दिल्ली के रोहिणी में बड़ा एनकाउंटर: बिहार के ‘सिग्मा गैंग’ के चार मोस्ट वांटेड गैंगस्टर ढेर
नई दिल्ली (जन वाणी न्यूज़) 23 अक्टूबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रोहिणी इलाके में गुरुवार तड़के दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़े एनकाउंटर में बिहार के चार मोस्ट वांटेड गैंगस्टर ढेर कर दिए। पुलिस ने बताया कि मारे गए चारों बदमाश बिहार के कुख्यात ‘सिग्मा गैंग’ से जुड़े थे और बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में आतंक फैलाने की फिराक में थे।
मुख्य बिंदु
दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने रोहिणी इलाके में एटीवी ऑपरेशन चलाया।
चार मोस्ट वांटेड गैंगस्टर मारे गए, सभी बिहार के ‘सिग्मा गैंग’ से जुड़े थे।
बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।
दोनों तरफ हुई गोलीबारी में चारों बदमाश गंभीर रूप से घायल हुए, अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
एनकाउंटर में किसी पुलिसकर्मी को चोट नहीं आई।
यह कार्रवाई चुनाव से पहले संभावित आतंक फैलाने की योजना को रोकने के लिए की गई।
घटनाक्रम
सुबह 4 बजे, रोहिणी, दिल्ली:
खुफिया जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की स्पेशल टीम ने रोहिणी इलाके में सिग्मा गैंग के चार मोस्ट वांटेड सदस्यों के छिपे होने की सूचना पाई।
सुबह 4:30 बजे:
पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर बदमाशों को आत्मसमर्पण का आदेश दिया।
सुबह 4:35 बजे:
बदमाशों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की।
सुबह 5 बजे:
दोनों तरफ से गोलीबारी में चार बदमाश गंभीर रूप से घायल हुए। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।
सुबह 6 बजे:
अस्पताल में इलाज के दौरान चारों बदमाशों की मौत हो गई।
पुलिस और अधिकारियों के बयान
दिल्ली पुलिस: “यह संयुक्त ऑपरेशन खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया। किसी भी पुलिसकर्मी को चोट नहीं आई। एनकाउंटर निष्पक्ष और आत्मरक्षा में हुआ।”
बिहार पुलिस: “सिग्मा गैंग के यह चार सदस्य बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर दहशत फैलाने की फिराक में थे। हमारी समय पर कार्रवाई ने संभावित बड़ी वारदात को रोका।”
यह एनकाउंटर राष्ट्रीय राजधानी और बिहार दोनों ही जगह कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाता है। चुनाव के दौरान संभावित आतंकवाद और गैंगस्टरियों को रोकने के लिए दोनों राज्य पुलिस की सक्रिय कार्रवाई ने बड़ी तबाही टाल दी। पुलिस की त्वरित और संगठित कार्रवाई से यह भी स्पष्ट हुआ कि खुफिया सूचनाओं का सही उपयोग कर जनता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
