एक सोची समझी रणनीति के तहत लोनी विधायक ने कलश यात्रा निकालने के नाम पर किया था पुलिस से टकराव, योजना कुछ और थी लेकिन पुलिस के धैर्य और सूझबूझ ने विधायक के मंसूबों पर पानी फेर दिया

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक/जन वाणी न्यूज़ गाजियाबाद। गत 20 मार्च को बगैर अनुमति के लोनी विधायक द्वारा कलश यात्रा  निकालने के मामले की तह में जाएं तो यह आकस्मिक घटना नहीं है। इसके लिए क्षेत्रीय विधायक द्वारा पूरी प्लानिंग की गई थी। और सोची समझी रणनीति के तहत इसको अमली जामा पहनाया गया था। यह तो गनीमत रही की लोनी पुलिस ने धैर्य एवं  सूझ-बूझ का परिचय देते हुए एक बड़ी अनहोनी घटना को होने से बचा लिया।                                                                          Ghaziabad. If we go to the bottom of the matter of the Kalash Yatra taken out by the Loni MLA on March 20 without permission, then this is not an accidental incident. For this, complete planning was done by the regional MLA. And it was well thought out.                                                     बता दे की 20 मार्च को विधायक नंदकिशोर गुर्जर के बेटे हितेश गुर्जर द्वारा राम कथा का आयोजन किया गया। इससे पूर्व शहर में एक कलश यात्रा राम कथा के आयोजकों द्वारा निकाली गई। आयोजकों द्वारा कलश यात्रा निकालने के लिए पुलिस से कोई अनुमति नहीं ली गई। राम कथा और कलश यात्रा निकालने का आयोजन लोनी बॉर्डर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली प्रेम नगर कॉलोनी में किया गया। पुलिस ने विधायक के पुत्र व विधायक को टेलीफोन पर बात कर बगैर अनुमति के यात्रा ने निकलने कि गुजारिश की गई । ठोस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार  क्षेत्रीय विधायक तो ऐसे मुद्दे की बहुत दिनों से ताक में थे ? यही मुद्दा उन्हें  चाहिए था ? और उन्होंने धर्म को बीच में लाकर दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के कुछ महत्वाकांक्षी नेताओं के इशारे पर राजनीति शुरू कर दी। जानबूझकर पुलिस से यात्रा निकालने की अनुमति नहीं ली गई और जबरन यात्रा निकालने लगे। जिसको पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो पुलिस के साथ अभद्रता करते हुए एक इंस्पेक्टर का गला दबाया गया, कान खींच गया इतना ही नहीं एसीपी अंकुर विहार की वर्दी फाड़ने की कोशिश की गई। उनके समर्थक को द्वारा पुलिस के साथ हाथ – तपाई की गई पुलिस पीटी लेकिन पुलिस ने धैर्य नहीं खोया यह सब रणनीति के तहत किया जा रहा था, ताकि पुलिस अपना आपा खो बैठे और धार्मिक यात्रा में शामिल लोगों पर लाठी चार्ज करें तो लोग भी पुलिस पर पथराव कर दें। सूत्रों की माने तो प्लानिंग तो यहां तक थी कि पुलिस को गोली चलने तक के लिए मजबूर किया जाए । और कुछ लोगों को गोली  लग जाए तो इस मामले को जबरदस्त राजनीतिक तूल दे दिया जाए। और योगी सरकार , जिले के एक बड़े पुलिस अफसर व चीफ सेक्रेटरी को जमकर बदनाम किया जाए। और मामला अधिक बढ़ जाए तो सरकार  के खिलाफ आंदोलन तक चलाया जाए। ताकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम किया जा सके।सूत्रों की माने इस तरह की योजना पहले ही बना ली गई थी। और सब कुछ योजना के तहत किया जा रहा था।                                                                                                                                                     राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक इस योजना में प्रदेश के कुछ महत्वाकांक्षी  भाजपा नेता और दिल्ली में कुछ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के विरोधी नेता  शामिल थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर द्वारा मोर्चा खोलना यह सब अचानक नहीं हुआ, इसकी शुरुआत तो वर्ष 2017 में बनी भाजपा की पहले टर्म की सरकार में ही हो गयी थी। जब अपनी ही सरकार के विरुद्ध लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर विपक्षी विधायकों को साथ लेकर विधानसभा में धरने पर बैठ गए थे। सरकार के विरुद्ध इतना बड़ा कार्य करने के बाद भी उस समय पार्टी में बैठे विधायक के आकाओं द्वारा उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होने दे गई। जिससे उनके हौसले बुलंद होते चले गए। और वह आए दिन पार्टी के विरुद्ध, प्रदेश के बड़े अफसरों के विरुद्ध, अपने विरोधियों के विरुद्ध, जो अधिकारी उनके कहने पर उनके नाजायज कार्यों को ना करें उनके विरुद्ध खुलेआम अप शब्दों का इस्तेमाल करते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने लोनी में एक खाद्य निरीक्षक कि अपने ऑफिस में बुलाकर जमकर पिटाई भी कराई। जिसकी एफआईआर भी दर्ज हुई। उनके एक चहेते थे इस मामले में जेल भी गए। लेकिन आखिर सत्ता के सामने अधिकारी