रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़ जोधपुर। एसीबी द्वारा झंवर थाना प्रभारी को 50 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए, रंगे हाथों किया गिरफ्तार। मारपीट के मुकदमे को रफा दफा करने के लिए मांगी गई थी रिश्वत। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी की जोधपुर शहर इकाई को एक शिकायत मिली कि झंवर थाने में दर्ज एक मामले को रफा दफा करने और प्रतिवादी के पक्ष में कार्रवाई करने के लिए थाना प्रभारी मूलराम चौधरी ने 50000 हजार रुपये की रिश्वत मांगी है। शिकायत मिलने के बाद उप महानिदेशक हरेंद्र महावर के निर्देशन में एसीबी की शहर इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चक्रवर्ती सिंह राठौड़ के नेतृत्व में एक टीम गठित कर कार्रवाई की गई। जिसमें झंवर थाना प्रभारी मूलराम चौधरी को 50 हजार रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एसीबी द्वारा आरोपी से पूछताछ की जा रही है । थाना प्रभारी मूलराम चौधरी ट्रैप की कार्रवाई के दौरान पुलिस की वर्दी में ही था। एसीबी द्वारा अब पूरे प्रकरण को लेकर थाना प्रभारी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है । एसीबी के अतिरिक्त अधीक्षक चक्रवर्ती सिंह ने बताया कि परिवादी के विरुद्ध थाने में एक मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले को रफा दफा करने और परिवादी के विरुद्ध कोई कार्रवाई न करने के लिए थाना प्रभारी मूलराम चौधरी ने 50000 हजार रूपये की मांग की थी। इस पर परिवादी ने 17 दिसंबर को एसीबी कार्यालय से संपर्क किया था। जिस पर अगले दिन इस मंगलवार को सत्यापन कराया गया। सत्यापन में यह मांग सही पाई गई जिस पर एसीबी की टीम थाना प्रभारी को ट्रैप करने में जुट गई। मंगलवार को दोबारा प्रतिवादी थाने पहुंचा और थाना प्रभारी से अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे की फाइल के बारे में जानकारी ली। इस पर थाना प्रभारी द्वारा प्रतिवादी से इस समय ₹4000 लिए गए और बाकी की रकम शाम तक देने के लिए कहा गया। आरोपी थानेदार को ट्रैप करने के लिए एसीबी द्वारा मंगलवार शाम को ही पूरी तैयारी कर ली गई, लेकिन शाम को आरोपी थाना प्रभारी पैसे लेने के लिए मूलाराम चौधरी थाने नहीं आया। इस पर बुधवार सुबह से ही एसीबी की टीम ने 8:00 बजे से ही थाने के आस – पास घेरा डाल दिया था। बुधवार को थाना प्रभारी पैसे लेने के लिए थाने आया और उसने प्रतिवादी से पैसे लिए इसके बाद थाने की जीप में बैठ गया। एसीबी की टीम ने पैसे लेते ही थाना प्रभारी को रंगे हाथों दबोच लिया। इस मामले में जांच अधिकारी खुद थाना प्रभारी ही था इसलिए उसने मारपीट के मामले को रफा दफा करने के लिए रिश्वत मांगी थी। अब एसीबी की टीम इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।