गाजियाबाद का लोनी क्षेत्र वर्तमान में वायु प्रदूषण के मामले में अत्यधिक चिंताजनक स्थिति में
रविन्द्र बंसल
लोनी 22 अक्टूबर । को लोनी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 के आसपास दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए।
प्रदूषण के प्रमुख कारण:
1. औद्योगिक गतिविधियाँ: लोनी क्षेत्र में लगभग 450 औद्योगिक इकाइयाँ स्थित हैं, जो वायु प्रदूषण का प्रमुख स्रोत हैं।
2. निर्माण कार्य: निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल भी प्रदूषण में योगदान करती है।
3. वाहन उत्सर्जन: घनी आबादी और वाहनों की अधिकता के कारण वाहन उत्सर्जन भी प्रदूषण का कारण बनता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
‘गंभीर’ AQI स्तर का मतलब है कि सभी व्यक्तियों को खुले में शारीरिक गतिविधियों से बचना चाहिए। लंबे समय तक इस प्रकार के प्रदूषण के संपर्क में आने से श्वसन संबंधी बीमारियाँ, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
सरकारी कदम और सुझाव:
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है और प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभिन्न उपायों की योजना बनाई है। स्थानीय प्रशासन ने निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण, औद्योगिक उत्सर्जन की निगरानी और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए हैं।
लोनी क्षेत्र में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए, नागरिकों को चाहिए कि वे मास्क पहनें, घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और आवश्यकता पड़ने पर ही घर से बाहर निकले , आमतौर पर बाहर जाने से बचें। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों की संयुक्त कोशिशों से ही इस समस्या का समाधान संभव है।
