रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
प्रसिद्ध समाज सेवी कर्मवीर नागर प्रमुख ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बहन बेटियों की शादी में भारी भरकम दान दहेज की कुरीति के बढ़ते प्रचलन एवं वैवाहिक कार्यक्रमों में अनावश्यक दिखावे पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है
गौतमबुद्धनगर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित पत्र में उल्लेख किया गया है। आजकल हिंदू संप्रदाय की सभी जातियों की शादियों में दान दहेज और दिखावे की कुरीति बहुत जोरों पर है। जिसके दुष्प्रभाव और परिणाम स्वरूप यह कुरीति मध्यवर्गीय लोगों को मजबूरन कर्ज के बोझ के नीचे दबने के कारण भूमि भवन तक बेचने के लिए बाध्य होना पड रहा है, या फिर आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसके अतिरिक्त अधिकांश लोगों का एक ही दिन दर्जनों शादियों में निमंत्रण होने की वजह से खाद्य वस्तुएं फेंकी जा रही है, और शादियों के दिनों में आमंत्रित अतिथियों की इधर-उधर भाग दौड़ की वजह से सड़कों पर अक्सर जाम लगना आम बात है। जिससे सड़कों पर दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है, और यहां तक कि जाम लगने की वजह से किसी गंभीर रोगी को अस्पताल पहुंचाना भी मुश्किल भरा काम हो जाता है। कई – कई घंटे वाहनों के जाम में फंसने की वजह से डीजल और पेट्रोल जैसी राष्ट्रीय संपदा का भारी नुकसान होता है। इसलिए इस सामाजिक कुरीति को तत्काल प्रभाव से रोकना नितांत आवश्यक हो गया है, क्योंकि यह कुरीति आज के सभ्य समाज के लिए यह बहुत बड़ा कलंक है। अगर सरकार द्वारा इस विषय में कारगर कदम उठाए जाते हैं तो निश्चित तौर यह प्रदेशवासियों के लिए एक राहत भरी खबर होगी जिसका अनुकरण देश के अन्य राज्यों में होने की भी प्रबल संभावना है।
अतः जनहित में आपसे विशेष अनुरोध है कि कृपया भारी भरकम दान दहेज़ और दिखावे वाली शादियों पर प्रतिबंध हेतु शासन स्तर से निम्न के संबंध में मानक तय करते हुए आदेश पारित करने कारने का कष्ट करें –
1-शादी विवाह में सम्मिलित होने के लिए पारिवार सहित अतिथियों की संख्या का सुनिश्चित किया जाना।
2-शादी विवाह में दान दहेज का दिखावा करने एवं दान दहेज की सूची पढ़ने और सोशल मीडिया पर वायरल करने पर रोक लगाना।
3-भाई के घर भात न्यौतने (भात निमंत्रण) हेतु जाने के लिए बहन बेटियों की संख्या निर्धारण करना और बहन बेटियों के यहां भात भरने के लिए भाइयों एवं अन्य परिवारिक लोगों की संख्या का निर्धारण करना।
4-आज कल फिर से बढचली मृत्यु भोज की कुप्रथा को भी सरकारी तौर पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए
नोट-दान दहेज़ और दिखावा करने वाली शादियों में न जाने के लिए अगर जन-प्रतिनिधि प्रण कर लें तो इस कुरीति के प्रचलन पर काफी हद तक रोक लग सकती है ।
