
नई दिल्ली। पटपड़गंज विधानसभा से आम आदमी पार्टी के घोषित प्रत्याशी अवध ओझा के पटपड़गंज से चुनाव लड़ने की मंशा पर विपक्षी खेमें में पहले से ही चर्चा थी, लेकिन जिस प्रकार से उन्होंने बिना किसी तैयारी के पटपड़गंज में नामांकन यात्रा निकाला उसी का नतीजा रहा कि आम आदमी पार्टी ने वरिष्ठ कार्यकर्ता कुलदीप भंडारी को भी नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कहा है।
विधानसभा क्षेत्र में इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि जिस प्रकार से उप मुख्यमंत्री रह चुके मनीष सिसोदिया अनिल कुमार के कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने की सूचना से घबराकर पटपड़गंज विधानसभा छोड़कर जंगपुरा चले गए उसके बाद से ओझा ने भले ही चुनाव लड़ने के लिए शुरुआत में अपनी मंशा दिखाई लेकिन कुछ दिनों के भीतर ही उन्होने जमीनी हकीकत से वाकिफ होते ही अपने विचार बदल लिए।
राजनीतिक विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अपने चुनाव नहीं लड़ने के बदले विचार की वजह से ही उन्होंने खुद को पटपड़गंज में वोटर के रूप में रजिस्टर होने में विलंब किया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओझा ने चुनाव लड़ने के लिए जो रकम लिए है , असल में उसे चुकाने का भरोसा खुद पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ही उन्हें दिया था। उसके बाद ही नामांकन के ठीक कुछ दिन पूर्व उन्होंने चुनाव के लिए भारी भरकम रकम लोन के रूप में बैंकों से ली।
आम आदमी पार्टी के नेताओं को सबसे अधिक चिंता ओझा द्वारा अपने नामांकन को वापस लेने को लेकर बनी हुई है। हालांकि शनिवार को यह स्पष्ट हो जाएगा कि अरविन्द केजरीवाल के दवाब के बाद भी वे चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
आप पार्टी को ओझा को पटपड़गंज से चुनाव लड़ने पर पूर्वांचल समुदाय से समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी के दमदार उम्मीदवार अनिल कुमार के मैदान में आने से उनकी सभी रणनीति विफल साबित नजर आ रही हैं। दलित, मुस्लिम कांग्रेस की तरफ थे ही रिकॉर्ड मतों से जीतने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर इसको लेकर आम आदमी पार्टी में खलबली मची है।