
पिलानी (झुंझुनूं) ।
INS ब्रह्मपुत्र में हुए हादसे में शहीद हुए सितेंद्र सिंह सांखला (23) का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में कर दिया गया। जैसे ही सितेंद्र तिरंगे में लिपटकर घर के आंगन में पहुंचे तो परिजनों का रो – रो कर बुरा हाल था।
शहीद सितेंद्र झुंझुनूं की सूरजगढ़ तहसील के डांगर गांव के रहने वाले थे। उनकी पार्थिव देह घर पहुंची तो मां प्रेम देवी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं। वे फूट-फूटकर रोने लगीं। बार-बार बेटे को पुकारने लगीं। रोते हुए उन्होंने कहा- मुझे मेरा लाल चाहिए। लोगों ने उन्हें दूर से ही पार्थिव देह के दर्शन कराए। बेटे के चेहरे को देख कर वह बेसुध हो गईं।
शहीद का अंतिम संस्कार घर से करीब 150 मीटर की दूरी पर स्थित कृषि भूमि पर किया गया। पिता पूर्ण सिंह ने बेटे को आखिरी बार नमन किया तो उनके आंसू निकल आए। नेवी के जवानों ने उनको तिरंगा और नेवल कैप सौंपी। बड़े भाई मनेंद्र ने मुखाग्नि दी। इससे पहले मनेंद्र ने छोटे भाई को आखिरी सैल्यूट किया तो उनका धैर्य जवाब दे गया और वह फूट-फूट कर रोने लगे।
सत्येंद्र नौसेना के जहाज हादसे में हुए थे शहीद
मुंबई स्थित नेवल डॉकयार्ड में मरम्मत के दौरान भारतीय नौ सेना के शिप INS ब्रह्मपुत्र में 21 जुलाई को आग लग गई थी। आग लगने के बाद युद्धपोत एक तरफ झुक गया था। जहाज पर लगी आग को 16 घंटे बाद बुझाया जा सका था।
जिस वक्त हादसा हुआ, तब आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर लगभग 300 अधिकारी और अन्य कर्मचारी मौजूद थे। बाकी सभी जवानों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, लेकिन सितेंद्र लापता थे। 24 जुलाई (बुधवार) को तड़के 3 बजे सितेंद्र का शव नेवी के गोताखोरों ने निकाला।
नौ किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली
अंतिम संस्कार से पहले शहीद के सम्मान में झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ रोड बाइपास से उनके पैतृक गांव तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले गांव के लोग भी सड़क पर निकल आए। इस दौरान शहीद सितेंद्र अमर रहे के गगन नारे गूंजे रहे थे। यात्रा में शामिल गाड़ियों के काफिले में देशभक्ति के गाने बज रहे थे। शहीद के गांव के बाहर युवाओं ने तिरंगा यात्रा पर फूल बरसाए। गांव के चौक में बड़ी संख्या में महिलाएं शहीद की तिरंगा यात्रा देखने के लिए उमड़ी पड़ी।
शहीद सितेंद्र की तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। युवाओं ने सेना के ट्रक पर फूल बरसाए। रास्ते में पड़ने वाले गांवों से बड़ी संख्या में महिलाएं तिरंगा यात्रा देखने उमड़ी।
शहीद सितेंद्र की तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। युवाओं ने सेना के ट्रक पर फूल बरसाए।
शहीद जवान की ब्रीफ प्रोफाइल…
शहीद के अंतिम संस्कार से जुड़ी मार्मिक तस्वीरें….
बेटा तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा तो मां प्रेम देवी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं। वे बेटे को पास से देखना चाहती थीं, लेकिन उन्हें दूर से ही बेटे के अंतिम दर्शन कराए गए।
पिता पूर्ण सिंह ने शहीद बेटे को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनका धैर्य जवाब दे गया और आंखें भर आईं
नेवी के जवानों ने शहीद सितेंद्र के पिता पूर्ण सिंह सांखला को तिरंगा और नेवल कैप सौंपी।
बड़े भाई मनेंद्र ने पुष्प चक्र अर्पित कर छोटे भाई सितेंद्र को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद भाई को आखिरी सैल्यूट किया और रो पड़े। लोगों ने उनको ढांढस बंधाया।