होनहार, काबिल और मेहनती युवा श्री चवन प्रकाश (रेक्सवाल), निवासी दिल्ली के बदरपुर गाँव, ने 27 सितम्बर 2025 को उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के रूप में शपथ ग्रहण कर पदभार संभाला। यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत परिश्रम, निष्ठा और समर्पण का परिणाम है, बल्कि सम्पूर्ण गुर्जर समाज के लिए प्रेरणा और गर्व का विषय भी है।

प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा

चवन प्रकाश का जन्म 5 जुलाई 1971 को दिल्ली के बदरपुर क्षेत्र में हुआ। बचपन से ही उन्होंने शिक्षा को अपने जीवन का आधार बनाया।

वर्ष 1986 में हाईस्कूल,

1989 में इंटरमीडिएट,

1992 में विज्ञान वर्ग से स्नातक तथा

1997 में विधि स्नातक (एलएलबी) की उपाधि प्राप्त की।

उनकी शिक्षा यात्रा ने आगे चलकर न्यायिक सेवाओं में प्रवेश के लिए मजबूत आधार तैयार किया।

न्यायिक सेवा में सफर

चवन प्रकाश ने 15 दिसम्बर 2008 को उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में प्रवेश किया। अपनी निष्ठा और कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया।
उन्होंने एटा, सहारनपुर, आगरा सहित अनेक जनपदों में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में सेवाएँ दीं। इसके साथ ही वे वाणिज्यिक कर अधिकरण (ट्रिब्यूनल) तथा भूमि अधिग्रहण प्राधिकरण में भी अध्यक्ष व सदस्य के रूप में कार्यरत रहे।

इसके बाद वे क्रमशः

फर्रुखाबाद,

मुज़फ्फरनगर,

इटावा तथा

कानपुर नगर
जिलों में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में अपनी गरिमामयी सेवाएँ प्रदान करते रहे।

अपने लम्बे कार्यकाल में उन्होंने कानून के प्रति प्रतिबद्धता, निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांतों को सर्वोपरि रखते हुए सेवा की।

उच्च न्यायालय में पदोन्नति

उनकी योग्यता और समर्पित कार्यशैली को देखते हुए उन्हें 27 सितम्बर 2025 को उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्त किया गया। इसी दिन उन्होंने शपथ ग्रहण कर न्यायिक सेवा के एक नए अध्याय की शुरुआत की।

गुर्जर समाज के लिए गर्व का क्षण

चवन प्रकाश गुर्जर समाज से आने वाले तीसरे व्यक्ति हैं जिन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के रूप में पदभार ग्रहण किया है।
इससे पहले

माननीय न्यायमूर्ति अकरम चौधरी तथा

माननीय न्यायमूर्ति शहज़ाद अज़ीम
जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय में अपनी सेवाएँ प्रदान कर समाज और देश का गौरव बढ़ा रहे हैं।

गुर्जर समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने कहा कि यह उपलब्धि समाज को यह प्रेरणा देती है कि शिक्षा, परिश्रम और दृढ़ संकल्प के बल पर किसी भी मुकाम तक पहुँचा जा सकता है।

संदेश

यह उपलब्धि दर्शाती है कि समाज का हर युवा यदि शिक्षा को जीवन का आधार बनाकर कठिन परिश्रम करे, तो ऊँचे से ऊँचा पद प्राप्त कर सकता है।
गाँव से निकलकर न्यायिक सेवा के सर्वोच्च पदों में पहुँचना, यह स्वयं में ही युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

गुर्जर समाज के वरिष्ठजन और संगठन प्रतिनिधियों ने कहा —

> “यह क्षण न केवल चवन प्रकाश जी के व्यक्तिगत जीवन का गौरव है, बल्कि सम्पूर्ण समाज के लिए प्रेरणा और नई दिशा देने वाला है। इससे यह विश्वास पुख्ता होता है कि समर्पण, ईमानदारी और शिक्षा के बल पर कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।”

 

समाज की शुभकामनाएँ

समस्त गुर्जर समाज ने न्यायमूर्ति चवन प्रकाश (रेक्सवाल) को हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। समाज ने आशा व्यक्त की कि वे न्याय की रक्षा और विधि के शासन को सुदृढ़ बनाने में अपनी सेवाएँ उसी निष्ठा और ईमानदारी से प्रदान करेंगे, जिसके लिए वे अब तक जाने जाते रहे हैं।

 

यह उपलब्धि न केवल गुर्जर समाज, बल्कि सम्पूर्ण देश के लिए गर्व का विषय है। न्यायमूर्ति चवन प्रकाश की प्रेरणादायक यात्रा यह संदेश देती है कि शिक्षा और परिश्रम से सफलता की हर ऊँचाई प्राप्त की जा सकती है।

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