गाजियाबाद पचैरा, बदरपुर, मीरपुर सहित यमुना तटवर्ती गाँवों में बाढ़ का हाल: जलस्तर, राहत एवं प्रशासनिक तैयारी

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़         

गाजियाबाद पचैरा, बदरपुर, मीरपुर सहित यमुना तटवर्ती गाँवों में बाढ़ का हाल: जलस्तर, राहत एवं प्रशासनिक तैयारी

 

समसामयिक बाढ़ की स्थिति

जलस्तर में उफान

लोनी। हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण लोनी क्षेत्र के पचैरा, बदरपुर, मीरपुर हिंदू और अन्य गाँवों में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा।

लोनी में वर्तमान जलस्तर 

211.20–211.50 मीटर तक पहुँच चुका है—जो कि खतरे के निशान (212 मीटर) के बहुत करीब और कभी-कभी उससे ऊपर है।
इससे खादर क्षेत्र की जमीन जलमग्न हुई, खेतों में पानी भर गया और पशु-पक्षियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई।

प्रभावित गाँवों की सूची

पचैरा (Pacheyara), बदरपुर (Badarpur), मीरपुर हिंदू, नैरासपुर, अलीपुर, हरमपुर, इलाइचीपुर, खानपुर जप्ती — ये सभी घाटी में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

 

 

प्रशासन की राहत और बचाव व्यवस्था

अलर्ट और समीक्षा अभियान
जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। बचाव टीमें (NDRF एवं PAC) तैनात की गई हैं, मंदिरों, मस्जिदों व बाज़ारों में मोबाइल घोषणा के माध्यम से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी जा रही है।

राहत शिविर और आश्रय केन्द्र

प्रशासन ने 12 आश्रय स्थल (जैसे स्कूल, पंडाल) तैयार कर रखे हैं, जहां प्रभावित परिवारों को शरण दी जा रही है।

इमरजेंसी तैयारियाँ

पानी, नाव, गोताखोर, एम्बुलेंस, अस्पताल और संवेदनशील समूहों (बुजुर्ग, गर्भवती, दिव्यांग आदि) की शीघ्र निकासी के लिए विशेष तैयारी की गई है।

वस्तुओं का संरक्षण

प्रशासन ने घोषणा की है कि नागरिक अपने साथ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ (राशन कार्ड, आधार, पासबुक) वाटरप्रूफ बैग में रखें, आवश्यक खाद्य और दवाएं साथ रखें।

 

किसानों और स्थानीय लोगों की स्थिति

फसलें और आर्थिक क्षति
कई किसानों की तैयार फसलें पानी में डूब गई हैं, जैसे पचैरा गाँव में सब्ज़ी और अनाज की फसलें बर्बाद हो गईं। लोगों को उच्च स्थानों पर झोपड़ियाँ बनानी पड़ीं।
हालाँकि, अधिकारियों का कहना है कि क्षति का आकलन कर मुआवजे का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

ग्रामीणों की आपबीती

एक स्थानीय निवासी ने बताया कि “गांव में बिजली नहीं, खेत जलमग्न, लोग रुपयों की राहत के इंतज़ार में” हैं। कईयों को पानी और बच्चे-बुजुर्गों का ध्यान रखते हुए आश्रय स्थल तक पहुंचने की चुनौती है।

 

 

 

परेशानी विवरण

जलस्तर यमुना का स्तर लगभग खतरनाक मोर्चे पर—211–211.5 मीटर
प्रभावित गाँव पचैरा, बदरपुर, मीरपुर हिंदू, नौरसपुर, अलीपुर आदि
राहत उपाय आश्रय स्थल, नाव, गोताखोर, मेडिकल और घोषणा व्यवस्था
किसानों की हानि फसलें डूब गईं, मुआवजा प्रस्ताव पर प्रगति
सुरक्षा संदेश दस्तावेज़ वाटरप्रूफ में, आवश्यक सामग्री साथ रखें

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