क्राइम ब्रान्च पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद द्वारा मोबाइल टावरों के उपकरण चोरी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 5 शातिर अभियुक्त गिरफ्तार, कब्जे से चोरी का करीब 7 करोड़ रूपये का माल व घटना मे प्रयुक्त 3 वाहन बरामद
रविन्द्र बंसल वरिष्ठ संवाददाता / जन वाणी न्यूज़ क्राइम ब्रान्च पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद द्वारा मोबाइल टावरों के उपकरण चोरी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 5 शातिर अभियुक्त गिरफ्तार, कब्जे से चोरी का करीब 7 करोड़ रूपये का माल व घटना मे प्रयुक्त 3 वाहन बरामद गाजियाबाद । 22 दिसंबर को क्राइम ब्रांच पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद व वेव सिटी पुलिस टीम द्वारा गाजियाबाद, दिल्ली एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, मध्यप्रदेश व असम में एयरटेल व जिओ कम्पनी के मोबाइल टावरों से रेडियो रिसीवर यूनिट, बेसबैण्ड यूनिट आदि इलैक्ट्रानिक डिवाईस चोरी करने वाले शातिर अपराधियों के अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 5 अभियुक्तों को थाना वेव सिटी क्षेत्र से गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की गयी है । गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से मोबाइल टावरों से चोरी किए गए रेडियो रिसीवर यूनिट, मोबाइल टावरों की बेसबैण्ड यूनिट तथाचोरी की घटना कारित करने में प्रयुक्त वाहन थार, स्विफ्ट कार व फ्रोन्क्स कार बरामद हुई है । बरामद सामान जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 7 करोड रूपये से अधिक है। पूछताछ का विवरण पूछताछ पर पकडे गये शातिर अभियुक्त शाहरूख मलिक ने बताया कि उसने बीए द्वितीय वर्ष में अपनी शिक्षा छोड दी थी । पढाई छोडने के बाद उसने कुछ समय बिरयानी की दुकान खोली थी तथा उसके बाद वर्ष 2021 से अपने पिता के साथ कबाड का काम करने लगा उसका भाई नईम भी कबाड का काम करता था । नईम, जावेद मीरापुरिया के सम्पर्क में आकर मोबाइल टावरों से चोरी किये गये ईलैक्ट्रोनिक डिवाइसों की खरीद-फरोख्त मे लग गया था। नईम के साथ ही शाहरूख भी यह काम करने लगा । करीब 8 माह पहले नईम आरआरयू की चोरी मे गाजियाबाद से जेल चला गया था नईम की गिरफ्तारी पर उस समय 50,000 रपये का इनाम घोषित था। नईम के जेल जाने के बाद शाहरूख ने नईम का काम सम्भाल लिया। और अपने चचेरे भाई फईम के साथ मिलकर उपरोक्त कार्य करने लगा। अभियुक्त वसीम मलिक ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने कक्षा-2 तक पढने के बाद पढाई छोड दी थी और अपने पिता के साथ रांची झारखण्ड चला गया जो वहां कबाड का काम करते थे । करीब 8 से 10 साल वहां काम करने के बाद वापस मेरठ आ गया । वसीम गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और मेरठ में कबाड की फेरी करने लगा इसी बीच वसीम की मुलाकात जावेद मीरापुर (चोर) से हुई उसने वसीम को आरआरयू के काम के बारे मे बताया, ज्यादा फायदे के लालच मे आकर वसीम ने मोबाइल टावरों से चोरी का माल लेकर शाहरूख व उसके भाई नईम को देना शुरू कर दिया। अभियुक्त अनस ने पूछने पर बताया कि वह 10वीं तक पढा है, गलत संगत के कारण उसने पढाई छोड़ दी। और अपने पिता की परचून की दूकान पर बैठने लगा लेकिन वहां से बाहर जाकर दोस्तों से मिलना नही हो पा रहा था तो दूसरे के कपडे की दुकान पर सेल्समैन का काम करने लगा। जिसमे उसको 10 हजार रुपये मिलते थे। परन्तु खर्चा ज्यादा होने के कारण वह काम भी छोड दिया । अनस की शाहरूख से दोस्ती होने के कारण शाहरूख ने अनस को आरआरयू की खरीद फरोख्त मे होने वाला फायदा बताकर अपने साथ मिला लिया । अनस मोबाइल टावरों से चोरी करने व चोरी का माल लेकर फईम व शाहरूख को देने लगा । अभियुक्त साहिल मलिक ने पूछने पर बताया कि उसने 8वीं कक्षा तक पढने के बाद पढाई छोड दी और अपने पिता के साथ सरिया का जाल बांधने की मजदूरी करने लगा इसी बीच उसे हिंडन विहार का गोल्डी उर्फ फरहान मिला जो मोबाइल टावरों से चोरी करता था। साहिल गोल्डी तथा उसके साथियों कासिम, राहुल, कय्यूम व जावेद के साथ चोरी करने जाने लगा प्रत्येक चोरी पर साहिल को 5 हजार रूपये मिलने लगे। अभियुक्त कय्यूम ने पूछने पर बताया कि उसने 9वीं कक्षा तक पढाई की है फिर पढाई छोडकर कुछ दिन मजदूरी करने के बाद ड्राईविंग सीख ली और लोडिंग की गाडी चलाने लगा, इसी बीच उसे साहिल व गोल्डी उर्फ फरहान मिले जो मोबाइल टावरों से चोरी करते थे, कय्यूम, गोल्डी तथा उसके साथियों साहिल, कासिम, राहुल व जावेद के साथ चोरी करने जाने लगा क्योकिं कय्यूम गाडी भी चलाता है तो कय्यूम को प्रत्येक चोरी पर 8 हजार रूपये मिलने लगे। बाकी पैसे गोल्डी उर्फ फरहान, कासिम, राहुल व जावेद आपस में बांट लेते थे। सभी अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान पर बताया पिछले कुछ वर्षों से मोबाइल टावरों की बैट्री, रेडियो रिसीवर यूनिट व अन्य इलैक्ट्रोनिक डिवाईस की चोर बजार में काफी मांग चल रही है, मोबाइल टावरों पर लगे उपकरण काफी मंहगे होते है और इनको चुराना काफी आसान होता है । पहले ये लोग अलग-अलग आरआरयू की चोरी करते व बेचते थे, फिर इन्होनें मिलकर अपना एक संगठित गिरोह बना लिया । इनके गिरोह मे शाहरूख मलिक, वसीम मलिक, नईम मलिक, फईम मलिक, अनवर मलिक, अनस, साहिल मलिक, कय्यूम, गोल्डी उर्फ मौ.फरहान, कासिम, राहुल कुमार, जाकिर, जावेद पुत्र रियाजुदीन, हाजी जावेद मलिक पुत्र शब्बीर मलिक, खालिद उर्फ मुल्ला व इरशाद गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। इन सब लोगो का मोबाईल टावरों से रेडियो रिसीवर यूनिट, मोबाइल टावरों की बेसबैण्ड यूनिट व अऩ्य सामान चोरी करने व चोरी के सामान को देश से बाहर बेचने का एक संगठित गिरोह है। इनके गिरोह में फईम व नईम पहले अन्तर्राष्ट्रीय आरआरयू तस्कर जावेद मीरापुरिया के गैंग मे काम करते थे, धीरे-धीरे इन्होने ने अपना एक अलग गिरोह बना लिया। गिरोह के कुछ सदस्य दिन में कबाडे की फेरी करके कबाडे का काम करते है और जिस मोबाइल टावरों से इनको चोरी करनी होती है उसको ये लोग दिन के समय ही कबाडे की फेरी करते हुए चिन्हित कर लेते है। घटना स्थल पर जाने के लिए गाडी का इन्तजाम शाहरूख व वसीम व गोल्डी उर्फ फरहान करते हैं । रात्रि के समय मे उपलब्ध गाडियों से ये लोग चिन्हित किये गये टावर पर पहुंच जाते है। और इनके दो-तीन साथी मोबाइल टावर पर चढ जाते है, तथा औजारों की मदद से उसमे लगे रेडियो रिसिवर यूनिट, बैट्री व अन्य कीमती उपकरण चोरी कर लेते है। चोरी करने के बाद चोरी किया सामान ये लोग उसी गाडी मे रखकर फरार हो जाते है। चोरी किये गये माल को बेचने के लिए शाहरूख, वसीम मलिक, नईम मलिक, अनवर मलिक, अनस, हाजी जावेद, खालिद उर्फ मुल्ला को पहुंचाते है फिर ये लोग माल को प्लास्टिक के कवर लगाकर पैक कर देते है। पैक करके माल को फईम ट्रान्सपोर्ट के माध्यम से पानी के जहाज द्वारा हॉगकॉग (चीन) भेजता है। माल बेचने के बाद जो रूपये मिलते है उसको ये लोग आपस मे बांट लेते है । अपने-अपने हिस्से मे आये रूपयो से ये लोग अपने