रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
दरभंगा में वैवाहिक विवाद ने ली भयावह करवट
पत्नी के कथित संबंधों पर पति ने चाकू से किया कत्ल, 3 साल की बेटी बनी गवाह
दरभंगा (बिहार)।
बिहार के दरभंगा ज़िले के बौआरा गांव में बीती रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। पारिवारिक कलह और अविश्वास ने मिलकर एक ऐसा त्रासद नजारा खड़ा कर दिया जिसमें एक मासूम बच्ची अपनी मां की हत्या का गवाह बन गई।
कैसे घटी घटना
जानकारी के अनुसार, आरोपी पति गजेंद्र दास ने अपनी पत्नी सुमित्रा देवी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। यह घटना उस समय हुई जब कमरे में दंपति की तीन साल की बेटी सृष्टि भी मौजूद थी। बच्ची की चीख-पुकार सुनकर दादी सोमनी देवी और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो सुमित्रा खून से लथपथ तड़प रही थी और आरोपी पति नशे की हालत में पास ही बैठा मिला।
रिश्तों का उलझा हुआ इतिहास
गजेंद्र दास की यह दूसरी शादी थी।
पहली पत्नी वर्ष 2019 में उसे छोड़कर चली गई थी।
इसके बाद वह दिल्ली गया, जहां बस खलासी का काम करते हुए उसकी पहचान सुमित्रा से हुई।
दोनों के बीच प्रेम संबंध बढ़े और शादी कर ली।
विवाह के बाद गजेंद्र अधिकतर बाहर रहता था, जबकि सुमित्रा गांव में रहती थी।
परिवार और ग्रामीणों के अनुसार, सुमित्रा की किसी अन्य युवक से नजदीकी बढ़ गई थी। गजेंद्र ने कई बार मना किया, लेकिन विवाद गहराता चला गया और आखिरकार गुस्से और शक ने मिलकर यह खून-खराबा करा दिया।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी पति अक्सर नशे की हालत में रहता था और इसी वजह से दंपति में विवाद होता रहता था। घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है। मासूम बेटी की स्थिति देखकर हर कोई भावुक है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपी पति को हिरासत में ले लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
समाजशास्त्रीय विश्लेषण : रिश्तों में अविश्वास और हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति
भारत में घरेलू हिंसा और पति-पत्नी के बीच अविश्वास से उपजे अपराध लगातार बढ़ रहे हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू विवाद और अविश्वास वैवाहिक अपराधों का सबसे बड़ा कारण हैं।
नशे की लत इस समस्या को और गंभीर बना देती है, जिससे व्यक्ति का आत्मनियंत्रण खत्म हो जाता है।
समाज में संवादहीनता और पारिवारिक मूल्यों के कमजोर होने से ऐसे अपराधों की आशंका और बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए केवल कानून ही नहीं, बल्कि परिवार और समाज स्तर पर जागरूकता जरूरी है। दंपतियों के बीच परामर्श, आपसी संवाद और विश्वास रिश्तों को टूटने से बचा सकता है।
निष्कर्ष
यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि एक सामाजिक त्रासदी है। अविश्वास, नशा और संवादहीनता ने मिलकर एक महिला की जान ले ली और एक मासूम को जीवनभर का आघात दे दिया। समाज को इस तरह की घटनाओं से सीख लेकर रिश्तों में संवाद, संवेदनशीलता और संयम को प्राथमिकता देनी होगी, वरना ऐसे हादसे बार-बार सामने आते रहेंगे।
फैक्ट : दरभंगा हत्याकांड
स्थान – बौआरा गांव, दरभंगा ज़िला (बिहार)
तारीख – बीती रात (3-4 सितंबर 2025)
आरोपी – गजेंद्र दास (पति)
पीड़िता – सुमित्रा देवी (पत्नी)
गवाह – तीन साल की मासूम बेटी “सृष्टि”
पृष्ठभूमि – पहली पत्नी छोड़कर चली गई थी, दूसरी पत्नी से प्रेम विवाह किया
विवाद का कारण – पत्नी के कथित बाहरी संबंध और पति का नशे का आदी होना
परिणाम – पत्नी की चाकू से हत्या, आरोपी पुलिस हिरासत में
