बलिया में शादीशुदा महिला संग प्रेमी रंगेहाथ पकड़ा गया, पंचायत में पति ने किया इंकार – प्रेमी के साथ विदा हुई पत्नी

0
87
Oplus_131072

रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़

बलिया में शादीशुदा महिला संग प्रेमी रंगेहाथ पकड़ा गया, पंचायत में पति ने किया इंकार – प्रेमी के साथ विदा हुई पत्नी

बलिया, 7 सितम्बर।
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के मनियर थाना क्षेत्र के एक गांव में शनिवार रात एक अनोखा और विवादित मामला सामने आया। शादीशुदा महिला के साथ अय्याशी कर रहे युवक को ग्रामीणों ने रंगेहाथ पकड़ लिया। ग्रामीणों ने प्रेमी को रातभर चारपाई से बांधकर पीटा और सुबह गांव की पंचायत बुलाई गई। पंचायत में ऐसा फैसला हुआ जिसने सबको चौंका दिया – विवाहिता को उसके पति और मायके वालों ने अपनाने से इनकार कर दिया और अंततः उसे प्रेमी के साथ विदा कर दिया गया।

घटनाक्रम

गांव के लोग बताते हैं कि अन्नू राजभर (शादीशुदा महिला) और बीरबल (युवक) के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध चल रहे थे। शनिवार रात जब दोनों मिले तो ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया। भीड़ ने बीरबल को बांधकर बुरी तरह पीटा।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक बार-बार गिड़गिड़ाता रहा –
“मुझे ड्रम में पैक मत करना… यह मुझे मरवा देगी… मुझे बचा लो।”

पंचायत में हुआ फैसला

सुबह हुई पंचायत में अन्नू के पति मुकेश राजभर ने साफ कहा कि वह अब पत्नी को अपने साथ नहीं रखेगा।
अन्नू के पिता रामदत्त ने भी बेटी को अपनाने से इंकार कर दिया। ऐसे में पंचायत के सामने “लास्ट ऑप्शन” केवल प्रेमी बीरबल ही बचा। पंचायत के हस्तक्षेप से लिखित सुलहनामा तैयार किया गया और विवाहिता को प्रेमी के साथ विदा कर दिया गया।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

गांव में इस घटना की चर्चा दिनभर रही। कुछ लोगों ने पंचायत के फैसले को “व्यावहारिक समाधान” बताया तो वहीं कई लोगों ने इसे “सामाजिक मान्यताओं के विरुद्ध” करार दिया। ग्रामीणों का मानना है कि ऐसे फैसले गांव की परंपराओं को सवालों के घेरे में खड़ा करते हैं।

गुण-दोष का पहलू

सकारात्मक पक्ष:

पंचायत ने मामले को बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया और विवाद बढ़ाए तत्काल निपटा दिया।

किसी बड़े संघर्ष या हिंसा की आशंका को टाला गया।

नकारात्मक पक्ष :

पंचायत का फैसला सामाजिक और कानूनी दृष्टि से विवादित है।

महिला की स्थिति और उसकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

ऐसे मामले अदालत में हल होने चाहिए, पंचायत का अधिकार सीमित है।

पुलिस का पक्ष

स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पुलिस को इस प्रकरण की जानकारी दी गई है, हालांकि अभी तक कोई औपचारिक तहरीर दर्ज नहीं कराई गई। अगर पक्षकार शिकायत करते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

 

यह घटना न सिर्फ गांव बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या पंचायत के इस तरह के फैसले समाज में एक नई परंपरा की शुरुआत करते हैं या फिर यह न्याय व्यवस्था और सामाजिक मर्यादाओं के लिए खतरे का संकेत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here