रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
किसान सत्याग्रह आंदोलन : मंडोला योजना पर वार्ता का नया दौर शुरू, 11 नवंबर को लखनऊ में होगी निर्णायक बैठक
गाजियाबाद, 6 नवंबर। मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों और ट्रॉनिका सिटी के किसानों की लंबी लड़ाई एक बार फिर नए चरण में प्रवेश कर गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में लोनी तहसील पर दो दिनों तक चले धरना-प्रदर्शन के बाद अधिकारियों द्वारा वार्ता प्रक्रिया शुरू करने के आश्वासन पर किसानों ने अपना आंदोलन अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया था। उसी क्रम में आज आवास विकास परिषद के डिप्टी कमिश्नर अनिल कुमार की अध्यक्षता में परिषद कार्यालय में किसानों और अधिकारियों के बीच वार्ता आयोजित की गई।
किसान प्रतिनिधियों ने इस बैठक में अपनी प्रमुख मांगों और उन कारणों को विस्तार से रखा, जिनकी वजह से अब तक सहमति नहीं बन सकी है। किसानों ने बताया कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से मुआवजा वितरण में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। किसानों के अनुसार, परिषद के कुछ तत्कालीन अधिकारियों एवं उनके रिश्तेदारों ने अवैध रूप से हजारों हेक्टेयर जमीन का मुआवजा प्राप्त कर लिया, जबकि वास्तविक पुस्तैनी किसान आज भी अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
किसानों का आरोप है कि इन अधिकारियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके गैर-पुस्तैनी व्यक्तियों को भी ‘पुस्तैनी किसान’ घोषित करवा दिया, जिससे परिषद को लगभग 1000 एकड़ भूमि के बदले 10 प्रतिशत विकसित भूखंड देने का अतिरिक्त भार पड़ा है। इस गड़बड़ी के चलते वास्तविक किसानों को उनका हक नहीं मिल पा रहा और समझौते की प्रक्रिया बार-बार अटक रही है।
किसानों की प्रमुख मांगें हैं —
1. असली पुस्तैनी और मूल काश्तकार किसानों को 10% विकसित प्लॉट निशुल्क दिए जाएं।
2. आबादी के उपयोग में लाई जा रही भूमि को अर्जन-मुक्त किया जाए।
3. मुआवजा दरों में न्यायसंगत बढ़ोतरी की जाए।
किसानों ने यह भी बताया कि कुछ अधिकारियों द्वारा अपने रिश्तेदारों और करीबियों को लाभ पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से नियमों की अनदेखी की गई, जिसके सबूत किसानों ने आज की बैठक में प्रस्तुत किए। किसानों का कहना है कि यदि परिषद केवल वास्तविक पुस्तैनी किसानों को ही लाभ दे तो न केवल आंदोलन समाप्त होगा, बल्कि योजना क्षेत्र में विकास की गति भी तेज होगी।
अब किसान प्रतिनिधियों और आवास विकास परिषद के बीच अगली निर्णायक वार्ता 11 नवंबर 2025 को लखनऊ में आवास आयुक्त की अध्यक्षता में होगी। इस वार्ता में किसानों की ओर से सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा। परिषद की ओर से इस बैठक की आधिकारिक पुष्टि करते हुए किसानों को एक पत्र भी जारी किया गया है।
आज की बैठक में परिषद के डिप्टी कमिश्नर अनिल कुमार, अधीक्षण अभियंता राकेश चंद्र, अधिशासी अभियंता नीरज कुमार और सतेंद्र कुमार मौजूद रहे।
वहीं, किसान पक्ष से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश संगठन मंत्री प्रवीण मालिक, बिल्लू प्रधान, आंदोलन संयोजक मास्टर महेंद्र सिंह त्यागी, नीरज त्यागी, बॉबी त्यागी और शेरू त्यागी उपस्थित रहे।
किसानों को अब उम्मीद है कि लखनऊ में होने वाली वार्ता में कोई ठोस समाधान निकलेगा, जिससे वर्षों से लंबित मुद्दों का निपटारा होकर आंदोलन को सम्मानजनक अंत मिल सकेगा।
