रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
“श्रावण मास में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु कानून व्यवस्था की दृष्टिगत पुलिस प्रबन्ध, मेरठ परिक्षेत्र मेरठ ”
मेरठ। परिक्षेत्र के चारो जनपद मेरठ, बुलन्दशहर, बागपत व हापुड़ मे 540 किमी का कांवड़ मार्ग है जिस पर 10 टोल प्लाजा स्थित है तथा 119 स्थलो पर बैरियर लगाये जा रहे हैं, जिनमे जनपद मेरठ मे 25, बुलन्दशहर मे 25, बागपत मे 51 एवं हापुड मे 18 स्थल पर बैरियर स्थापित किये जा रहे है।
परिक्षेत्र को 57 जोन व 155 सेक्टर में बांटा गया है जिसमे आवश्यकतानुसार 19 अपर पुलिस अधीक्षक, 54 सीओ, 265 निरीक्षक, 1823 उ0नि0, 2574 मु0आ0, 2860 आरक्षी, 1166 महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारी तथा यातायात पुलिस के 12 निरीक्षक, 117 उपनिरीक्षक, 175 मुख्य आरक्षी व 394 आरक्षी एवं पीएसी की 20 कम्पनी, सीएपीएफ-5 कम्पनी ड्यूटी लगाया जाना प्रस्तावित है।
कांवड़ियों की सुरक्षा हेतु ड्यूटी में लगे फोर्स के लिए कावड़ मार्ग के आसपास ही 184 रुकने के स्थान बनाये गये है । कांवड़ियो के ठहरने व विश्राम हेतु कांवड़ मार्ग पर 838 शिविर स्थापित होगें, जिसमे जनपद मेरठ मे 464, बुलन्दशहर मे 176, बागपत मे 90 एवं हापुड़ मे 108 शिविर लगाया जाना प्रस्तावित है।
मार्ग मे पड़ने वाले 184 मिश्रित आबादी क्षेत्र जिनमे जनपद मेरठ मे 64, बुलन्दशहर मे 59, हापुड मे 52 एवं बागपत मे 9 क्षेत्र चिन्हित किये गये है तथा कानून व्यवस्था की दृष्टि से व्यापक पुलिस प्रबन्ध किये गये हैं । पूरे श्रावण मास में पुरा महादेव मंदिर बागपत पर लगभग 20 लाख, बाबा औघड़नाथ मंदिर मेरठ पर 4 लाख, ब्रजघाट हापुड पर 4 लाख, अम्बकेश्वर महादेव मन्दिर अहार बुलन्दशहर पर 70 हजार तथा सबली मंदिर हापुड पर करीब 50 हजार श्रद्धालुओं का आना सम्भावित है।
कांवड यात्रा के दौरान भारी एवं हल्के वाहनो का अलग अलग डायवर्जन उन मार्गो पर किया गया है जो कावंडियो का कांवड मार्ग नही है। कांवडियो एंव कांवड यात्रा मे शामिल वाहनो को गंतव्य की ओर जाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल कांवड मार्गो एवं भीड के प्रेशर प्वाइन्टो पर लगाया जा रहा है। मन्दिरो एवं कांवड मार्गो पर आकस्मिक घटनाओं के दृष्टिगत उनसे निपटने के लिये स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कार्ययोजना (Contingency plan) तैयार की गयी है।
परिक्षेत्रीय जनपदो के पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी एवं थाना प्रभारियो द्वारा कावंड यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु पीस कमेटी/ धर्मगुरुओ/ सम्भ्रान्त व्यक्तियो/ शिविर संचालको/ आयोजको/ तथा अन्य विभागो जैसे पीडब्ल्यूडी , नगर निगम, विद्युत, स्वास्थ्य, रेलवे एवं टोल प्लाजा मैनेजर आदि के साथ लगातार गोष्ठिया की जा रही है।
कांवड़ मार्गो व प्रमुख मन्दिरो मे सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ करने हेतु रेंज एवं जनपदो मे कन्ट्रोल रुम स्थापित किये गये हैं, कन्ट्रोल रुम द्वारा मार्गो व मन्दिरो पर लगे सीसीटीवी कैमरो की मॉनीटरिंग की जायेगी। मन्दिरो के गर्भ गृह पर कुशल एवं मेहनती पुलिस कर्मियो की डयूटी लगाई जा रही है।
ड्रोन/आईपी कैमरो का कांवड यात्रा मार्गो पर व्यवस्थापन किया जा रहा है, जिनके माध्यम से कांवड मार्गो पर लगातार निगरानी रखी जायेगी।सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पीए सिस्टम, एएस चैक टीम, बीडीएस टीम, इंटेलीजेन्स को सक्रिय किया गया है।
आपात स्थिति मे तत्काल बचाव कार्य हेतु बाढ़ राहत एसडीआरएफ/ एनडीआरएफ व स्थानीय गोताखोर को सक्रिय किया गया है। परिक्षेत्र स्तर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अत्याधुनिक माध्यमो से निगरानी की जा रही है।
उक्त के अतिरिक्ट डीआईजी रेंज मेरठ कलानिधि नैथानी द्वारा कानून एवं व्यवस्था के दृष्टिगत परिक्षेत्र के सभी जनपद प्रभारियों को निम्नांकित निर्देश भी दिए गए है:-
कांवड यात्रा के दौरान भ्रामक सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से फैल जाने से भी कानून एवं शांति व्यवस्था प्रभावित होने की सम्भावना बनी रहती है ऐसी स्थिति से निपटने के लिये जनपदीय सोशल मीडिया सेल द्वारा निरन्तर मॉनिटरिंग करते हुए उच्चाधिकारियो के संज्ञान मे लाकर तत्काल भ्रामक सूचनाओ का खंडन किया जाए तथा आपत्तिजनक पोस्ट करने वालो के खिलाफ कडी कार्यावाही करें । श्रद्धालुओं के आने-जाने वाले मार्ग पर सादे वस्त्रों में लगाये गये पुरूष व महिला पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया जाए कि असामाजिक तत्वों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ किसी भी प्रकार की घटना पर तत्काल कार्यवाही करें। कांवड़ मार्गो पर आवश्यकतानुसार महिला पुलिस कर्मियों की डयूटी लगायी जाये ।
खोया-पाया केन्द्र बनाया जाये जिससे किसी बच्चे/व्यक्ति/वस्तु के खोने पर श्रद्धालुओं की मदद की जा सके।असामाजिक तत्व, अफवाह फैलाने वाले, साम्प्रदायिक तथा धार्मिक उन्माद फैलाने वालो की गतिविधियो पर सतर्क दृष्टि रखकर गतिविधियो के सापेक्ष उनके विरुद्ध गुणात्मक निरोधात्मक कार्यवाही की जाये, ताकि इस प्रकार के तत्वों को कांवड़ यात्रा के दौरान किसी प्रकार की घटना कारित करने का अवसर न मिल सके।