पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन द्वारा थाना इन्दिरापुरम के बीएसआई एवं बीपीओ के साथ गोष्ठी आयोजित कर सिटीजन सर्विसेज की समीक्षा की गयी और शिकायती पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही के सम्बन्ध में दिए निर्देश

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               रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक  / जन वाणी न्यूज़                                                                                                                                       पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन द्वारा थाना इन्दिरापुरम के बीएसआई एवं बीपीओ के साथ गोष्ठी आयोजित कर सिटीजन सर्विसेज की समीक्षा की गयी और शिकायती पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही के सम्बन्ध में 
                                                                                                                                                                                                                                 गाजियाबाद । गुरुवार को पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिंडन जोन द्वारा सहायक पुलिस आयुक्त इन्दिरापुरम एवं थाना प्रभारी इन्दिरापुरम एवं चौकी प्रभारी एवं बीएसआई एवं बीपीओ के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें सिटीजन सर्विसेज एवं फीडबैक सेल रिपोर्ट के सम्बन्ध में गोष्ठी का आयोजन कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये ।
गोष्ठी में निम्नांकित निर्देश दिये गये-
फीडबैक सेल की 15 जून से 30 जून तक की रिपोर्ट के आधार पर ट्रांस हिंडन जोन में कुल 5 प्रकरणों में 4 पुलिसकर्मियों की शिकायते पायी गयी जिसमें थाना इन्दिरापुरम में नियुक्त 3 पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर उनके विरुद्ध विभागीय जांच प्रचलित की गयी है ।
पासपोर्ट सत्यापन / चरित्र सत्यापन आदि में थाना इन्दिरापुरम की स्थिति अत्यन्त खराब पायी गयी । थाना प्रभारी/चौकी प्रभारी तथा बीएसआई / बीपीओ को निर्देशित किया गया कि पासपोर्ट सत्यापन/चरित्र सत्यापन हेतु किसी व्यक्ति को थाना/चौकी पर न बुलाया जाये तथा अनावश्यक मांग न की जाये। निगेटिव फीडबैक प्राप्त होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी ।
बीएसआई/बीपीओ को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने बीट के संभ्रान्त व्यक्ति एवं सोसाइटी के मैम्बर आदि का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाना सुनिश्चित करें । यदि कोई परिवार किसी कारण बाहर गया है तो व्हाट्सएप ग्रुप पर सूचित कर सकता है ताकि वहाँ की गश्त बढायी जाए ।
चौकी प्रभारी/बीएसआई/बीपीओ का निर्देशित किया गया है कि सप्ताह में दो-तीन बार अपनी बीट क्षेत्र का भ्रमण करें जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न होने पाये ।
थाना/चौकी पर जनसुनवाई का रजिस्टर बनाया जाये जिसमें प्रतिदिन जनसुनवाई का विवरण दर्ज किया जाये । पीड़ित की समस्याओं को सुनकर उनकी समस्या का निराकरण किया जाये तथा उनके साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार ने किया जाये ।
पारदर्शी सत्यापन से जनता का पुलिस पर विश्वास बढ़ता है । जब लोग देखते हैं कि पुलिस त्वरित और प्रभावी कार्य कर रही है, तो उनमें सुरक्षा की भावना और विश्वास बढ़ता है ।
पुलिस विभाग द्वारा पारदर्शी सत्यापन प्रणाली केवल सुविधा नहीं, बल्कि जनसुरक्षा, सुशासन और प्रशासनिक दक्षता का एक अनिवार्य हिस्सा है । इसके लिए आधुनिक तकनीक, कुशल मानव संसाधन और सभी पुलिस कर्मियों के सहयोग की आवश्यकता है ।

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