लोनी में आउटलाइन कोर्ट खोलने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार, इलाहाबाद हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल और डीएम गाज़ियाबाद को जारी हुआ नोटिस — क्षेत्र में न्यायिक व्यवस्था को लेकर उम्मीद की किरण जागी।
लोनी क्षेत्रवासियों के लिए राहत भरी खबर
लोनी। (रविन्द्र बंसल) क्षेत्र में लंबे समय से लंबित आउटलाइन कोर्ट (स्थायी न्यायालय) की स्थापना को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई अब निर्णायक चरण में पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार, रजिस्ट्रार जनरल इलाहाबाद हाईकोर्ट, तथा जिलाधिकारी गाज़ियाबाद को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
यह नोटिस दिनांक 16 अक्टूबर 2025 को तामील हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का विवरण
जानकारी के अनुसार, दिनांक 14 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई थी।
सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करने के साथ-साथ यह निर्देश भी दिया कि संबंधित पक्षकार लोनी क्षेत्र में न्यायिक सुविधाओं के अभाव पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
अगली सुनवाई में राज्य सरकार को यह बताना होगा कि लोनी जैसे विशाल जनसंख्या वाले क्षेत्र में अब तक स्वतंत्र अदालत (आउटलाइन कोर्ट) क्यों स्थापित नहीं की गई।
अधिवक्ता विनोद कुमार की पहल रंग ला रही है
इस याचिका को लोनी तहसील बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था।
उन्होंने बताया कि
> “लोनी क्षेत्र की जनसंख्या लाखों में है, लेकिन क्षेत्रवासियों को मामूली दीवानी या फौजदारी मामलों के लिए गाज़ियाबाद मुख्यालय तक आना पड़ता है। यह समय, धन और संसाधनों की भारी बर्बादी है। सुप्रीम कोर्ट ने हमारी मांग को गंभीरता से लिया है, जो न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।”
विनोद कुमार एडवोकेट ने यह भी बताया कि
> “दिनांक 16.10.2025 को नोटिस की तामील की पुष्टि खुद जिला न्यायालय गाज़ियाबाद के कोर्ट मैनेजर ने फोन पर की। अब यह मामला अंतिम चरण में है और लोनी क्षेत्र को अपना स्वतंत्र न्यायालय जल्द मिलने की संभावना है।”
बार एसोसिएशन और क्षेत्रवासियों में उत्साह
लोनी तहसील बार एसोसिएशन के सभी अधिवक्ता साथियों और क्षेत्र के नागरिकों में इस निर्णय को लेकर जबरदस्त उत्साह है।
बार के सदस्यों ने कहा कि वे अधिवक्ता विनोद कुमार के प्रयासों का समर्थन जारी रखेंगे और कोर्ट की प्रक्रिया में हर संभव सहयोग देंगे।
स्थानीय नागरिकों ने भी कहा कि लोनी क्षेत्र में कोर्ट खुलने से
न्यायिक कार्यवाही में तेजी आएगी,
जनता को राहत मिलेगी,
और गाज़ियाबाद मुख्यालय पर दबाव कम होगा।
मामले से संबंधित प्रमुख तथ्य
मामले का विषय लोनी में आउटलाइन कोर्ट की स्थापना की मांग
सुनवाई की तिथि 14 अक्टूबर को नोटिस जारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 अक्टूबर 2025 को तामील
याचिकाकर्ता विनोद कुमार एडवोकेट
उत्तरदायी पक्ष उत्तर प्रदेश सरकार, रजिस्ट्रार जनरल इलाहाबाद हाईकोर्ट, जिलाधिकारी गाज़ियाबाद
प्रभाव क्षेत्र लोनी तहसील एवं आस-पास के क्षेत्रअगली सुनवाई आगामी तिथि निर्धारित होना शेष
लोनी में न्यायिक सुविधा की ज़रूरत
लोनी तहसील की आबादी करीब 20 लाख से अधिक है।
यहां दीवानी, राजस्व, भूमि विवाद और पारिवारिक मामलों की बड़ी संख्या में याचिकाएं आती हैं। लेकिन कोर्ट न होने के कारण लोगों को प्रतिदिन गाज़ियाबाद जिला न्यायालय तक जाना पड़ता है, जिससे न्याय तक पहुंच कठिन और महंगी हो जाती है।
स्थापना पर यूपी सरकार, हाईकोर्ट व डीएम को जारी किया नोटिस।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस के बाद अब यह मामला निर्णायक मोड़ पर है।
लोनी क्षेत्र के लाखों नागरिकों और अधिवक्ताओं के वर्षों पुराने संघर्ष को न्यायिक मान्यता मिलने की संभावना बन गई है।
क्षेत्रीय बार एसोसिएशन को विश्वास है कि लोनी में स्वतंत्र न्यायालय की स्थापना शीघ्र ही हो जाएगी।
