रविन्द्र बंसल वरिष्ठ संवाददाता/ जन वाणी न्यूज़
बलिया। नरही थाने के प्रभारी को डेढ़ करोड़ रूपये महीना की कमाई एडीजी व डीआईजी ने मारा छापा, नगदी बरामद पुलिसकर्मी थाने से भागे
उत्तर प्रदेश का बलिया जनपद आज सुर्खियों में है. वजह पुलिस के दो बड़े अधिकारियों ने भरौली पुलिस चेक पोस्ट पर छापेमारी की।
इस दौरान दो पुलिसकर्मी सहित 18 लोगों को हिरासत में ले लिया, जबकि चेक पोस्ट से 37,500 की नकदी बरामद की। यही नहीं जिस नरही थाना क्षेत्र के अंतर्गत ये चेक पोस्ट आती थी, उस थाने के प्रभारी सहित नौ पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया। वहीं कोरंटाडीह पुलिस चौकी के प्रभारी समेत वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया है। हालांकि इस सबके बीच सवाल ये उठता है कि आखिर ये छापमारी क्यों की गई?
नरही थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाला भरौली पुलिस चेक पोस्ट गंगा नदी पुल पर बना हुआ है। गंगा नदी के उस पार से बिहार की सीमा शुरू हो जाती है। आरोप है कि यहां से बड़े पैमाने पर शराब, लाल बालू, मिट्टी और पशुओं की तस्करी की जाती है। इस तस्करी में नरही थाने के साथ-साथ आसपास की पुलिस चौकी और भरौली पुलिस चेक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मी तक शामिल रहते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक बीते कुछ दिनों से पुलिस अधिकारियों को शिकायत मिल रही थी कि भरौली पुलिस चेक पोस्ट पर तस्करी के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है। शिकायत के आधार पर ही डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण और एडीजी वाराणसी जोन पीयूष मौर्या बुधवार / गुरुवार की मध्य रात्रि को सादि कपड़ो में सबसे पहले नरही थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले भरौली चेक पोस्ट पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों की गाड़ियां देख चेक पोस्ट पर अफरा तफरी का माहौल बन गया।
उस समय चेक पोस्ट पर तैनात तीन पुलिसकर्मी तो भाग निकले, जबकि दो को पुलिस कर्मियों को भागते हुए डीआईजी वैभव कृष्ण की टीम ने दबोच लिया। वहीं उसी समय चेक पोस्ट पर मौजूद 16 अन्य लोगों को भी हिरासत में ले लिया। जामा तलाशी में इनके कब्जे से 37,500 रुपए की नकदी बरामद भी बरामद हुई। इसके बाद दोनों पुलिस अधिकारी टीम के साथ कोरंटाडीह पुलिस चौकी पर पहुंचे तो वहां भी वसूली होती पाई गई। यह देख पुलिस अधिकारी भी सकते में आ गए, क्योंकि उनको जो शिकायत मिली थी, वो सही साबित हो रही थी। पुलिस अधिकारियों को शक गहराया तो वह नरही थाने भी पहुंच गए, थाने में भी अवैध उगाही का खेल चल रहा था।