शौक व खर्चे पूरे करते है । पूछताछ करने पर पकडे गये अपराधियों ने यह भी बताया कि इन लोगो ने पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गाजियाबाद, नोएडा दिल्ली एनसीआर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे कई स्थानों पर मोबाइल टावरो से रेडियो रिसिवर यूनिट, बैट्री व अन्य कीमती उपकरण चोरी किये है । पूछताछ पर मोबाइल टावरो से रेडियो रिसीवर यूनिट, बैट्री व अन्य कीमती उपकरण चोरी करने वाले अन्य अपराधियों के सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। जिसके आधार पर टीमें बनाकर माल बरामदगी व गिरफ्तारी हेतु दबिशें दी जा रही हैं। पूर्व मे भी क्राईम ब्रान्च द्वारा जावेद मीरापुरिया व उसके गैंग के करीब 39 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे भारी मात्रा में मोबाइल टावरों के उपकरणों की बरामदगी की जी चुकी है। निश्चित रूप से इस प्रकार की पुलिस कार्यवाही से पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद व आस-पास के क्षेत्रों में मोबाइल टावरों से रेडियो रिसिवर यूनिट, बैट्री व अन्य कीमती उपकरणों की चोरी पर रोक लगेगी। गिरफ्तार अभियुक्तगण का विवरण- 1.शाहरूख मलिक पुत्र शफी अहमद निवासी म0न0- डी/27, 4929 गली नम्बर-जीरो कान्ति नगर थाना कृष्णा विहार दिल्ली उम्र करीब 30 वर्ष (कबाडी) 2.वसीम मलिक पुत्र सलीमुद्दीन निवासी गली न0-1 समर कालोनी लिसाडी गेट थाना लिसाडी गेट मेरठ उम्र करीब 35 वर्ष (कबाडी) 3.अनस खान पुत्र अकरम निवासी किराये का मकान बी-19 गली न0-8, 4929 कान्ति नगर थाना कृष्णा नगर दिल्ली उम्र करीब 22 वर्ष (चोर/कबाडी) 4.साहिल मलिक पुत्र बशीर मलिक निवासी सद्दाम स्कूल के पास रहमानी मस्जिद अलीगढ हाल पता कनस्तर वाली गली , जावेद की दुकान के पास हिण्डन विहार थाना नन्दग्राम गाजियाबाद उम्र करीब 19 वर्ष (चोर) 5.कय्यूम मंसूरी पुत्र बबलू मंसूरी निवासी कनस्तर वाली गली जावेद की दुकान के पास हिण्डन विहार थाना नन्दग्राम गाजियाबाद मूल पता मौहल्ला नौलखा थाना कोतवाली फर्रूखाबाद जिला फर्रूखाबाद उम्र करीब 19 वर्ष (चोर) अभियुक्तगण से बरामदगी का विवरण – 1.मोबाइल टावर की रेडियो रिसिवर यूनिट-74 2.मोबाइल टावर बेसबैण्ड यूनिट-122 3.मोबाइल टावर आर.आर.यू. के कनेक्शन की तरफ के प्लास्टिक के कवर- 15 कट्टे 4.चोरी की आर0आर0यू व बीबीयू पैकिंग करके विदेश भेजने के लिए पैकिंग वाले गत्ते- 30 5.घटना करने मे प्रयुक्त थार गाडी रंग काला बिना नम्बर प्लेट– 1 6.घटना करने प्रयुक्त स्विफ्ट कार रंग ग्रे बिना नम्बर – 1 7.घटना करने मे प्रयुक्त फ्रोन्क्स कार रंग सफेद बिना नम्बर प्लेट-1 आपराधिक इतिहास 1.अभियुक्त शाहरूख के विरूद्ध असम मे 2 व गाजियाबाद में 2 कुल 04 अभियोग पंजीकृत है। 2.अभियुक्त वसीम के विरूद्ध असम मे 3 व गाजियाबाद में 2 कुल 5 अभियोग पंजीकृत है। 3.अभियुक्त अनस के विरूद्ध असम 04 व गाजियाबाद मे 1 कुल 5 अभियोग पंजीकृत है। 4.अभियुक्त साहिल के विरूद्ध असम मे 2 व गाजियाबाद मे 2 कुल 4 अभियोग पंजीकृत है। 5.अभियुक्त कय्यूम के विरूद्ध बागपत मे 2, गाजियाबाद मे 2 कुल 4 मे अभियोग पंजीकृत है। गिरफ्तार करने वाली टीम क्राइम ब्रान्च, पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद थाना वेव सिटी पुलिस टीम। Crime Branch Police Commissionerate Ghaziabad busted an inter-state gang involved in stealing mobile tower equipment, 5 vicious accused arrested, stolen goods worth about Rs. 7 crore and accused involved in the incident recovered