रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
लोनीवासियों को न्याय दिलाने की मुहिम
लोनी के 25 लाख से अधिक लोगों के लिए मीरपुर हिन्दू गाँव में आउटलाइन कोर्ट खोलने की मांग
गाजियाबाद/लोनी। लोनी क्षेत्र के 25 लाख से अधिक लोगों को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने के लिए अब स्थानीय अधिवक्ताओं ने आवाज बुलंद की है। लोनी तहसील अंतर्गत आने वाले लोनी बॉर्डर, लोनी, ट्रॉनिका सिटी, अंकुर विहार और टीला मोड़ थानों में पंजीकृत मुकदमों की सुनवाई वर्तमान में गाजियाबाद स्थित न्यायालयों में होती है। न्यायालयों तक पहुंचने के लिए लोनी वासियों को लगभग 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे समय, श्रम और धन की बर्बादी होती है।
इसी समस्या को दूर करने के उद्देश्य से वरिष्ठ अधिवक्ता शादाब अली, अधिवक्ता मंसूर अली, अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार और अधिवक्ता श्रीमती बीना बैसला ने प्रदेश सरकार और न्यायपालिका को पत्र लिखकर लोनी क्षेत्र के लिए मीरपुर हिन्दू गाँव में आउटलाइन कोर्ट की स्थापना की मांग की है।
अधिवक्ताओं ने यह पत्र मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन, उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश, उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (विधि एवं न्याय) को संबोधित किया है।
लोगों की समस्याएं
अधिवक्ताओं ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि दूर-दराज न्यायालयों तक पहुंचने के कारण लोनी क्षेत्र के गरीब और मध्यमवर्गीय लोग अक्सर मुकदमों की सुनवाई में देरी का सामना करते हैं।
कई बार आर्थिक तंगी के चलते लोग सुनवाई के दिन गाजियाबाद की अदालत तक नहीं पहुंच पाते।
समय पर हाज़िर न हो पाने के कारण मुकदमे खारिज हो जाते हैं या उनकी सुनवाई लंबित रह जाती है।
यात्रा पर लगने वाला खर्च और समय न्याय पाने में बड़ी बाधा बन जाता है।
स्थानीय अदालत की आवश्यकता
अधिवक्ताओं का कहना है कि लोनी क्षेत्र की तेजी से बढ़ती आबादी और बढ़ते मुकदमों को देखते हुए स्थानीय स्तर पर अदालत की स्थापना समय की मांग है।
संयोजक अधिवक्ता विनोद कुमार, तहसील लोनी, ने बताया कि –
> “लोनी में रहने वाले लोगों को न्यायालयों तक जाने के लिए 30 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। इससे उनका कीमती समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं। कई मामलों में लोग निराश होकर मुकदमे ही छोड़ देते हैं। यदि मीरपुर हिन्दू गाँव में आउटलाइन कोर्ट खुल जाता है, तो लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।”
आर्थिक और सामाजिक लाभ
स्थानीय अदालत की स्थापना से लोनी क्षेत्र के नागरिकों को समय पर न्याय प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, उन्हें अदालत तक पहुंचने में लगने वाले यातायात खर्च और समय की बचत होगी।
वर्तमान में लोग प्रति सुनवाई औसतन 500 से 1000 रुपये तक यात्रा पर खर्च करते हैं।
गरीब और मजदूर तबके के लिए यह बड़ी समस्या है।
पास में अदालत खुलने से न्याय प्रक्रिया तेज होगी और न्याय तक पहुंच आसान हो जाएगी।
प्रमुख मांगें
अधिवक्ताओं ने अपने पत्र में मांग की है कि:
1. मीरपुर हिन्दू गाँव में शीघ्र आउटलाइन कोर्ट स्थापित किया जाए।
2. लोनी बॉर्डर, लोनी, ट्रॉनिका सिटी, अंकुर विहार और टीला मोड़ थानों के सभी मुकदमों की सुनवाई इसी आउटलाइन कोर्ट में हो।
3. इस पहल को न्याय तक सस्ती और सुलभ पहुंच के उद्देश्य से शीघ्र लागू किया जाए।
लोगों की उम्मीद
लोनी और आसपास के क्षेत्रों के लोग अधिवक्ताओं की इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। उनका मानना है कि यदि मीरपुर हिन्दू गाँव में अदालत खुल जाती है, तो उन्हें न्याय के लिए गाजियाबाद नहीं जाना पड़ेगा और उनकी लंबे समय से चली आ रही परेशानी दूर होगी।
