50 साल पुरानी मित्रता का अनमोल उदाहरण: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बीकानेर में MBBS के साथी नारायण मोदी की मदद कर निभाया दोस्ती का फर्ज़ ✦ कृष्ण–सुदामा सी दोस्ती ✦

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़

कृष्ण–सुदामा सी दोस्ती

50 साल पुरानी मित्रता का अनमोल उदाहरण: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बीकानेर में MBBS के साथी नारायण मोदी की मदद कर निभाया दोस्ती का फर्ज़
✦ कृष्ण–सुदामा सी दोस्ती ✦

50 साल पुरानी मित्रता का अनमोल उदाहरण: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बीकानेर में MBBS के साथी नारायण मोदी की मदद कर निभाया दोस्ती का फर्ज़

बीकानेर। 29 सितंबर राजनीति की व्यस्त दुनिया के बीच भी इंसानियत और पुरानी दोस्ती की डोर को निभाना कैसा होता है, इसका अद्भुत उदाहरण पेश किया राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने। उन्होंने अपने मेडिकल कॉलेज (MBBS) के दिनों के साथी नारायण मोदी से मिलने बीकानेर पहुँचकर दशकों पुरानी मित्रता को नई ऊँचाई दी।

1977 में हुई थी मुलाक़ात, 50 वर्षों से कायम रिश्ता

करीब पचास साल पहले 1977 में बीकानेर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और नारायण मोदी की दोस्ती की नींव पड़ी। तब दोनों युवावस्था में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे थे।
किरोड़ी लाल मीणा राजनीति में सक्रिय होकर राजस्थान के कैबिनेट मंत्री बने, जबकि पुराने मित्र नारायण मोदी समय के साथ संघर्षपूर्ण जीवन जीते रहे।

जब मंत्री पहुँचे दोस्त की कुटिया, भर आईं आँखें

हाल ही में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर बीकानेर स्थित नारायण मोदी की साधारण कुटिया पर पहुँचे।
वहाँ अपने पुराने साथी को कमजोर आर्थिक हालात और संघर्ष में देखकर मंत्री की आँखें नम हो गईं।

उन्होंने वहीं बैठकर उनसे आत्मीयता से बातें कीं, पुराने कॉलेज के दिन याद किए और निजी स्तर पर आर्थिक सहायता देकर दोस्ती का फर्ज़ निभाया।

आर्थिक व सामाजिक संघर्ष झेल रहे हैं नारायण मोदी

नारायण मोदी, जो कभी MBBS की पढ़ाई के दिनों में मंत्री के सहपाठी रहे, आज साधारण जीवन बिता रहे हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक़ उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है और स्वास्थ्य भी संतोषजनक नहीं।

मंत्री ने हालात देखकर तात्कालिक मदद की और आश्वस्त किया कि आगे भी हरसंभव सहयोग करेंगे

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ‘कृष्ण–सुदामा’ का दृश्य

इस मुलाक़ात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
लोगों ने दोनों की भावनात्मक भेंट को ‘कृष्ण–सुदामा’ जैसी सच्ची दोस्ती का नाम दिया।
कई लोगों ने टिप्पणी की कि यह दृश्य दिखाता है कि सत्ता और पदवी से ऊपर मानवीय रिश्ते सबसे बड़े होते हैं।

राजनीति से परे मानवीय संदेश

विश्लेषकों ने कहा कि यह घटना राजनीति से परे मानवीय संवेदनशीलता का प्रतीक है।
जब सार्वजनिक पद पर आसीन लोग अपने पुराने मित्रों की सुध लेते हैं और मदद करते हैं, तो समाज में एक सकारात्मक सन्देश जाता है –
“पद और प्रतिष्ठा के बावजूद रिश्ते निभाना ही सच्ची मित्रता है।

पुरानी दोस्ती समय और हालात की कसौटी पर भी सच्ची रह सकती है।

पद और दौलत के बावजूद दोस्ती निभाना समाज में उम्मीद जगाता है।

संवेदनशीलता और सहयोग की भावना रिश्तों को जीवित रखती है।

 

