रजिस्ट्री अटकी, बिल्डर बेखबर — परेशान हैं सिग्नेचर रेजिडेंसी के सैकड़ों परिवार

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़

रजिस्ट्री अटकी, बिल्डर बेखबर — परेशान हैं सिग्नेचर रेजिडेंसी के सैकड़ों परिवार

बकाया भुगतान और अव्यवस्था के विरोध में निवासियों का शांतिपूर्ण धरना

लोनी (गाजियाबाद)। ट्रॉनिका सिटी स्थित सिग्नेचर रेजी
डेंसी के निवासियों ने शनिवार को सोसाइटी परिसर में शांतिपूर्ण धरना देकर बिल्डर की मनमानी और रजिस्ट्री प्रक्रिया रुके होने के विरोध में अपना आक्रोश जताया। धरना सुबह 11 बजे शुरू हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हुए।

निवासियों का कहना है कि वर्ष 2020 से उनके फ्लैटों की रजिस्ट्री रुकी हुई है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (UPSIDC) के अनुसार, बिल्डर द्वारा लगभग दो करोड़ अठहत्तर लाख रुपये का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। इसी कारण रजिस्ट्री की प्रक्रिया बाधित है और खरीदार अपने स्वामित्व के दस्तावेजों से वंचित हैं।

धरना दे रहे निवासियों ने बताया कि इस समस्या के चलते उन्हें आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई परिवार बैंक ऋण की किस्तें भर रहे हैं, जबकि उन्हें अपने फ्लैट की कानूनी मान्यता तक नहीं मिल पाई है।

निवासियों ने आरोप लगाया कि बिल्डर संजीव चौधरी ने सोसाइटी की कार्यकारिणी समिति (एओए) पर जबरन कब्जा कर रखा है। वे महीनों तक सोसाइटी में दिखाई नहीं देते, फिर भी सोसाइटी के खातों, दस्तावेजों और सभी आर्थिक गतिविधियों पर उनका एकछत्र नियंत्रण बना हुआ है। निवासियों का कहना है कि बिल्डर सोसाइटी की धनराशि का उपयोग मनमाने ढंग से करता है और न तो किसी बैठक में शामिल होता है, न ही कोई जानकारी साझा करता है।

धरना स्थल पर मौजूद निवासियों ने बताया कि जून माह में सोसाइटी के एक फ्लैट में भीषण आग लग गई थी, जिसमें पूरा फ्लैट जलकर नष्ट हो गया था। उस समय सोसाइटी के अग्निशमन यंत्र निष्क्रिय पड़े थे। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी।

सोसाइटी में लिफ्टों के बार-बार खराब होने, भवन की दीवारों के जर्जर होने, अधूरे पेंट और बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने रहवासियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। लोगों का कहना है कि इन खामियों के कारण फ्लैटों की कीमतों में भारी गिरावट आई है।

निवासियों का आरोप है कि बिल्डर ने सोसाइटी की संपत्तियों, दस्तावेजों, सिस्टम आईडी और पासवर्ड पर भी कब्जा कर रखा है, जिससे मौजूदा कार्यकारिणी के पास कोई अधिकार नहीं बचा। वर्ष 2015 से वह अलोकतांत्रिक तरीके से नियंत्रण बनाए हुए है, जिससे सोसाइटी में असंतोष गहराता जा रहा है।

धरने में शामिल निवासियों ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर कई बार संबंधित अधिकारियों और विभागों को लिखित शिकायत दी है, परंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि अब वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज प्रशासन तक पहुंचाने को बाध्य हैं।

निवासियों ने मांग की है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया तुरंत शुरू कराई जाए, बिल्डर की मनमानी पर रोक लगाई जाए और सोसाइटी की सभी मूलभूत सुविधाओं — बिजली, लिफ्ट, सुरक्षा, साफ-सफाई और रखरखाव — की जिम्मेदारी तय की जाए ताकि सैकड़ों परिवारों को राहत मिल सके।

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