रविन्द्र बंसल प्रधान संपादक /जन वाणी न्यूज़ लोनी। जन वाणी न्यूज़ की खबर का असर पुलिस ने 10 दिन बाद प्रतिबंध पशुओं का कटान करने वालों को किया गिरफ्तार। लेकिन कट्टी घर मालिक पर अभी भी पुलिस है मेहरवान। केवल दो कर्मचारियों को गिरफ्तार करके पुलिस ने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है। गौर तलब है कि 29 सितंबर को क्षेत्र के गौरक्षकों एवं हिंदू संगठनों द्वारा रूपनगर इंडस्ट्रियल एरिया की एक फैक्ट्री में चल रहे कट्टी घर जिसमें प्रतिबंधित पशुओं का कटान किया जा रहा था, को लोनी पुलिस से शिकायत कर स्वयं पुलिस के साथ जाकर मौके पर पकड़वाया था। पुलिस ने मौके से कट्टी घर संचालक रूपेंद्र पुत्र धीरज सिंह निवासी बाग रानप लोनी वह उसके पशु काटने वाले कई कर्मचारियों को हिरासत में लिया था। पुलिस द्वारा मौके पर एसएफएल टीम को भी बुलाया गया था। और कट्टी घर से बरामद मांस के सैंपल भी लिए गए थे। इस घटना की गौरक्षकों द्वारा 29 सितंबर को पूरी कार्रवाई की वीडियो भी बनाई गई थी। इस मामले में गौरक्षकों एवं हिंदू संगठनों का आरोप है कि एसीपी लोनी सूर्य बली मौर्य द्वारा कट्टी घर संचालक तथा उसके कर्मचारियों को एक जनप्रतिनिधि की कहने पर मोटी रकम लेकर छोड़ दिया था। यह मामला 7/8 अक्टूबर की रात को जन वाणी लाइव न्यूज़ द्वारा उठाया गया। और गौरक्षकों द्वारा बनाई गई वीडियो वायरल की गई तथा उच्च अधिकारियों को उक्त मामले से अवगत कराया गया। तब पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा संज्ञान लेने पर एसीपी लोनी द्वारा आनन – फानन में 10 दिन बाद मंगलवार को कट्टी घर के दो कर्मचारीयों जिनमें एक नाबालिग भी है को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन पुलिस द्वारा कट्टी घर संचालक को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि इन सभी कट्टी घर संचालक वह उसके चार-पांच गौवध करने वाले कसाइयों को गौरक्षकों ने 29 सितंबर को मौके पर ही पकड़वाया था। उसके बाद यह कैसे पुलिस द्वारा छोड़ दिए गए? पुलिस पर ऐसा कौन सा दबाव था जिसके चलते फैक्ट्री में बहुत बड़े पैमाने पर प्रतिबंध पशुओं का कटान कर रहे अपराधियों को छोड़ना पड़ा? फैक्ट्री मालिक को क्यों नहीं गिरफ्तार किया जा रहा? पुलिस द्वारा बताया जा रहा है कि रूपेंद्र द्वारा फैक्ट्री किराए पर दी गई थी। अगर फैक्ट्री मालिक द्वारा फैक्ट्री को किराए पर दिया गया था तो रेंट एग्रीमेंट कहां है ? सवाल यह भी उठता है क्या कट्टी घर चलाने के लिए फैक्ट्री किराए पर दी जा सकती है? क्या प्रतिबंधित पशुओं का कटान फैक्ट्री में किया जा सकता है? इन सवालों का कोई जवाब लोनी पुलिस के पास नहीं है। पुलिस द्वारा इस मामले को पूरी तरह से दबा दिया गया था। लेकिन पेंच यह फस गया कि गौरक्षकों द्वारा जिस समय फैक्ट्री पर पुलिस की रेड करवाई गई उसी समय पूरी कार्रवाई की वीडियो गौरक्षकों द्वारा बना ली गई थी। गौरक्षकों द्वारा उसी समय तहरीर भी दी गई, लेकिन मुकदमा लिखने की बजाय पुलिस और दबंगों ने डरा धमका कर गौरक्षकों को शांत करा दिया गया। विश्वसनीय सूत्रों, गौरक्षकों वह हिंदू संगठनों का आरोप है कि एसीपी लोनी सूर्यबली मौर्य द्वारा कट्टी घर संचालक व उसके कर्मचारीयों को छोड़ने के लिए 29 सितंबर को मोटी रकम वसूली गई थी। साथी प्रतिबंध पशुओं का वध करने का विरोध करने वाले गौरक्षकों एवं हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को मुंह बंद करने की धमकी दी गई। और कहा गया अगर जबान चुप नहीं रखी गई तो झूठे मामलों में फंसा कर जेल भेज दिया जाएगा। कुल मिलाकर लोनी पुलिस ने मुख्य आरोपी पर मेहरबानी दिखाते हुए उसको गिरफ्तार नहीं किया। और उसके दो प्यादों को गिरफ्तार कर पुलिस द्वारा अपने कर्तव्य की इति श्री करली है। पुलिस की इस कार्य प्रणाली को लेकर क्षेत्र के गौरक्षकों एवं हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश व्याप्त है।