कावड़ मार्ग में नेम प्लेट का मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

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रविंद्र बंसल वरिष्ठ संवाददाता /जन वाणी न्यूज़              कावड़ मार्ग में नेम प्लेट का मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा :इस बार समर्थन में दाखिल की गई याचिका, कहा गया- जबरन साम्प्रदायिक रंग दिया गया

    1. यूपी में कांवड यात्रा के दौरान दुकानदारों को अपनी पहचान बताने वाले निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। अब दुकानदार की पहचान लगाने वाले आदेश के समर्थन में याचिका फाइल की गई है।
    1. याचिकाकर्ता ने मुजफ्फरनगर  एसएसपी के निर्देश का समर्थन किया। याचिका में कहा गया- इस मामले को जबरन साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश कि जा रही है।
    1. मुजफ्फरनगर के बाद नेमप्लेट लगाने का आदेश सभी कांवड़ मार्गों पर जारी किया गया था।
    1. मुजफ्फरनगर के बाद नेमप्लेट लगाने का आदेश सभी कांवड़ मार्गों पर जारी किया गया था।
    1. याचिकाकर्ता ने खुद को पक्षकार बनाने की मांग की
    1. यह याचिका सुरजीत सिंह यादव ने दाखिल की है। सुजीत सिंह यादव ने कहा- यह आदेश शिव भक्तों की सहूलियत, आस्था और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिया गया था। इसे बेवजह साम्प्रदायिक रंग दिया गया है। मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कांवड यात्रा के दौरान दुकान मालिकों को दुकानों के बाहर अपने नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा था। मुझे इस मामले में पक्षकार भी बनाया जाए।
    1. कल यानी 26 जुलाई को होनी है केस की सुनवाई
    1. सुप्रीम कोर्ट में कल, 26 जुलाई को कांवड़ यात्रा के रुट पर दुकानदारों के नेम प्लेट विवाद पर सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई पर यानी 22 जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने यूपी सरकार से अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था।
    1. उच्चतम न्यायालय ने कहा- पहचान बताने की जरूरत नहीं
    1. सुप्रीम कर्ट ने सोमवार, 22 जुलाई को कहा था- दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं है। होटल चलाने वाले यह बता सकते हैं कि वह किस तरह का खाना यानी, शाकाहारी या मांसाहारी परोस रहे हैं। लेकिन उन्हें अपना नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
    1. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया है। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है।
    1. तीनों राज्यों में कांवड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली दुकानों  के मालिकों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया गया था। इसके खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
    1. यूपी सरकार के पहचान बताने के आदेश के बाद यूपी पुलिस ने दुकानदारों के नाम लिखकर चस्पा किए थे।
    1. यूपी सरकार के पहचान बताने के आदेश के बाद यूपी पुलिस ने दुकानदारों के नाम लिखकर चस्पा किए थे।
    1. यूपी में नाम लिखने का आदेश दो स्तर से जारी हुआ- पुलिस और यूपी सरकार
    1. 1. पुलिस: 17 जुलाई को मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि जिले के करीब 240 किमी एरिया में कांवड़ मार्ग पड़ता है। सभी होटल, ढाबा, दुकान और ठेले, जहां से कांवड़िए खाने – पीने का सामान खरीद सकते हैं, सभी को अपनी दुकान के बाहर मालिक का नाम और नंबर साफ अक्षरों में लिखना पड़ेगा।
    1. ऐसा करना इसलिए जरूरी था, ताकि कांवड़ियों में कोई कन्फ्यूजन न रहे और कानून व्यवस्था में बाधा न आए। सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ये कदम उठाना जरूरी था।
    1. 2. सरकार: मुजफ्फरनगर पुलिस का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 19 जुलाई को सरकार ने इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया। सरकार के मुताबिक, कांवड़ियों की शुचिता बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया गया है। हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
    1. यूपी में कांवड़ यात्रा का रूट 200 किमी लंबा, पूरा रास्ता पैदल तय करते हैं श्रद्धालु
    1. उत्तर प्रदेश में सावन के महीने में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा में देश के अलग-अलग राज्यों के श्रद्धालु शामिल होतें हैं। इन्हें कांवड़िया कहा जाता है। ये कांवड़िए हरिद्वार से गंगा जल लेकर अलग-अलग शहरों में बने शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं।
    1. यूपी के बाद एमपी के उज्जैन और उत्तराखंड में आदेश जारी हुए
    1. यूपी के बाद 20 जुलाई को उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी कांवड़ यात्रा रूट पर आने वाली दुकानों में दुकानदारों का नाम और मोबाइल नंबर लिखना जरूरी कर दिया गया था। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ लोग अपनी पहचान छिपाकर दुकान खोलते हैं।
    1. उज्जैन में नगर निगम यह आदेश एक साल पहले ही दे चुका था। हालांकि, इस पर अमल नहीं हो रहा था। उज्जैन के मेयर मुकेश टटवाल ने कहा था कि इस बार सावन के महीने में आदेश पर सख्ती से अमल करवाएंगे।
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    सुप्रीम कोर्ट में कल, 26 जुलाई को कांवड़ यात्रा के रुट पर दुकानदारों के नेम प्लेट विवाद पर सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई पर यानी 22 जुलाई को कोर्ट ने यूपी सरकार से अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। इसके बाद सवाल उठने लगा कि उत्तर प्रदेश में अब योगी सरकार का स्टैंड क्या होगा? उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए सरकार क्या-क्या तैयारी कर रही है ? उच्चतम न्यायालय के आदेश को कैसे       चैलेंज करेगी ?

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