रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
किसानों का सत्याग्रह आंदोलन: मंडोला योजना के खिलाफ दो दिन चला धरना स्थगित
डीएम से देर रात वार्ता के बाद किसानों ने तहसील परिसर का धरना समाप्त किया, झंडे हटाने पर जताई नाराजगी
लोनी, गाजियाबाद 5 नवंबर।उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के विरोध में चल रहा किसानों का आंदोलन फिलहाल स्थगित हो गया है। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन ने गत दो दिनों तक लोनी तहसील परिसर को आंदोलन स्थल में बदल दिया। देर रात जिला अधिकारी गाजियाबाद से हुई वार्ता के बाद किसानों ने धरना समाप्त करने की घोषणा की, हालांकि किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यह केवल “स्थगन” है, समाप्ति नहीं।
पैदल यात्रा से धरना तक पहुँचा आंदोलन
03 नवंबर 2025 को मंडोला योजना से प्रभावित किसानों ने आवास विकास परिषद के खिलाफ पैदल यात्रा निकाली। यात्रा जब लोनी तहसील पहुँची तो यह धरने में तब्दील हो गई।
किसानों ने तहसील में अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए उप जिलाधिकारी कार्यालय और नगर पालिका परिषद कार्यालय की तालाबंदी कर दी। इसके बाद किसानों ने तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन शुरू किया जो लगातार दो दिन तक जारी रहा।
अधिकारियों से हुई तीखी नोकझोंक, वार्ता रात तक जारी
धरने के दौरान प्रशासन और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन समाधान नहीं निकल सका।
किसानों ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे तब तक धरना समाप्त नहीं करेंगे जब तक जिला अधिकारी से प्रत्यक्ष वार्ता न हो जाए।
दूसरे दिन शाम को तहसील परिसर में अधिकारियों और किसानों के बीच हुई बैठक नतीजा-रहित रही। अपर जिलाधिकारी भू-अर्जन विवेक मिश्रा ने जिलाधिकारी के निर्देश पर मौके से किसानों से वार्ता की और फोन पर डीएम से बातचीत कराई।
रात 11 बजे हुआ समझौता, धरना स्थगित
लगातार वार्ताओं के बाद देर रात करीब 11 बजे किसानों ने धरना स्थगित करने की घोषणा की।
जिलाधिकारी गाजियाबाद ने आगामी 11 नवंबर को लखनऊ स्थित परिषद मुख्यालय में किसानों की आधिकारिक वार्ता करने का आश्वासन दिया है। इसी भरोसे पर किसान नेताओं ने धरना फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया।
किसानों को जनता का समर्थन और तहसील में लगे प्रतीक
धरने के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और फरियादी भी तहसील परिसर पहुँचे।
किसानों ने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को धरने पर ही बुलवाया, जिससे आम जनता में किसान आंदोलन के प्रति समर्थन और बढ़ गया।
किसानों ने यह भी तय किया कि लखनऊ वार्ता संपन्न होने तक तहसील परिसर में लगाए गए उनके झंडे, बैनर और प्रतीक वहीं रहेंगे, जिनकी निगरानी के लिए किसान प्रतिदिन तहसील परिसर का दौरा करेंगे।
झंडे हटाए जाने पर किसानों की नाराजगी
धरना स्थगित होने के बाद किसानों ने आरोप लगाया कि आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने धरना स्थल से भारतीय किसान यूनियन के झंडे हटा दिए हैं।
इस पर किसानों ने नाराजगी जताई और चेतावनी दी कि यदि इस तरह की कार्रवाई दोबारा हुई तो वे आंदोलन को फिर से शुरू करने के लिए बाध्य होंगे।
किसान नेता नीरज त्यागी ने कहा कि झंडे हटाने का मुद्दा आगामी वार्ता में प्रमुख रूप से उठाया जाएगा।
आगे की दिशा
कल आवास विकास परिषद के अधिकारियों और किसान प्रतिनिधियों के बीच लखनऊ में बैठक प्रस्तावित है।
इस बैठक में किसानों की मुख्य माँगें — मंडोला योजना के तहत मुआवजा निर्धारण, विस्थापितों के पुनर्वास और भूमि अधिग्रहण की पारदर्शिता — प्रमुख रूप से रखी जाएँगी।
निष्कर्ष
दो दिन चला यह धरना किसानों की एकजुटता और प्रशासनिक संवाद की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
हालांकि धरना स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं, इसलिए यह स्पष्ट है कि किसान अब भी अपने मुद्दों पर अंतिम समाधान की प्रतीक्षा में हैं।
11 नवंबर की वार्ता इस आंदोलन का अगला निर्णायक चरण साबित हो सकती है।
