गाजियाबाद में शस्त्र अधिनियम के कड़ाई से पालन के लिए टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न

0
69

रविन्द्र बंसल प्रधान / संपादक जन वाणी न्यूज़

गाजियाबाद में शस्त्र अधिनियम के कड़ाई से पालन के लिए टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिए ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से काम करने के निर्देश

अवैध हथियार निर्माण व बिक्री रोकने पर खास जोर 

लाइसेंस की जांच, गन डीलरों की नियमित ऑडिट और जन-जागरुकता अभियान चलेंग

गाजियाबाद। महात्मा गांधी सभागार, कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ की अध्यक्षता में शस्त्र अधिनियम, 1959 और शस्त्र नियमावली, 2016 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स की अहम बैठक आयोजित हुई।

बैठक में प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने तय किया कि जिले में शस्त्र लाइसेंस की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच, अवैध हथियारों के खिलाफ विशेष अभियान, और लाइसेंसधारी डीलरों व गनस्मिथ्स का नियमित निरीक्षण प्राथमिकता से किया जाएगा।

बैठक में लिए गए मुख्य निर्णय

शस्त्र लाइसेंसों की नियमित जांच व सत्यापन

शस्त्र और गोला-बारूद की जमा व जब्ती प्रक्रिया की कड़ी निगरानी

गन डीलरों, निर्माण इकाइयों और गनस्मिथ्स की समय-समय पर ऑडिट

अवैध हथियार निर्माण व बिक्री के हॉटस्पॉट चिन्हित कर कार्रवाई

खुफिया इनपुट के आधार पर विशेष अभियान

जन-जागरुकता कार्यक्रम और स्कूल/कॉलेजों में जागरूकता सत्र

अवैध हथियार मामलों के अभियोजन की प्रगति की समीक्षा

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा,

> “शासनादेशों का अक्षरशः पालन होना चाहिए। सभी अधिकारी अपने दायित्व को पूरी ईमानदारी और कर्त्तव्यनिष्ठा से निभाएँ।”

बैठक में मौजूद अधिकारी

इस अवसर पर एडीएम एफ/आर सौरभ भट्ट, एडीएम सिटी विकास कश्यप, डीसीपी धवल जायसवाल, निमिष पाटिल, एस.एन. तिवारी, एसीपी प्रताप सिंह समेत कई अधिकारी और संबंधित विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

सकारात्मक पहलू

अवैध हथियारों पर लगाम लगाने से अपराध दर घटेगी।
✅ लाइसेंसधारी गन डीलरों की नियमित ऑडिट से पारदर्शिता बढ़ेगी।
✅ जन-जागरूकता कार्यक्रमों से आम जनता में हथियारों के सही उपयोग और कानूनी जानकारी का प्रसार होगा।
✅ खुफिया इनपुट के आधार पर अभियान चलने से अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी।

चुनौतियाँ और सुधार की जरूरत

⚠️ कड़े नियमों के चलते वैध लाइसेंस धारकों को भी कभी-कभी अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
⚠️ नियमित ऑडिट और सत्यापन में समय और संसाधन लगेंगे, जिससे प्रशासनिक दबाव बढ़ेगा।
⚠️ अवैध हथियारों के नेटवर्क अक्सर ग्रामीण इलाकों या दूसरे राज्यों से जुड़े होते हैं, जिन पर पूरी तरह अंकुश लगाने में समय लग सकता है।

जनता के लिए प्रभाव

इस कदम से जिले में कानून-व्यवस्था मजबूत होने, अपराध घटने और लाइसेंस व्यवस्था में पारदर्शिता आने की उम्मीद है। साथ ही, जनता को यह भरोसा मिलेगा कि प्रशासन अवैध हथियारों पर रोक लगाने के लिए गंभीर है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here