रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़
यूपी एसटीएफ और पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में ढेर हुआ खूंखार बदमाश शंकर कनौजिया 14 साल से बना हुआ था पुलिस के लिए सिरदर्द
आजमगढ़। वाहन लूटने, अपहरण और हत्या जैसे कई संगीन वारदातों को अंजाम देने वाला। खूंखार अपराधी शंकर कनौजिया आखिर पुलिस की गोली का शिकार हो ही गया। उसका अपराध करने का अंदाज काफी खौफनाक था। वह कत्ल करने के बाद सिर को काट लेता था। इसके बाद उसे दूसरी जगह नदी में फेंक देता था जिससे शव की आसानी ने पहचान न हो पाए।
रौनापार थाना क्षेत्र के हाजीपुर गांव निवासी लालचंज कनौजिया का बेटे शंकर कन्नौजिया की जन्म के 6 दिन पूर्व ही उसकी मां की मौत हो गई थी। इसके बाद शंकर मऊ जिले के दोहरीघाट में अपनी मौसी के यंहा पला बड़ा। शंकर कन्नौजिया तीन भाई व दो बहनों में सबसे छोटा था। परिजनों के अनुसार 16 साल की उम्र में ही वह गलत संगत में पड़ गया था।
वह साल 2001 से लगातार अपराध करता आ रहा था। उसको अपने भाइयों व बहनों की जरा भी परवाह नहीं थी। वह मौसी और उसके परिवार की भी कोई चिंता नहीं करता था। कुछ समय बाद वह इधर-उधर रहने लगा। कई – कई दिनों तक घर नहीं आता था। इसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। वर्ष 2001 से उसने कई आपराधिक वारदातों को अंजाम देना दिया। यह सिलसिला 2025 तक चलता रहा। इस दौरान शंकर ने कई हत्या, हत्या के प्रयास और लूट की घटनाओं को अंजाम दिया।
2011 में वाहन लूटने के लिए काट लिया था सिर
मऊ के थाना दोहरीघाट में वर्ष 2011 में शंकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। शंकर ने एक लोडर वाहन को लूटने के लिए अपने साथियों अनिरुद्ध सोनकर और अरविंद यादव के साथ मिलकर विन्ध्याचल पांडेय की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद उसका सिर काट लिया था। धड़ को घाघरा नदी में फेंक दिया। इस मामले में अनिरुद्ध और अरविंद्र को वाहन के साथ पुलिस ने पकड़ लिया था। दोनों को जेल हुई थी, जबकि मुख्य आरोपी शंकर तब से ही फरार चल रहा था।
साल 2024 में दोहराया फिर वही खौफनाक खेल
शंकर ने महराजगंज निवासी ड्राइवर शैलेंद्र सिंह के अपहरण और हत्या में भी वही तरीका अपनाया था। एक जुलाई 2024 को शंकर ने गोरखपुर से शैलेंद्र की पिकअप गाड़ी बुक की। तीन जुलाई को लाटघाट बुलाकर शैलेंद्र को अपने घर ले गया। इसके बाद अपने साथियों रामछवि और छांगुर के साथ मिलकर धारदार हथियार से सिर काटकर शैलेंद्र की हत्या कर दी। धड़ को घर के पीछे दफना कर नमक डाल दिया । जबकि सिर को बाइक से दूसरी जगह ले जाकर नदी में फेंक दिया । पिकअप को दोनों आरोपियों ने छांगुर को दे दिया था। वह नंबर प्लेट बदलकर उसे चला रहा था।
