रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
गंगोह में बड़ा हादसा टला: नगर पालिका ठेकेदार की लापरवाही से कार 11 फुट गहरे गड्ढे में गिरी
– चेतावनी पट्टी और बैरिकेडिंग न होने से ग्रामीण परिवार पर टूटा संकट, गनीमत रही सभी सुरक्षित
गंगोह (सहारनपुर)।
नगर पालिका क्षेत्र गंगोह में मंगलवार देर रात एक गंभीर हादसा होते-होते टल गया। लापरवाही का शिकार एक ग्रामीण परिवार हुआ, जब उनकी कार अचानक सड़क पर बने करीब 11 फुट गहरे गड्ढे में जा गिरी। गनीमत रही कि परिवार समय रहते बाहर निकल आया और सभी की जान बच गई।
हादसा कैसे हुआ?
गांव जुखेड़ी निवासी वीरेंद्र अपनी बीमार मां को इलाज के लिए कार से गंगोह ला रहे थे। साथ में उनकी पत्नी, बच्चे और भाई भी सवार थे। देर रात करीब 1 बजे जैसे ही कार डिग्री कॉलेज से गणेश चौक मार्ग पर पहुंची, अचानक सड़क पर बने गहरे गड्ढे में जा समाई। परिवार संभल भी नहीं पाया और कार सीधी गहराई में उतर गई।
किसकी लापरवाही?
जांच में सामने आया कि यह गड्ढा नगर पालिका ठेकेदार द्वारा बोरिंग कार्य के लिए खोदा गया था।
वहां न तो चेतावनी पट्टी लगाई गई थी
और न ही बैरिकेडिंग या सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
इसी लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।
पीड़ित परिवार की दास्तां
पीड़ित वीरेंद्र ने बताया कि
> “अगर कार का संतुलन बिगड़ जाता तो पूरा परिवार काल के गाल में समा सकता था। ठेकेदार की लापरवाही से हमारे बच्चों की जान खतरे में पड़ी।”
प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी लगते ही स्थानीय लोगों ने नगर पालिका प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की। सूत्रों के अनुसार, नगर पालिका अध्यक्ष ने मामले की जांच कर ठेकेदार से स्पष्टीकरण तलब करने और भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने का आश्वासन दिया है।
बचाव के सुझाव
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए:
हर निर्माण स्थल पर बैरिकेडिंग अनिवार्य हो।
रात के समय चेतावनी लाइट और रिफ्लेक्टर लगाए जाएं।
कार्य पूरा होने तक स्थल पर निगरानी कर्मचारी तैनात हों।
नगर पालिका स्तर पर सुरक्षा मानक लागू किए जाएं।
स्थानीय लोगों में रोष
घटना के बाद इलाके में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि नगर पालिका और ठेकेदार की लापरवाही आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। यदि समय रहते सुधार नहीं किया गया, तो बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।
यह घटना नगर निकायों में सुरक्षा और जिम्मेदारी की गंभीर कमी को उजागर करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन केवल जांच तक सीमित रहता है या ठोस कदम भी उठाए जाते हैं।
