ट्रॉनिका सिटी में नकली दवाओं का जाल ध्वस्त , औद्योगिक क्षेत्र की आड़ में चल रहा था जनस्वास्थ्य से खिलवाड़

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़

ट्रॉनिका सिटी में नकली दवाओं का जाल ध्वस्त

औद्योगिक क्षेत्र की आड़ में चल रहा था जनस्वास्थ्य से खिलवाड़

दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, नकली दवा फैक्ट्री सील, दो आरोपी गिरफ्तार, गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज

लोनी। उत्तर प्रदेश के जनपद गाजियाबाद अंतर्गत ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सुनियोजित कार्रवाई करते हुए नकली दवाओं के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ किया है। यहां औद्योगिक इकाई की आड़ में लंबे समय से नकली दवाओं का निर्माण कर उन्हें बाजार में खपाया जा रहा था, जिससे आम जनता के स्वास्थ्य और जीवन पर गंभीर खतरा मंडरा रहा था।

गुप्त सूचना पर हुई निर्णायक कार्रवाई

पुलिस को लंबे समय से नकली दवाओं की आपूर्ति को लेकर सूचनाएं मिल रही थीं। तकनीकी निगरानी, खुफिया जानकारी और सतत सत्यापन के बाद अपराध शाखा की टीम ने ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में स्थित एक संदिग्ध फैक्ट्री पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान जो तथ्य सामने आए, उन्होंने पूरे अवैध तंत्र की भयावह तस्वीर उजागर कर दी।

फैक्ट्री से मिला नकली दवा निर्माण का पूरा ढांचा

कार्रवाई के दौरान मौके से—

भारी मात्रा में तैयार नकली दवाइयाँ

विभिन्न नामी कंपनियों की नकल वाले डिब्बे, रैपर और लेबल

दवा पैक करने की मशीनें

रासायनिक कच्चा माल

बरामद किया गया। प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हुआ कि फैक्ट्री के पास न तो कोई वैध लाइसेंस था और न ही दवा निर्माण से संबंधित किसी भी प्रकार की अनुमति।

 

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

पुलिस ने मौके से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है—

1. गौरव भगत

2. श्रीराम उर्फ विशाल गुप्ता

 

पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे लंबे समय से नकली दवाओं के निर्माण और आपूर्ति के इस अवैध धंधे से जुड़े हुए थे।

मुकदमा दर्ज, अन्य आरोपियों की तलाश

दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में दो नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध तथा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्रकरण पंजीकृत कर लिया गया है। जांच एजेंसी का मानना है कि यह केवल दो व्यक्तियों का अपराध नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जिसकी जड़ें कई स्थानों तक फैली हुई हैं।

 

आधिकारिक बयान

कार्रवाई के संबंध में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा—

> “यह फैक्ट्री बिना किसी वैध अनुमति के संचालित हो रही थी। यहां तैयार की जा रही नकली दवाइयाँ सीधे तौर पर आम नागरिकों की जान के लिए खतरा थीं। गिरफ्तार अभियुक्तों से गहन पूछताछ की जा रही है और इस पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान कर जल्द कार्रवाई की जाएगी।”

 

औषधि विभाग को सौंपे गए नमूने

बरामद दवाइयों के नमूने जांच के लिए औषधि विभाग को भेज दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध और भी कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फैक्ट्री परिसर को सील कर दस्तावेजों की जांच प्रारंभ कर दी गई है।

जनस्वास्थ्य पर सीधा प्रहार

विशेषज्ञों का मानना है कि नकली दवाओं का कारोबार समाज के लिए एक मौन आपदा है। इस प्रकार की दवाइयों के सेवन से बीमारी ठीक होने के बजाय मरीज की हालत और बिगड़ सकती है, यहां तक कि मृत्यु का खतरा भी बना रहता है। यह अपराध केवल आर्थिक नहीं, बल्कि मानव जीवन के विरुद्ध किया गया गंभीर अपराध है।

 

आगे की दिशा

पुलिस अब—

नकली दवाओं की आपूर्ति शृंखला

थोक और खुदरा विक्रेताओं की भूमिका

कच्चा माल उपलब्ध कराने वाले स्रोतों

की गहन जांच कर रही है। आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे तथा गिरफ्तारियां होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।

निष्कर्ष

ट्रॉनिका सिटी में उजागर हुआ यह मामला केवल एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ नहीं, बल्कि नकली दवा माफिया के खिलाफ एक सख्त संदेश है कि जनता की जान से खेलने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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