रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
बीएसएनएल गाजियाबाद में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता खतौली विधायक मदन भैया ने केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की
करोड़ों रुपये की अनियमितताओं का आरोप
गाजियाबाद। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता व खतौली विधायक मदन भैया ने बीएसएनएल गाजियाबाद कार्यालय में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा है। पत्र में विधायक ने कहा है कि बीएसएनएल गाजियाबाद के महाप्रबंधक सहित कई उच्च अधिकारी करोड़ों रुपये की हेराफेरी में शामिल हैं।
जांच रिपोर्ट पर उठाए सवाल
विधायक ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि 25 जुलाई 2025 को भेजे गए उनके पहले पत्र का जवाब अपूर्ण और सतही था।
विभाग की ओर से बाद में भेजी गई रिपोर्ट भी अधूरी थी, जिसमें महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया गया।
मई 2025 में गठित जांच समिति की रिपोर्ट में भी वास्तविक दोषियों की भूमिका को दबा दिया गया।
विधायक का कहना है कि यह सब महाप्रबंधक और उच्च अधिकारियों को बचाने के लिए किया गया।
संसद सदस्य ने भी उठाई थी आपत्ति
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि इससे पहले राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी बीएसएनएल गाजियाबाद में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का मुद्दा उठाया था। इसके बावजूद अब तक किसी ठोस कार्रवाई का अभाव है।
विधायक की मांग
मदन भैया ने मंत्री से स्पष्ट मांग की है कि—
1. स्वतंत्र एवं उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
2. जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी या मंत्रालय के बाहर से हो, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।
3. दोषियों को बचाने वाले अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल हो।
4. सरकारी धन की हानि की भरपाई सुनिश्चित की जाए।
मामला क्यों है अहम
गाजियाबाद जैसे बड़े शहर में बीएसएनएल की सेवाएँ लाखों उपभोक्ताओं से जुड़ी हैं। यदि करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की पुष्टि होती है तो न केवल सरकारी खजाने का नुकसान होगा, बल्कि दूरसंचार सेवाओं में जनता का विश्वास भी गहरा प्रभावित होगा।
अब मंत्री के कदम पर टिकी निगाहें
बीएसएनएल सीधे संचार मंत्रालय के अधीन आता है और यह मंत्रालय वर्तमान में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास है। लिहाज़ा, अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मंत्री इन गंभीर आरोपों पर क्या कार्रवाई करते हैं। क्या दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे या मामला एक बार फिर विभागीय फाइलों में दबकर रह जाएगा?
यह खबर बीएसएनएल गाजियाबाद में कथित भ्रष्टाचार और उस पर उठी राजनीतिक प्रतिक्रिया का संकेत देती है। आने वाले दिनों में केंद्रीय स्तर से जांच के आदेश जारी होते हैं या नहीं, यह देखना अहम होगा।
