आवासीय बस्ती में अवैध डीज़ल इंजन मशीन चलने का आरोप, वायु-ध्वनि प्रदूषण से परेशान लोग — जिलाधिकारी से की गई त्वरित कार्रवाई की मांग

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़

आवासीय बस्ती में अवैध डीज़ल इंजन मशीन चलने का आरोप, वायु-ध्वनि प्रदूषण से परेशान लोग — जिलाधिकारी से की गई त्वरित कार्रवाई की मांग

लोनी। अंकुर विहार थाना क्षेत्र के ग्राम सादुल्लाबाद, स्थित अनुसूचित जाति आवासीय बस्ती के निवासी सुरेंद्र कुमार एडवोकेट सहित स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी गाज़ियाबाद को शिकायत देकर आरोप लगाया है कि बस्ती में बिना किसी अनुमति के डीज़ल इंजन से चलने वाली लकड़ी कटाई और वुड सेट निर्माण मशीनें रात-दिन चलाई जा रही हैं, जिससे गंभीर वायु और ध्वनि प्रदूषण फैल रहा है।

प्रार्थी ने कहा है कि अवैध रूप से चल रही इन मशीनों से बस्ती में रहने वाले बच्चों, महिलाओं, वृद्धों व बीमार लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। लगातार उठने वाले काले धुएँ, डीज़ल की तेज़ बदबू और मशीनों के अत्यधिक शोर से जीवन कठिन हो गया है।

वायु प्रदूषण से लोगों में श्वास संबंधी दिक्कत बढ़ी – शिकायतकर्ता का आरोप

शिकायत के अनुसार डीज़ल इंजन मशीनों से उठने वाला काला धुआँ हवा में फैलकर छोटे-छोटे कणों के रूप में लोगों के फेफड़ों तक जा रहा है, जिससे बस्ती में साँस लेने में कठिनाई, आँखों में जलन, अस्थमा और एलर्जी जैसी समस्याएँ बढ़ गई हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय भी मशीनें चलती हैं, जिससे नींद पूरी नहीं हो पाती और छात्रों की पढ़ाई पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

ध्वनि प्रदूषण कानूनी सीमा से अधिक होने की आशंका

प्रार्थी के अनुसार मशीनों का अत्यधिक शोर, विशेष रूप से रात के समय, कानूनी सीमा से कई गुना अधिक पहुँच जाता है, जो ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियमों का उल्लंघन है।
लोगों ने कहा कि लगातार तेज़ आवाज़ से मानसिक तनाव, सिरदर्द और रक्तचाप जैसे स्वास्थ्य खतरे बढ़ रहे हैं।

आरोप: आवासीय क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधि पूरी तरह प्रतिबंधित

शिकायत में यह भी कहा गया है कि बस्ती पंजीकृत आवासीय क्षेत्र है जहाँ किसी प्रकार की औद्योगिक गतिविधि, भारी मशीनों का संचालन, या डीज़ल इंजन आधारित इकाई चलाना पूर्णतः वर्जित है।

प्रार्थी का कहना है कि यह गतिविधियाँ नगर पालिका अधिनियम, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों तथा क्षेत्रीय वायु गुणवत्ता प्राधिकरण के निर्देशों के विरुद्ध हैं।

रात में संदिग्ध गतिविधियों का भी आरोप

शिकायतकर्ता सुरेंद्र कुमार एडवोकेट ने बताया कि रात में 10 से 15 अज्ञात युवक वहाँ रहते हैं, जिनकी गतिविधियाँ संदिग्ध प्रतीत होती हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बस्ती में असुरक्षा की भावना पैदा कर रही है।

हालाँकि, इन आरोपों की पुष्टि प्रशासनिक जाँच के बाद ही संभव है।

पुलिस में शिकायत के बाद मशीनें बंद कराई गईं, पर दोबारा शुरू करने की धमकी का आरोप

शिकायतकर्ता का कहना है कि 20 नवम्बर की रात पुलिस को शिकायत करने के बाद मशीनों को बंद करवाया गया था, लेकिन उसके बाद उन्हें पुनः संचालन शुरू करने की धमकी दी गई।
प्रार्थी का आरोप है कि मशीन मालिकों को स्थानीय स्तर पर संरक्षण प्राप्त है। इस विषय में प्रशासनिक जाँच की माँग की गई है।

जिलाधिकारी से निरीक्षण और कठोर कार्रवाई की मांग

शिकायत कर्ता सुरेंद्र कुमार एडवोकेट ने जिलाधिकारी गाज़ियाबाद से माँग की है कि—

बस्ती में चल रही अवैध डीज़ल इंजन मशीनों को तत्काल बंद कराया जाए।

स्थल का संयुक्त निरीक्षण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर पालिका और पुलिस टीम से कराया जाए।

वायु एवं ध्वनि प्रदूषण फैलाने के लिए दोषियों पर प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में कार्रवाई हो।

भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों पर स्थाई रोक लगाने के आदेश पारित किए जाएँ ताकि अनुसूचित जाति बस्ती के निवासियों के स्वास्थ्य और शांतिपूर्ण जीवन के अधिकार की रक्षा हो सके।

 

कई अधिकारियों को भेजी गई प्रतिलिपि

शिकायत की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, पुलिस आयुक्त, डीसीपी, उप जिलाधिकारी, अधिशासी अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी तथा थाना अंकुर विहार को भी प्रेषित की गई है।

 

यह मामला अब जिल प्रशासन, पुलिस एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग के संज्ञान में आ गया है। बस्ती के निवासियों को उम्मीद है कि शीघ्र ही आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

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