विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने दिया पार्टी के स्पष्टीकरण नोटिस का जवाब पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप कहा बवाल कर पुलिस चाहती थी उनकी हत्या करना

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक  / जन वाणी न्यूज़           

गाजियाबाद। लोनी  के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखकर दिया कारण बताओं नोटिस का जवाब। विधायक द्वारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रेषित पत्र में स्थानीय पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप। बवाल कर कर पुलिस चाहती थी उनकी हत्या करना।                                                      विधायक नंदकिशोर गुर्जर द्वारा 27 मार्च को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को प्रेषित पत्र में उल्लेख किया गया है। आपका कारण बताओं नोटिस प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया है कि मेरे द्वारा (विधायक नंदकिशोर द्वारा) सरकार के खिलाफ बयान दिया गया। इस संबंध में विधायक ने लिखा कि वह 1989 से संघ के स्वयंसेवक सेवक हैं। और वह छात्र संघ अध्यक्ष, युवा मोर्चा की राष्ट्रीय टीम, किसान मोर्चा की राष्ट्रीय टीम, क्षेत्रीय समिति का सदस्य, गाजियाबाद जिले का अध्यक्ष व बागपत जिले के प्रभारी रह चुके हैं। विधायक ने पत्र में उल्लेख किया कि इस दौरान उन्होंने पार्टी के लिए अथक परिश्रम किया। मेरा प्रत्येक वक्तव्य व कृत्य राष्ट्र धर्म, एवं गौ रक्षा , हिंदुत्व, सांस्कृतिक मूल्यों के लिए समर्पित रहा। मैं भाजपा का अनुशासित व समर्पित कार्यकर्ता हूं, भाजपा मेरे प्राणों के समान है।इस विचारधारा के हम लोग वर्ष 2010 से बसपा के शासनकाल से राम कथा का आयोजन हो रहा है, जो पूज्य अतुल कृष्ण भारद्वाज जी ( संघ के पूर्व प्रचारक एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता) वरिष्ठ कार्यकर्ता द्वारा किया जाता है। वह पिछले 30 वर्षों से राम नाम के द्वारा हिंदू समाज को जागृत कर रहे हैं। राम कथा को लेकर 20 मार्च को कलश यात्रा प्रारंभ हुई। विधायक के अनुसार इस दौरान उनके सर पर पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस था। पत्र में विधायक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस दौरान पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें  पार कर दी। यात्रा पर लाठी चार्ज कर दिया इस दौरान महिलाओं के वस्त्र फट गए और कलश टूट गए, पुलिस ने मेरे साथ भी ऐसी अभद्रता की गई कि मेरे कपड़े फट गए। और वह जमीन पर गिर गए। इस घटना में यात्रा में शामिल दर्जन ऑन महिलाओं एवं पुरुषों को चोट चोट आई। जिनकी एमएलसी भी बनी है। आगे विधायक ने लिखा है कि मैं अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए नशे में धुत पुलिस अधिकारी से पवित्र रामचरित्रमानस को छीनकर फाड़ने से बचाया।मैं जनता से हाथ जोड़कर शांति की अपील की क्योंकि कलश लेकर चल रही 11000 महिलाएं और हजारों पुरुष आक्रोशित थे। विधायक ने कहा कि उन्होंने स्थिति को संभाल और यात्रा पुरी करायी। पुलिस द्वारा यात्रा को रोकने और की गई बर्बरता पूर्ण कार्रवाई से देश विदेश के करोड़ों हिंदुओं में आक्रोश है। विधायक ने पत्र में खुलासा किया कि उन्हें लखनऊ के एक आईपीएस में बताया कि कलश यात्रा अनुमति में होने का बहाना लेकर रोकेगी। और यदि यात्रा निकालने पर जोर दिया गया तो लाठी चार्ज किया जाएगा। विधायक ने पत्र में पुलिस पर गंभीर लगाते हुए कहा कि यदि स्थिति बिगड़ी तो पुलिस द्वारा गोली चलाकर मेरी हत्या कर दी जाएगी। विधायक का आरोप है कि यह पूरा षड्यंत्र एक बड़े अधिकारी द्वारा रचा गया था। उन्होंने आगे लिखा है कि मैं इतिहास के तौर पर अनुमति देकर ही यात्रा प्रारंभ की। इसके बावजूद और अनुमति पत्र दिखाने के बाद भी पुलिस ने माता बहनों के साथ बरबरता की  जो उपवास में थी और नंगे पैरों चल रहे थी। विधायक ने पत्र में उल्लेख किया है कि उन्हें पहले ही उन तीन मुस्लिम युवकों ने बता दिया था जिनको पुलिस ने बुलाकर यात्रा पर पथराव कर दंगा कराने की योजना बनाई थी। पुलिस ने इन लोगों से कहा था कि छतों से पत्थर फेंक देना जिस पर बवाल होगा और पुलिस गोली चलाकर मेरी यानी (विधायक की) हत्या कर देगी।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गए स्पष्टीकरण पत्र में विधायक द्वारा पुलिस पर काफी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है इन आरोपों की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होना बहुत जरूरी है। