अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी झेल रहे ग्रे. नो. प्राधिकरण के अधिकारियों की वीआईपी आवभगत में ड्यूटी लगने से सरकारी कामकाज में हो रहा विलंब

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                            जन वाणी न्यूज़                                 

अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी झेल रहे ग्रे. नो. प्राधिकरण के अधिकारियों की वीआईपी आवभगत में ड्यूटी लगने से सरकारी कामकाज में हो रहा विलंब

अति विशिष्ट व्यक्तियों के ज्यादा आवागमन वाले जनपदों में अलग से बनाया जाए वीआईपी ड्यूटी और प्रोटोकॉल शैल

करमवीर नागर प्रमुख

गौतमबुद्धनगर। अगर नजर डाली जाए तो प्रदेश के मंत्री और उपमुख्यमंत्री जैसे तमाम अति विशिष्ट व्यक्तियों का आवागमन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आए दिन लगा रहता है। गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जैसे कुछ चुनिंदा जिलों में तो शायद ही कोई दिन ऐसा हो जिस दिन किसी वीआईपी की आमद न होती हो। हालांकि यह अलग विषय है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में अति विशिष्ट व्यक्तियों का जल्दी-जल्दी आना अपने अधीन महकमों की समीक्षा करना अथवा भाजपा संगठन को मजबूत करना हो सकता है। लेकिन इन अति विशिष्ट व्यक्तियों के आए दिन आगमन से कई सवाल उठने स्वाभाविक हैं। जिनमें प्रथम तो यह है कि क्या प्रदेश के पूर्वांचल जिलों में भी इन अति विशिष्ट व्यक्तियों का इसी तरह आवागमन रहता है? जैसे गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद आदि जनपदों में आए दिन जल्दी-जल्दी होता रहता है ? दूसरा सवाल यह उठता है कि पूर्वांचल के जिलों में भी अगर इसी तरह रिपीटेडली आवागमन रहता है तो फिर लखनऊ में बैठकर अपना कामकाज पूरा करने के लिए समय कैसे निकालते हैं ? अगर अति विशिष्ट व्यक्तियों के विभिन्न जनपदों में भ्रमण से आम जनता को होने वाले फायदे नुकसान पर दृष्टि डालें तो सच्चाई यह है कि इनका भ्रमण आम जनता के लिए खास फायदेमंद इसलिए नजर नहीं आ रहा क्योंकि राजनेताओं के भ्रमण के दौरान महकमों की पोल खुलने के भय से अधिकारी नेताओं को जनता से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं बनाते हैं। हालांकि इसका दोष एक तरफा अधिकारियों पर मंढ़ना भी इसलिए उचित नहीं कि अगर राजनेता आम जनता से मिलने के लिए रुचिकर हो तो अधिकारियों की कोई मजाल नहीं की जनता दरबार लगाने से रोक पाए। अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जैसे चुनिंदा जनपदों में अति विशिष्ट व्यक्तियों के जल्दी-जल्दी आगमन को भाजपा संगठन को मजबूत करने की दृष्टि से देखा जाए तो इन जनपदों में तो सभी विधायक, सांसद, नगर पालिकाओं और नगर निगमों के अध्यक्ष होने से भाजपा अच्छी खासी मजबूत स्थिति में है।

मुझे यह कहने में कतई गुरेज नहीं कि गाजियाबाद और गौतम बुद्धनगर में अति विशिष्ट व्यक्तियों के जल्दी-जल्दी आगमन से आम जनता की समस्याओं के तीव्रता से निस्तारण की बजाय सरकारी महकमों के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के अति विशिष्ट व्यक्तियों की आवभगत और प्रोटोकॉल में लगे रहने से आम लोगों की समस्याओं का निस्तारण समय से नहीं हो पा रहा है।

अगर विशेष तौर पर जनपद गौतमबुद्ध नगर पर फोकस करें तो शायद ही ऐसा कोई दिन हो जिस दिन गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में कोई वीआईपी न ठहरे रहता हो। इसलिए आए दिन नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की फौज वीआईपी ड्यूटी और प्रोटोकॉल में लगी रहती है। जिससे उन किसानों और आम जनता के कार्यों में विलंब होना स्वाभाविक है जो वर्षों से निस्तारण की बाट जोह रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ स्तर के अधिकारियों की वीआईपी ड्यूटी और प्रोटोकॉल निभाने की वजह से कामकाज पूरी तरह ठप्प सा पड़ गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कई गठित कमेटियों की मीटिंग नहीं हो पा रही है। समय से फाइलों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इसलिए प्रदेश सरकार को गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जैसे उन जनपदों में तो अलग से वीआईपी ड्यूटी और प्रोटोकॉल शैल बना देना चाहिए जहां आए दिन अति विशिष्ट व्यक्तियों का आवागमन लगा रहता है। ताकि सरकारी कामकाज प्रभावित न होने पाए।

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