ईडी की छापेमारी: नोएडा अथॉरिटी के अध्यक्ष एवं सीईओ रहे मोहिंदर सिंह के घर से 12 करोड़ के हीरे, सात करोड़ के स्वर्ण आभूषण बरामद

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              रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक   / जन वाणी न्यूज़                      ईडी की छापेमारी: नोएडा अथॉरिटी के अध्यक्ष एवं सीईओ रहे मोहिंदर सिंह के घर से 12 करोड़ के हीरे, सात करोड़ के स्वर्ण आभूषण बरामद
चंडीगढ़/नोएडा : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शारदा एक्सपोर्ट कंपनी के दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, मेरठ और गोवा स्थित ठिकानों पर छापे डाले हैं। चंडीगढ़ में नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रहे मोहिंदर सिंह के घर से छापे की कारवाई के दौरान छापों में करीब एक करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये के हीरे, 7 करोड़ कीमत के सोने के जेवरात और तमाम संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं।*ईडी की छापेमारी: नोएडा अथॉरिटी के अध्यक्ष एवं सीईओ रहे मोहिंदर सिंह के घर से 12 करोड़ के हीरे, सात करोड़ के स्वर्ण आभूषण बरामद
चंडीगढ़/नोएडा : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शारदा एक्सपोर्ट कंपनी के दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़, मेरठ और गोवा स्थित ठिकानों पर छापे डाले हैं। चंडीगढ़ में नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रहे मोहिंदर सिंह के घर से छापे की कारवाई के दौरान छापों में करीब एक करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये के हीरे, 7 करोड़ कीमत के सोने के जेवरात और तमाम संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सबसे अधिक हुई बंदरबाट
रिटायर IAS एवं नोएडा अथॉरिटी के पूर्व CEO रहे मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आलीशान कोठी के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने व्यापक पैमाने पर छापेमारी की। मोहिंदर सिंह से जुड़े कई मामलों मेंकी जांच शासनस्तर पर चल रही है। वह लगगभग पांच साल तक 30 नवंबर 2007 से 14 दिसंबर 2010 तक नोएडा के सीईओ और एक जनवरी 2010 से 19 जुलाई 2011तक जुलाई 2011 तक अध्यक्ष रहे तथा एक नवंबर 2011 से 20 मार्च 2012 तक अध्यक्ष एवं सीईओ दोनों पदों पर रहे। कहा जाता है कि इस दौरान ही नोएडा में जमीनों की सबसे अधिक बंदरबाट हुई।
प्राधिकरण को कंगाल करने में सबसे बड़ा हाथ
मोहिंदर सिंह जिस समय 30 नवंबर 2007 को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ बने, उस समय प्रदेश में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा की सरकार थी। कहा जाता है कि इस दौरान नियमों को ताक पर रखकर बिल्डरों को लाभ पहुंचाया गया। उनकी नियुक्ति बिल्डरों के लिए एक तरह से स्वर्णयुग की तरह थी। प्राधिकरण ने शासनदेशों को किनारे करके वीटो के माध्यम से महज 10 प्रतिशत लेकर बिल्डरों को महंगी और कीमती जमीनें आवंटित कीं।इससे पहले 30 प्रतिशत तक लेने का प्रविधान था। स्पोटर्स सिटी मामले में पीएसी की आपत्तियों का जबाव आज तक प्राधिकरण के पास नहीं है।
सबसे अधिक हुई बंदरबाट
रिटायर IAS एवं नोएडा अथॉरिटी के पूर्व CEO रहे मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आलीशान कोठी के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने व्यापक पैमाने पर छापेमारी की। मोहिंदर सिंह से जुड़े कई मामलों मेंकी जांच शासनस्तर पर चल रही है। वह लगगभग पांच साल तक 30 नवंबर 2007 से 14 दिसंबर 2010 तक नोएडा के सीईओ और एक जनवरी 2010 से 19 जुलाई 2011तक जुलाई 2011 तक अध्यक्ष रहे तथा एक नवंबर 2011 से 20 मार्च 2012 तक अध्यक्ष एवं सीईओ दोनों पदों पर रहे। कहा जाता है कि इस दौरान ही नोएडा में जमीनों की सबसे अधिक बंदरबाट हुई।
प्राधिकरण को कंगाल करने में सबसे बड़ा हाथ
मोहिंदर सिंह जिस समय 30 नवंबर 2007 को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ बने, उस समय प्रदेश में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा की सरकार थी। कहा जाता है कि इस दौरान नियमों को ताक पर रखकर बिल्डरों को लाभ पहुंचाया गया। उनकी नियुक्ति बिल्डरों के लिए एक तरह से स्वर्णयुग की तरह थी। प्राधिकरण ने शासनदेशों को किनारे करके वीटो के माध्यम से महज 10 प्रतिशत लेकर बिल्डरों को महंगी और कीमती जमीनें आवंटित कीं।इससे पहले 30 प्रतिशत तक लेने का प्रविधान था। स्पोटर्स सिटी मामले में पीएसी की आपत्तियों का जबाव आज तक प्राधिकरण के पास नहीं है।

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