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। अगर अधिकारियों द्वारा इस तरह की साजिश रची गई है तो सरकार को ऐसे अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए। जबकि एसीपी अंकुर विहार  ने विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।गाजियाबाद। लोनी के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखकर दिया कारण बताओं नोटिस का जवाब। विधायक द्वारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रेषित पत्र में स्थानीय पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप। बवाल कर कर पुलिस चाहती थी उनकी हत्या करना।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर द्वारा 3 मार्च को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को प्रेषित पत्र में उल्लेख किया गया है। आपका कारण बताओं नोटिस प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया है कि मेरे द्वारा (विधायक नंदकिशोर द्वारा) सरकार के खिलाफ बयान दिया गया। इस संबंध में विधायक ने लिखा कि वह 1989 से संघ के स्वयंसेवक सेवक हैं। और वह छात्र संघ अध्यक्ष, युवा मोर्चा की राष्ट्रीय टीम, किसान मोर्चा की राष्ट्रीय टीम, क्षेत्रीय समिति का सदस्य, गाजियाबाद जिले का अध्यक्ष व बागपत जिले के प्रभारी रह चुके हैं। विधायक ने पत्र में उल्लेख किया कि इस दौरान उन्होंने पार्टी के लिए अथक परिश्रम किया। मेरा प्रत्येक वक्तव्य व कृत्य राष्ट्र धर्म, एवं गौ रक्षा , हिंदुत्व, सांस्कृतिक मूल्यों के लिए समर्पित रहा। मैं भाजपा का अनुशासित व समर्पित कार्यकर्ता हूं, भाजपा मेरे प्राणों के समान है।
इस विचारधारा के हम लोग वर्ष 2010 से बसपा के शासनकाल से राम कथा का आयोजन हो रहा है, जो पूज्य अतुल कृष्ण भारद्वाज जी ( संघ के पूर्व प्रचारक एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता) वरिष्ठ कार्यकर्ता द्वारा किया जाता है। वह पिछले 30 वर्षों से राम नाम के द्वारा हिंदू समाज को जागृत कर रहे हैं।
राम कथा को लेकर 20 मार्च को कलश यात्रा प्रारंभ हुई। विधायक के अनुसार इस दौरान उनके सर पर पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस था। पत्र में विधायक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस दौरान पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें
पार कर दी। यात्रा पर लाठी चार्ज कर दिया इस दौरान महिलाओं के वस्त्र फट गए और कलश टूट गए, पुलिस ने मेरे साथ भी ऐसी अभद्रता की गई कि मेरे कपड़े फट गए। और वह जमीन पर गिर गए। इस घटना में यात्रा में शामिल दर्जन ऑन महिलाओं एवं पुरुषों को चोट चोट आई। जिनकी एमएलसी भी बनी है। आगे विधायक ने लिखा है कि मैं अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए नशे में धुत पुलिस अधिकारी से पवित्र रामचरित्रमानस को छीनकर फाड़ने से बचाया।
मैं जनता से हाथ जोड़कर शांति की अपील की क्योंकि कलश लेकर चल रही 11000 महिलाएं और हजारों पुरुष आक्रोशित थे। विधायक ने कहा कि उन्होंने स्थिति को संभाल और यात्रा पुरी करायी। पुलिस द्वारा यात्रा को रोकने और की गई बर्बरता पूर्ण कार्रवाई से देश विदेश के करोड़ों हिंदुओं में आक्रोश है। विधायक ने पत्र में खुलासा किया कि उन्हें लखनऊ के एक आईपीएस में बताया कि कलश यात्रा अनुमति में होने का बहाना लेकर रोकेगी। और यदि यात्रा निकालने पर जोर दिया गया तो लाठी चार्ज किया जाएगा। विधायक ने पत्र में पुलिस पर गंभीर लगाते हुए कहा कि यदि स्थिति बिगड़ी तो पुलिस द्वारा गोली चलाकर मेरी हत्या कर दी जाएगी। विधायक का आरोप है कि यह पूरा षड्यंत्र एक बड़े अधिकारी द्वारा रचा गया था। उन्होंने आगे लिखा है कि मैं इतिहास के तौर पर अनुमति देकर ही यात्रा प्रारंभ की। इसके बावजूद और अनुमति पत्र दिखाने के बाद भी पुलिस ने माता बहनों के साथ बरबरता की जो उपवास में थी और नंगे पैरों चल रहे थी। विधायक ने पत्र में उल्लेख किया है कि उन्हें पहले ही उन तीन मुस्लिम युवकों ने बता दिया था जिनको पुलिस ने बुलाकर यात्रा पर पथराव कर दंगा कराने की योजना बनाई थी। पुलिस ने इन लोगों से कहा था कि छतों से पत्थर फेंक देना जिस पर बवाल होगा और पुलिस गोली चलाकर मेरी यानी (विधायक की) हत्या कर देगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गए स्पष्टीकरण पत्र में विधायक द्वारा पुलिस पर काफी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है इन आरोपों की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच होना बहुत जरूरी है। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। अगर अधिकारियों द्वारा इस तरह की साजिश रची गई है तो सरकार को ऐसे अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए। जबकि एसीपी ने विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।

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