“कृष्ण–सुदामा की दोस्ती फिर हुई जीवंत: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पुराने साथी की मदद कर दिया मानवीयता का संदेश”

“MBBS के दिनों के मित्र नारायण मोदी से मिलने बीकानेर पहुँचे मंत्री, मित्र की कुटिया में पहुँचकर भावुक हुए, आर्थिक मदद कर निभाई पुरानी दोस्ती।श

बीकानेर। 29 सितंबर राजनीति की व्यस्त दुनिया के बीच भी इंसानियत और पुरानी दोस्ती की डोर को निभाना कैसा होता है, इसका अद्भुत उदाहरण पेश किया राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने। उन्होंने अपने मेडिकल कॉलेज (MBBS) के दिनों के साथी नारायण मोदी से मिलने बीकानेर पहुँचकर दशकों पुरानी मित्रता को नई ऊँचाई दी

1977 में हुई थी मुलाक़ात, 50 वर्षों से कायम रिश्ता

करीब पचास साल पहले 1977 में बीकानेर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और नारायण मोदी की दोस्ती की नींव पड़ी। तब दोनों युवावस्था में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे थे।
किरोड़ी लाल मीणा राजनीति में सक्रिय होकर राजस्थान के कैबिनेट मंत्री बने, जबकि पुराने मित्र नारायण मोदी समय के साथ संघर्षपूर्ण जीवन जीते रहे।

जब मंत्री पहुँचे दोस्त की कुटिया, भर आईं आँखें

हाल ही में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर बीकानेर स्थित नारायण मोदी की साधारण कुटिया पर पहुँचे।
वहाँ अपने पुराने साथी को कमजोर आर्थिक हालात और संघर्ष में देखकर मंत्री की आँखें नम हो गईं।
उन्होंने वहीं बैठकर उनसे आत्मीयता से बातें कीं, पुराने कॉलेज के दिन याद किए और निजी स्तर पर आर्थिक सहायता देकर दोस्ती का फर्ज़ निभाया।

आर्थिक व सामाजिक संघर्ष झेल रहे हैं नारायण मोदी

नारायण मोदी, जो कभी MBBS की पढ़ाई के दिनों में मंत्री के सहपाठी रहे, आज साधारण जीवन बिता रहे हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक़ उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है और स्वास्थ्य भी संतोषजनक नहीं।
मंत्री ने हालात देखकर तात्कालिक मदद की और आश्वस्त किया कि आगे भी हरसंभव सहयोग करेंगे

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ‘कृष्ण–सुदामा’ का दृश्य

इस मुलाक़ात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
लोगों ने दोनों की भावनात्मक भेंट को ‘कृष्ण–सुदामा’ जैसी सच्ची दोस्ती का नाम दिया।
कई लोगों ने टिप्पणी की कि यह दृश्य दिखाता है कि सत्ता और पदवी से ऊपर मानवीय रिश्ते सबसे बड़े होते हैं

राजनीति से परे मानवीय संदेश

विश्लेषकों ने कहा कि यह घटना राजनीति से परे मानवीय संवेदनशीलता का प्रतीक है।
जब सार्वजनिक पद पर आसीन लोग अपने पुराने मित्रों की सुध लेते हैं और मदद करते हैं, तो समाज में एक सकारात्मक सन्देश जाता है –
“पद और प्रतिष्ठा के बावजूद रिश्ते निभाना ही सच्ची मित्रता है।”

प्रेरक सीख

पुरानी दोस्ती समय और हालात की कसौटी पर भी सच्ची रह सकती है।

पद और दौलत के बावजूद दोस्ती निभाना समाज में उम्मीद जगाता है।

संवेदनशीलता और सहयोग की भावना रिश्तों को जीवित रखती है।

“कृष्ण–सुदामा की दोस्ती फिर हुई जीवंत: मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पुराने साथी की मदद कर दिया मानवीयता का संदेश।

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