संवाददाता जन वाणी न्यूज़
लोनी। जन वाणी डिजिटल की खबर का असर
एसीपी लोनी ने बताया कि ट्रॉनिका सिटी थाने पर पीड़िता द्वारा तहरीर दी गई। जिसमें बताया गया कि वह चांद नामक लड़के को पिछले एक वर्ष से जानती थी । चांद द्वारा पिछले एक वर्ष से शादी का झांसा देकर पीड़िता से सम्बन्ध बनाये जा रहे थे । 7 अक्टूबर को चांद द्वारा अपने दोस्त के ऑफिस पर पीड़िता को बुलाया गया। जहां पर चांद के द्वारा पीड़िता के साथ सम्बन्ध बनाये गये। तथा चांद के अलावा तीन अन्य दोस्तों ने भी पीड़िता के साथ जबरदस्ती सम्बन्ध बनाये । उक्त सूचना पर थाना ट्रोनिका सिटी पर तत्काल सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया तथा टीमों का गठन करते हुए अभियुक्त चांद तथा दो अन्य बाल अपचारी को हिरासत में लिया गया। पीड़िता द्वारा घटना की तहरीर 8 अक्टूबर को ही दे दी गई थी। लेकिन मुकदमा 10 अक्टूबर की रात में दर्ज हुआ। वह भी तब जब जन वाणी न्यूज़ द्वारा इस घटना की खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया। पुलिस के मुताबिक एक अन्य अभियुक्त की तलाश की जा रही है । अग्रिम विधिक कार्यवाही प्रचलित हैं। यह मामला जब पीड़िता जन वाणी न्यूज़ के प्रधान संपादक से स्वयं मिली और आपबीती सारी कहानी बताई। जनवाणी न्यूज़ के प्रधान संपादक द्वारा इस मामले में खबर लिखी गई और उच्च अधिकारियों को एक्स पर अवगत कराया गया । तब जाकर इस मामले में उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई हुई वह पीड़िता का मुकदमा दर्ज किया गया। उसके बाद यह गिरफ्तारी हुई है। वरना एसीपी लोनी द्वारा सारे मामले को दबा दिया गया था। पीड़िता द्वारा तहरीर 8 अक्टूबर को दे दी गई थी। जिसको 10 अक्टूबर का देना दर्शाया गया है। पुलिस की कार्य प्रणाली पर यहां सवालिया निशान खड़े होते हैं? मामला भी दो समुदायों के बीच का था। पीड़िता की तहरीर पर चौकी इंचार्ज के लिए मार्क करके पुलिस ने अपने कर्तव्य की इतिश्री करली लेकिन इतनी बड़ी घटना के विषय में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई । ना ही आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई। इससे पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हैं? जन वाणी डिजिटल न्यूज़ द्वारा जब इस मामले को उजागर किया गया। तब जाकर आनन -फानन में मुकदमा दर्ज कर आरोपीयों को गिरफ्तार कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई है। जबकि पीड़िता का कहना है कि वह एसीपी लोनी से मिली थी और आपबीती बताई थी। लेकिन एसीपी द्वारा उनका डांटकर कर भगा दिया गया था। इस बारे में एसीपी लोनी सूर्यबली मौर्य से बात करने पर बताया गया कि पीड़िता उनसे मिली ही नहीं।