आईजीआरएस पर शून्य फीडबैक: जिलाधिकारी ने 35 विभागों के अधिकारियों का वेतन रोका

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रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़

आईजीआरएस पर शून्य फीडबैक: जिलाधिकारी ने 35 विभागों के अधिकारियों का वेतन रोका

गाजियाबाद। जनसुनवाई पोर्टल (आई०जी०आर०एस०) पर गुणवत्तापूर्ण कार्य न करने वाले अधिकारियों पर जिलाधिकारी ने कड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी ने ऐसे 35 विभागों/कार्यालयों के अधिकारियों का मासिक वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने के निर्देश जारी किए हैं, जिनके कार्यों पर सितम्बर 2025 माह में शून्य (0%) संतुष्ट फीडबैक प्राप्त हुआ है।

जन शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में लापरवाही

जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आई०जी०आर०एस० पोर्टल पर 01 सितम्बर से 30 सितम्बर 2025 तक प्राप्त शिकायतों के निस्तारण के बाद जनसामान्य से लिए गए फीडबैक में 35 विभागों के अधिकारियों को एक भी संतुष्ट फीडबैक प्राप्त नहीं हुआ।
यह स्थिति इस बात का संकेत है कि संबंधित अधिकारी न तो शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण कर रहे हैं, न ही उनकी गुणवत्ता पर ध्यान दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय तक प्रभावित हो रही जनपद की रैंकिंग

शासन के 17 फरवरी 2020 के शासनादेश के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर आईजीआरएस संदर्भों की गुणवत्ता और निस्तारण की जांच की जाती है।
ऐसे में इन 35 अधिकारियों की लापरवाही न केवल शासन की दृष्टि में गाजियाबाद की आईजीआरएस रैंकिंग को नुकसान पहुँचा सकती है, बल्कि जनपद की छवि भी धूमिल हो रही है।

जिलाधिकारी ने कहा कि,

> “यह अत्यंत खेदजनक है कि कुछ अधिकारियों की उदासीनता के कारण जनपद की छवि शासन के समक्ष धूमिल हो रही है। पूर्व में बैठकों और पत्रों के माध्यम से लगातार निर्देश दिए जाने के बावजूद इन अधिकारियों ने सुधार नहीं किया।”

 

वेतन रोकने के सख्त निर्देश

इन परिस्थितियों को देखते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य कोषाधिकारी को निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि

> “जब तक संबंधित अधिकारी अपने आईजीआरएस निस्तारण की गुणवत्ता में सुधार नहीं करते और पोर्टल पर प्राप्त फीडबैक प्रतिशत में वृद्धि नहीं होती, तब तक उनका मासिक वेतन आहरित नहीं किया जाएगा।”

जनहित और जवाबदेही पर जोर

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश सरकार की पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जिलाधिकारी का यह निर्देश अन्य अधिकारियों के लिए भी एक सख्त चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि जनता से जुड़े कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

क्या है आईजीआरएस (IGRS) प्रणाली?

आई०जी०आर०एस० अर्थात इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम — उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एक ऑनलाइन जनसुनवाई पोर्टल है, जिसके माध्यम से नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। इन शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समयसीमा में अधिकारियों द्वारा किया जाता है, जिसके बाद शिकायतकर्ता से निस्तारण की गुणवत्ता पर फीडबैक प्राप्त किया जाता है।

संक्षेप में:
35 अधिकारियों का सितंबर माह का संतुष्ट फीडबैक प्रतिशत “शून्य”।

जिलाधिकारी ने वेतन आहरण पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई।
फीडबैक सुधारने और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के बिना वेतन नहीं मिलेगा।
गाजियाबाद की आईजीआरएस रैंकिंग पर असर को लेकर प्रशासन सख्त।

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