गाजियाबाद के महाप्रबंधक द्वारा बीएसएनएल के सेवानिवृत्त लोगों के दूरभाष केंद्र राजनगर में प्रवेश पर पाबंदी लगाना तुगलकी फरमान

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           रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक / जन वाणी न्यूज़                             

गाजियाबाद के महाप्रबंधक द्वारा बीएसएनएल के सेवानिवृत्त लोगों के दूरभाष केंद्र राजनगर में प्रवेश पर पाबंदी लगाना तुगलकी फरमान
सेवानिवृत्त लोगों द्वारा सुभाष चंद्र महाप्रबंधक के भ्रष्टाचार, अकर्मण्यता और दुर्व्यवहार की पोल खोलने से घबराकर लगाई है प्रवेश पर पाबंदी।
 24 मार्च 2025 को मेरठ में आहूत हुई बीएसएनएल के सेवा निवृत्त लोगों की कॉन्फ्रेंस में महाप्रबंधक द्वारा लगाई गई प्रवेश पर पाबंदी की कड़े शब्दों में की गई निंदा।
महाप्रबंधक दूर संचार गुंडई पर उतारू, अलीगढ़ के अधिकारियों को गुंडे बदमाशों से पिटवाने और एनकाउंटर कराने तक की दे चुका है धमकी।
तानाशाह महाप्रबंधक कॉर्पोरेट मुख्यालय और सर्किल के आदेशों का भी नहीं करता अनुपालन
कर्मवीर सिंह नागर आनरेरी चेयरमैन एस एन ए ई ए उत्तर प्रदेश पश्चिम मेरठ                                                               गाजियाबाद। बीएसएनएल के बिजनेस एरिया गाजियाबाद के महाप्रबंधक सुभाष चंद्र की हरकतों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे इसकी बीएसएनएल हित में काम करने की नीयत नहीं है। अपने पद के घमंड में चूर यह किसी जनप्रतिनिधि का प्रोटोकॉल नहीं जानता, यह किसी संगठन की वाजिब बात नहीं मानता। अलीगढ़ के अधिकारियों को गुंडे बदमाशों से पिटवाने, एनकाउंटर कराने और अस्पताल में भर्ती करने की नौबत लाने की खुली धमकी को सुभाष चंद्र महाप्रबंधक की गुंडई न कहें तो क्या कहें ? गाजियाबाद के महाप्रबंधक सुभाष चंद्र पर नियम विरुद्ध लाखों रुपए मकान किराया भत्ता डकारने के आरोप में भी शिकायतें हुई है। भ्रष्टाचार की पोल खुलने से महाप्रबंधक पूरी तरह से बौखला गया है। अपने कार्यालय पर नियम विरुद्ध सेक्रेटेरिएट लिखवा कर शहंशाह समझने वाले इस अधिकारी के खराब व्यवहार की कई जनप्रतिनिधि और बीएसएनएल के कर्मचारी संगठन भी बहुत बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन उच्च स्तरीय जांच के बाद भी इस अहंकारी महाप्रबंधक के व्यवहार में कोई तब्दीली नहीं नजर आ रही है।
विगत दिनों बुलंदशहर से भाजपा सांसद माननीय श्री भोला सिंह जी भी इनकी शिकायत माननीय प्रधानमंत्री को कर चुके हैं इसके अतिरिक्त एक विधायक स्तर के जन प्रतिनिधि ने भी इस पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायतें की हैं। गाजियाबाद के महाप्रबंधक की तानाशाही का आलम यह है कि यह कॉरपोरेट ऑफिस और सर्किल के आदेशों को भी ठेंगे पर रखता है। इसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले बुलंदशहर और अलीगढ़ में प्रतिमाह विजिट पर जाने और रात्रि विश्राम वहीं करने के कॉरपोरेट ऑफिस के आदेशों के बावजूद इसकी गाड़ी की लॉग बुक से खुलासा हुआ है कि यह महाप्रबंधक चार-चार महीने तक भी अलीगढ़ और बुलंदशहर विजिट पर नहीं गया था।
भ्रष्टाचार, गुंडई करने और कॉर्पोरेट मुख्यालय के आदेशों का उल्लंघन करने की पोल खुलते देख महाप्रबंधक सुभाष चंद्र द्वारा अब दूरभाष केंद्र राजनगर की इमारत में रिटायर्ड लोगों के प्रवेश पर पाबंदी का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। इस फरमान की 24 मार्च 2025 को मेरठ में आयोजित हुई सर्किल स्तरीय कॉन्फ्रेंस में सेवानिवृत्त लोगों के संगठन ने कड़ी निंदा की है। इस कांफ्रेंस में रिटायर्ड लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने के आदेश के विरुद्ध उच्च स्तर पर भी शिकायत करने का निर्णय लिया गया है। *जहां एक तरफ सीनियर सिटीजंस को सरकार तमाम सुविधा मुहैया वहीं यह तानाशाह उन विभागीय सीनियर सिटीजन्स की सुविधा छिनने पर उतारू है जो आज भी अपने परिचित एक-एक ग्राहक को ढूंढकर बीएसएनएल से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं और अपने पुराने अनुभवों का लाभ नए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को देने के लिए अपना बेश कीमती समय निकाल रहे हैं।* गाजियाबाद के तानाशाह महाप्रबंधक सुभाष चंद्र के तुगलकी फरमानों से आम लोगों में गलत संदेश जाना स्वाभाविक है। महाप्रबंधक द्वारा बीएसएनएल के उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का बौखलाहट में उठाया गया कदम है जिन्होंने कई कई दशक गाजियाबाद में सेवाएं दी हैं और शहर के अधिकांश उपभोक्ता उनके परिचय क्षेत्र में हैं आज भी आम उपभोक्ता अपने संपर्क के सेवानिवृत लोगों के माध्यम से बीएसएनएल से जुड़ी शिकायतों का समाधान कराने का प्रयास करता है। *इसलिए सेवानिवृत्त लोगों के प्रवेश पर पाबंदी बीएसएनएल को निश्चित तौर पर नुकसान देह साबित होने वाली है। ऐसे में तुगलकी फरमान जारी करने वाले, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गुंडो से पिटवाने और एनकाउंटर करने जैसी धमकी कर गुंडई करने वाले, सांसद और विधायक स्तर के जनप्रतिनिधियों के प्रति प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले, कॉर्पोरेट मुख्यालय और सर्किल ऑफिस के आदेशों को ठेंगा दिखाने वाले, बीएसएनएल के संगठनों का दमन करने वाले, अपने कार्यालय पर नियम विरुद्ध सेक्रेटेरिएट लिखवाने वाले गाजियाबाद के इस तानाशाह महाप्रबंधक के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए और ऐसे अधिकारी को आम ग्राहक और जनता से जुड़ी सेवाओं से हटाकर किसी ऐसे कार्यालय से संबद्ध कर देना चाहिए जहां यह कोई तुगलकी फरमान जारी करके बीएसएनएल कंपनी को नुकसान न पहुंचा सके।

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