मजबूर हो गए और उनका ट्रांसफर गाजियाबाद से किसी अन्य जिले में कर दिया गया। इसके अलावा इन्होंने किसान आंदोलन के समय पार्टी लाइन से अलग हटकर उत्तर प्रदेश में दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचकर किसान नेताओं के विषय में अप शब्द कहे जिसकी काफी निंदा हुई , और पार्टी की इस मामले में बड़ी किर- किरी हुई लेकिन उसे में भी भाजपा में मौजूद उनके आकाओं द्वारा उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होने दी गई। अब नौबत यह आ गई कि अधिकारियों को तो छोड़िए इन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ही ललकारना शुरू कर दिया। इनके द्वारा अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार से लेकर अराजकता लूट, बलात्कार, हत्या आदि सहित बड़े गंभीर आरोप लगाये गए। प्रदेश के मुख्यमंत्री को धमकी दी गई कि हमें छेड़ो मत वरना उत्तर प्रदेश का नक्शा बदल देंगे। यह बहुत ही अशोभनीय है, जिस मुख्यमंत्री की तारीफ पूरे देश में ही नहीं विदेशों में भी की जाती हो उन पर इस तरह का इल्जाम लगाना अति निंदनीय है। वह भी उन्हीं की पार्टी के एक विधायक द्वारा। क्षेत्र में विधायक को लेकर  एक और बात प्रचलित है कि उनके द्वारा क्षेत्र के अनेकों गणमान्य लोगों पर झूठे मुकदमे लगवा गए हैं। जिनको लेकर क्षेत्र के मौजिज लोगों ने जनपद के पुलिस कमिश्नर से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई थी। जिस पर कमिश्नर ने अपने सभी पुलिस अफसरों को हिदायत दी थी की क्षेत्र के किसी भी गणमान्य व्यक्ति के विरुद्ध झूठा मुकदमा ना लिखा जाए। अच्छी तरह से जांच करने के बाद ही गुण दोष के आधार पर लोगों के विरुद्ध मुकदमें लिखे जाएं। सूत्रों की माने तो पुलिस अब क्षैत्रिय विधायक के कहने पर किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध झूठ मुकदमा नहीं लिख रही थी। क्योंकि कमिश्नर ने पुलिस अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि राजनीतिक दबाव में किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध झूठा मुकदमा ने लिखा जाए। इसको लेकर भी विधायक जनपद के पुलिस कमिश्नर से खिन्न थे।                                                                                                                          प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से भी उनकी लंबे समय से नाराजगी चल रही थी । यह भी सभी को मालूम है। इसके बारे में भी कहा जाता है की चीफ सैक्ट्री द्वारा भी उनकी नाजायज मांग पूरी नहीं की गई थी। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक क्षेत्रीय विधायक ने रणनीति के तहत एक तीर से कई निशाने साधने चाहे थे। जैसे धार्मिक यात्रा पर लाठी चार्ज एवं गोली- बारी को लेकर उनके विरोधी पुलिस अधिकारियों पर तो गाज गिरेगी ही, दूसरा सरकार की भी बदनामी होगी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधने का भी उन्हें अवसर मिल जाएगा। और दिल्ली व उत्तर प्रदेश में बैठे उनके राजनीतिक आका भी इससे खुश हो जाएंगे । लेकिन लगता है कि अबकी बार उनका दावा उल्टा पड़ गया है। पार्टी हाई कमान ने उनको कारण बताओं नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांग लिया है। और जिस तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं। उनमें विधायक के करतूत साफ दिखाई दे रही है। लोनी पुलिस ने भी उनके इरादों पर पानी फेर दिया अगर पुलिस सूझ-बूझ और धैर्य से काम में लेती तो वास्तव में क्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश में भी स्थिति खराब हो सकती थी? विधायक के विरुद्ध क्या कार्रवाई होगी यह तो भाजपा आलाकमान  ही जाने लेकिन क्षेत्रीय विधायक को पार्टी संगठन द्वारा कारण बताओं नोटिस देने से भाजपा  के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ता खुश है। पुराने कार्यकर्ताओं का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक ने अनुशासनहीनता के तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। भाजपा में इस तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाता है। कुछ भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी द्वारा कारण बताओं नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण मिलने के बाद अगर पार्टी हाई कमान को क्षेत्रीय विधायक संतुष्ट नहीं कर पाते हैं तो कार्रवाई  होना लगभग तय है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ अपने लोगों द्वारा क्षेत्रीय विधायक ने शुक्रवार को सिरौली गांव में एक अपने पक्ष में पंचायत आयोजित कराई जा रही है। जिसमें वह स्वयं उपस्थित न होकर अपने लोगों के द्वारा अधिकारियों के विरुद्ध सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करेंगे।

 

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