भारी भरकम दान दहेज और दिखावे वाली शादियों से गुर्जर समाज की हो रही है किरकिरी

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जन वाणी न्यूज़           

भारी भरकम दान दहेज और दिखावे वाली शादियों से गुर्जर समाज की हो रही है किरकिरी

ऐसी शादियों में शामिल होने का परहेज करें गुर्जर समाज के अग्रणीय लोग और राजनीतिक सेलिब्रिटीज

समाज को दुर्दशा की तरफ ले जा रही ऐसी शादियों में शिरकत न करने का प्रण लेने का बयान जारी करें अग्रणीय लोग ताकि अनुकरण करें समाज के अन्य लोग

प्रमुख समाजसेवी – कर्मवीर नागर प्रमुख

गौतमबुद्धनगर। गुर्जर समाज में भारी भरकम दान दहेज और दिखावे वाली शादियों ने समाज के उस मध्यम वर्ग की कमर तोड़ कर रख दी है जिन्हें बच्चों की शादियों में मजबूरन दान दहेज देना पड़ रहा है। लेकिन दान दहेज के बढ़ते प्रचलन की असल सच्चाई यह भी है कि भारी भरकम दान दहेज और दिखावे वाली अधिकांश शादियां बहुत कम समय में ही टूटने के कगार पर भी पहुंच रही हैं। आए दिन हो रहे शादी विच्छेद के पंच फैसलों ने समाज के लोगों का एक अनावश्यक काम और बढ़ा दिया है। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि शादी टूटने की संख्या का अधिकांश प्रतिशत गुर्जर समाज में ही देखने को मिल रहा है। इन्हीं कारणों से बेटियों के परिवारों की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है। ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में निक्की हत्याकांड के कारण जो भी रहे हों लेकिन इस प्रकरण ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जहां एक तरफ गुर्जर समाज के बहुत से लोग भारी भरकम दान दहेज और दिखावे वाली शादियों की प्रशंसा में कसीदे पढ़ते नजर आते हैं वहीं दूसरी तरफ अन्य जाति समाजों के लोग गुर्जर समाज में दान दहेज के बढ़ते प्रचलन की आलोचना करके मजाक उड़ाते नजर आते हैं। भले ही गुर्जर समाज में यह कुरीती तेजी से जोर पकड़ रही है लेकिन भारी भरकम दान दहेज के दिखावे वाली ऐसी शादियों से गुर्जर समाज की चौतरफा किरकिरी हो रही है। ऐसी शादियों का दिखावा करके समाज में सम्मान और प्रचार पाने की चाह रखने वाले नवधनाढ्यों ने गुर्जर समाज में इस सामाजिक कलंक को चरम पर पहुंचा दिया है। लेकिन सच्चाई यह है कि इस भयंकर बीमारी को जानते हुए भी लोग इस पर चर्चा करने से कन्नी काटते नजर आते हैं। ऐसे संगीन विषयों पर गुर्जर समाज के अग्रणीय लोगों की चुप्पी देखकर तो अब ऐसा लगने लगा है जैसे गुर्जर समाज को दशा दिशा देने वाला कोई नहीं है। लेकिन मेरा मानना है कि अगर गुर्जर समाज के अग्रणीय लोग और राजनीतिक सेलिब्रिटीज भारी भरकम दान दहेज और दिखावा करने वाली इन शादियों में शिरकत करना बंद कर दें तो ऐसी शादियों का ग्राफ काफी नीचे आ सकता है। समाज के अग्रणीय लोगों को समाज के हित में आगे आकर यह कठोर कदम उठाना ही होगा अन्यथा समाज में बढ़ रही इस कुरीती के बढ़ावे का ठीकरा भावी पीढ़ियां एक न एक दिन उन्ही के सिर फोड़ेंगी।
आजकल कुछ शॉर्टकट धनाढ्य बने कुछ लोगों ने शादियों में दिखावे को खुद के प्रचार करने का माध्यम बना लिया है। इसलिए इस कुप्रथा को बढ़ावा देने वाली भारी भरकम दान दहेज और दिखावे वाली शादियों के वीडियो वायरल करना भी समाज और सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने चाहिए और समाज के लिए कलंक साबित हो रही ऐसी कुप्रथा का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रचारित करने वालों की जिस दिन लोग आलोचना प्रारंभ कर देंगे तो समाज के लिए ऐसी कलंकित प्रथा पर निश्चित ही ब्रेक लगेगा। यह वह सामाजिक कलंक है जिस पर चर्चा तो सभी करते हैं लेकिन पहल करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं जिसको सामाजिक बीमारी तो सभी मान रहे हैं लेकिन इलाज करने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इसलिए ऐसी शादियों के कसीदे पढ़ने और चर्चा करने वालों को भी समाज हित में ऐसी चर्चाएं बंद करनी
चाहिए। समाज के जागरूक और अग्रणीय लोगों को अपना अहम रोल अदा करना होगा तभी इसको प्रथा से निजात मिल सकेगी। क्योंकि भारी भरकम दान दहेज देकर प्रचार कुछ लोगों पर तो दान दहेज और दिखावे के प्रचार करने का इतना भूत सवार है कि यह लोग राजनीतिक सेलिब्रिटीज और समाज के अग्रणीय लोगों की शादियों में उपस्थिति के लिए एप्रोच लगाते देखे गए हैं। इसलिए समाज के अग्रणीय और जागरूक लोगों को संदेश देना चाहता हूं अगर आप गुर्जर समाज की दिशा दशा सुधारना चाहते हैं तो भारी भरकम दान दहेज वाली शादियों में शिरकत करना बंद करें। जिस दिन समाज के अग्रणीय लोगों ने भारी भरकम दान दहेज और दिखावे वाली शादियों में जाना बंद कर दिया, लोगों ने ऐसी शादियों की प्रशंसा में कसीदे पढ़ने बंद कर दिए और वीडियो वायरल करनी बंद कर दी निश्चित तौर पर सुधार की संभावना उतनी ही बढ़ जाएगी। जो राजनीतिक सेलिब्रिटीज और समाज के अग्रणीय लोग इस बढ़ती हुई कुरीती और प्रचलन को वाकई बंद करने के पक्षधर हैं तो वह ऐसी शादियों में शिरकत न करने का प्रण करते हुए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया के जरिए प्राण लेने का अपना बयान जारी करें ताकि अन्य लोग आपका अनुकरण कर सकें। अन्यथा भावी पीढ़ी इस कुप्रथा की जिम्मेदारी का ठीकरा आज के जिम्मेदार लोगों के सिर फोड़ेगी।

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