रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
जालौन: हवस में अंधी पोती ने प्रेमी संग मिलकर दादी की ली जान, युवक फरार
रिश्तों का खून — मर्यादाएँ टूट रहीं, समाज स्तब्ध
जालौन। जिले में एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। 75 वर्षीय परमा देवी की सिल-बट्टे से हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया कि परमा देवी की हत्या उनकी 21 वर्षीय पोती पल्लवी ने अपने प्रेमी दीपक के साथ मिलकर की। वारदात का कारण हैरान कर देने वाला है — पल्लवी को डर था कि दादी उसके संबंधों का खुलासा कर देंगी।
घटना का सिलसिलेवार घटनाक्रम
पुलिस के अनुसार, रात में पल्लवी अपने प्रेमी दीपक के साथ घर में ही प्रेमालाप कर रही थी। आधी रात को परमा देवी को आहट हुई और जब वह कमरे में पहुंची तो उन्होंने पोती और युवक को एक साथ देख लिया। इस पर पल्लवी को डर हुआ कि दादी परिवार में हंगामा खड़ा कर देंगी। आरोप है कि गुस्से और डर में पल्लवी ने दीपक संग मिलकर सिल-बट्टे से दादी के सिर पर वार कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद पल्लवी ने परिवार को गुमराह करने के लिए शोर मचाया और “चोर-चोर” चिल्लाकर पूरी कहानी को लूटपाट का रूप देने की कोशिश की। परिजनों ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस जांच और खुलासा
जालौन पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और पूछताछ के आधार पर पल्लवी को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पल्लवी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उसके बयान के मुताबिक हत्या में उसका प्रेमी दीपक भी शामिल था, जो फिलहाल फरार है। पुलिस ने पल्लवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और दीपक की तलाश में दबिश दी जा रही है।
परिजनों का दर्द
परमा देवी के बेटे (पल्लवी के पिता) ने मीडिया से कहा,
“हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हमारी बेटी इतना बड़ा कदम उठा सकती है। मां की मौत के बाद हमारा पूरा परिवार टूट गया है। हम चाहते हैं कि कानून के हिसाब से सख्त से सख्त कार्रवाई हो।”
पुलिस का बयान
पुलिस अधीक्षक ने बताया,
“हत्या का मामला बेहद संवेदनशील है। अभियुक्ता को जेल भेजा गया है। फरार अभियुक्त की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। समाज में इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय हैं।”
समाज में उठे सवाल
यह घटना सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं, बल्कि समाज के बदलते रिश्तों और मर्यादाओं का आईना है। सवाल यह है कि आखिर क्यों नई पीढ़ी परंपराओं और पारिवारिक मर्यादाओं से इतनी दूर होती जा रही है कि रिश्तों का खून करने से भी नहीं डरती।
समाजशास्त्री की राय
समाजशास्त्रियों का कहना है कि यह सिर्फ कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं, बल्कि पारिवारिक संवाद और संस्कारों के क्षरण का भी मामला है।
“युवाओं को भावनात्मक रूप से समझने और संभालने की जरूरत है। परिवार में संवाद की कमी और डर ऐसे अपराधों को जन्म दे रही है।”
घटना समाज के लिए चेतावनी
जालौन की यह घटना चेतावनी है कि अगर परिवार में संवाद और विश्वास की डोर कमजोर हो जाए, तो रिश्ते टूटने के साथ-साथ समाज भी हिंसा और अपराध की ओर बढ़ सकता है।
