रविंद्र बसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़ लोनी। तहसील के यमुना खादर क्षेत्र में नियम कानून को ताक पर रखकर यमुना की कोख चीरकर भारी पैमाने पर किया जा रहा है अवैध खनन। खनन माफियाओं द्वारा बड़े पैमाने पर यमुना नदी में अवैध खनन किया जा रहा है। आलम यह है कि खनन कर्ताओं द्वारा यमुना नदी की धार को मोड़कर बीचों-बीच से बालू निकाला जा रहा है। जिससे जलचर जीवों का जीवन तो संकटमय हो ही गया है। इसके अलावा पर्यावरण पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन व पुलिस द्वारा इस और से आंखें मूंद रखी हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध खनन के इस कारोबार में खनन माफियाओं को जनप्रतिनिधि, पुलिस, प्रशासन एवं पत्रकारों का पूर्ण सहयोग है । इसका एक उदाहरण यह भी है कि जिन पत्रकारों को खनन माफियाओं द्वारा सुविधा शुल्क नहीं दिया गया। उनके द्वारा सोशल मीडिया पर खूब ढिंढोरा पीटा गया कि कुछ पत्रकारों को एसीपी लोनी के ऑफिस की चारदीवारी के अंदर ऑफिस के सामने अवैध खनन के विरुद्ध खबर ने लिखने के लिए पैसों का बांटे गए। इससे यह प्रतीत होता है कि यह सब खेल एसीपी कार्यालय से संचालित हो रहा है। पुलिस को भी अवैध खनन की एवज में एक भारी भरकम रकम सुविधा शुल्क के रूप में मिलती है। सूत्रों का यहां तक भी कहना है कि जनप्रतिनिधि भी इस रेत के खेल में शामिल हैं। पहले तो जनप्रतिनिधि अवैध खनन के खिलाफ अपनी ही सरकार के विरुद्ध धरना धरकर बैठ जाते थे, लेकिन अब सब कुछ जानते हुए अंजान बने हुए हैं। इससे साफ प्रतीत होता है की सभी के गठजोड़ से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। और जलचरों के जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार को भी प्रतिदिन अवैध खनन के कारण लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। सभी जगह शिकायत करने के बावजूद कोई भी इस और ध्यान नहीं दे रहा है। कुछ पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर कई दिन तक तीर चलाए लेकिन अब उन्होंने भी अपना गांडीव रख दिया है। इसका कारण क्या है यह तो वह ही जाने? लेकिन शब्दों के बांण अवैध खनन के विरुद्ध अब सोशल मीडिया पर नहीं चल रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खनन माफियाओं द्वारा उनके मुंह बंद कर दिए गए हैं। क्षेत्र के नागरिक भारी पैमाने पर चल रहे बालू व मिट्टी के अवैध खनन को लेकर काफी आक्रोशित हैं, और एनजीटी में जनहित याचिका लगाने की पूर्ण तैयारी कर चुके है। अब न्यायालय के सहारे ही वह क्षेत्र के पर्यावरण को बचाने का प्रयास करेंगे क्षेत्र के किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने बताया की जनहित याचिका के लिए अधिवक्ता हायर कर लिए गए हैं। और जल्दी ही याचिका न्यायालय में दायर कर दी जाएगी। अगर इससे भी बात नहीं बनी तो अवैध खनन के विरुद्ध व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा जिसके लिए प्रशासन को जल्द ही ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। इसको लेकर किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल पहले एसडीएम लोनी वह फिर गाजियाबाद जाकर डीएम से मिलेगा। यमुना में खनन माफियाओं द्वारा कई स्थानों पर किया जा रहा है अवैध खान।