लोनी की जनता का प्रहरी: विधायक नंदकिशोर गुर्जर की जनसेवा और संघर्ष की मिसाल

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़

लोनी की जनता का प्रहरी: विधायक नंदकिशोर गुर्जर की जनसेवा और संघर्ष की मिसाल

जनहित, सत्यनिष्ठा और निर्भीकता से भरी राजनीतिक कार्यशैली ने उन्हें जनता के दिलों में स्थापित किया

लोनी (गाजियाबाद) 2 नवम्बर। लोनी विधानसभा क्षेत्र में दो बार के निर्वाचित विधायक नंदकिशोर गुर्जर आज एक ऐसे जनप्रतिनिधि के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने राजनीति को जनता की सेवा और संघर्ष का माध्यम बनाया। वे केवल अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाने तक सीमित नहीं रहे, बल्कि जब भी आवश्यकता पड़ी, सत्ता और प्रशासन से टकराने में भी पीछे नहीं हटे।

नंदकिशोर गुर्जर की कार्यशैली का सबसे बड़ा आधार उनकी स्पष्टता और निडरता है। उन्होंने समय-समय पर जनता की आवाज को शासन तक पहुँचाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया। चाहे बिजली, सड़क, जलापूर्ति की समस्या हो या नगर विकास से जुड़ा कोई मामला — वे सीधे जनता के बीच जाकर संवाद करते रहे और अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की माँग करते रहे।

जनता के हित में सरकार से टकराने का साहस

लोनी विधानसभा में अनेक अवसर ऐसे आए जब जनता की समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने अपनी ही सरकार से खुलकर मतभेद जताए। विधानसभा सत्र के दौरान भी उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर बार-बार सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
एक अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री के विरुद्ध धरना देकर जनता की पीड़ा को उजागर किया। यह कदम उनकी दृढ़ता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक माना गया।

किसान आंदोलन के समय भी मुखर रहे स्वर

किसान आंदोलन के दौर में जब देश भर में विभिन्न मंचों से आवाजें उठ रहीं थीं, तब नंदकिशोर गुर्जर ने भी खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने किसान हितों की रक्षा के साथ-साथ आंदोलन के नाम पर होने वाली अराजक प्रवृत्तियों का विरोध किया। उनके अनुसार, किसानों की वास्तविक समस्याओं का समाधान संवाद और नीति सुधार से ही संभव है, न कि टकराव से।
उन्होंने किसान संगठनों के कुछ नेताओं के विरोध में अपनी राय स्पष्ट रूप से व्यक्त कर यह संदेश दिया कि किसान की बात ईमानदारी से रखनी चाहिए, न कि राजनीतिक स्वार्थ से।

नगरपालिका के कार्यों पर प्रश्न और पारदर्शिता की माँग

नगरपालिका लोनी में कार्यकाल के दौरान पूर्व अध्यक्ष मनोज धामा और वर्तमान अध्यक्ष रंजीत धामा के कार्यों पर भी उन्होंने खुले रूप से पारदर्शिता की माँग की। उनका मानना रहा कि नगर विकास के कार्य जनता की निधि से होते हैं, अतः हर कार्य जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।
उन्होंने इस विषय पर कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखे और सुधारात्मक कदम उठाने पर बल दिया।

सड़क, शिक्षा और जनसुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार

उनके नेतृत्व में लोनी क्षेत्र में सड़कों के चौड़ीकरण, जल निकासी, स्ट्रीट लाइट व्यवस्था, विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण और स्वास्थ्य केंद्रों के सुधार जैसे कार्यों में गति आई। उन्होंने युवाओं के लिए खेल मैदान और पुस्तकालय जैसी सुविधाओं के विकास को भी प्राथमिकता दी।
जनता के बीच वे हमेशा उपलब्ध रहने वाले जनप्रतिनिधि के रूप में जाने जाते हैं। लोग उन्हें “लोनी का प्रहरी” और “जनता की आवाज” कहकर संबोधित करते हैं।

निर्णायक निष्कर्ष

नंदकिशोर गुर्जर की राजनीति सत्ता-केन्द्रित नहीं, बल्कि सेवा-केन्द्रित मानी जाती है। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि एक जनप्रतिनिधि जनता की भलाई के लिए अपनी ही सरकार से मतभेद कर सकता है, यदि उद्देश्य जनहित हो।
उनकी निडरता, स्पष्टता और संघर्षशीलता ने उन्हें लोनी ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अलग पहचान दी है।
2027 के आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जनता का उत्साह और समर्थन यह दर्शाता है कि नंदकिशोर गुर्जर ने अपने कार्यों से लोगों के हृदय में जो विश्वास अर्जित किया है, वह किसी दल या पद की सीमा से परे है।

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