Jan Vani news by Ravindra Bansal

तिरुवनंतपुरम से सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर वायनाड में आपदा पीड़ितों को राहत सामग्री देने के लिए गए थे। इस दौरान कांग्रेस सांसद ने एक ट्रक से राहत सामग्री उतारते हुए शूट किए गए एक वीडियो को शेयर करते हुए थरूर ने यह लिख दिया कि वायानाड मैं एक यादगार दिन की कुछ यादें। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग उनकी आलोचना करते हुए जमकर खिंचाई करने लगे। दरअसल लोगों की आपत्ति यादगार शब्द को लेकर थी। सोशल मीडिया पर लगातार हो रही आलोचना को देखते हुए बाद में शशि थरूर ने यादगार शब्द के इस्तेमाल पर अपना बचाव करते हुए इस शब्द का अर्थ भी समझाया गया। शेयर वीडियो में सांसद शशि थरूर को ट्रक से राहत सामग्री उतारते हुए दिखाया गया, इसके बाद राहत शिवरों और आपदा से प्रभावित स्थानों पर उनको दौरा करते भी दिखाया गया है। एक्स पर यूजर्स ने यादगार शब्द को लेकर उनको ट्रोल किया और यहां तक लिख दिया कि इनसे मिलिए यह है सांसद शशि थरूर: ये त्रासदी से ग्रस्त वायनाड में यादगार दिन बिता रहे हैं। एक अन्य यूजर्स लिखते हैं कि आपदा से प्रभावित क्षेत्र में यादगार दिन सोशल मीडिया के जुनून से खराब हो जाता है। उन्होंने आगे लिखा है कि दुख की बात यह है, कि इसके बारे में पोस्ट करना वास्तव में मदद करने से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है निस्वार्थ भाव से सेवा की अपेक्षा सेल्फी को प्राथमिकता दी जा रही है। बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने भी इस पर सवाल उठाए उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की इस पोस्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके लिए मौतें और आपदा यादगार हैं। वही यादगार शब्द को लेकर अनेकों यूजर्स ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की खिंचाई की है। शशि थरूर ने लगातार हो रही आलोचनाओं के बाद एक्स पर अपने दूसरे पोस्ट में सभी ट्रोल्स के लिए : यादगार की परिभाषा : याद रखने लायक, कुछ ऐसा हो जो यादगार हो, यह खास या अविस्मरणीय हो, मेरा बस इतना ही मतलब था। बता दें कि वायनाड में 30 जुलाई को भूस्खलन होने से पूरा का पूरा गांव तबाह हो गया था। मरने वालों की संख्या 358 से भी अधिक पहुंच गई है बचाव दल अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए लोगो के शरीर के अंगों को बाहर निकलने में लगा हुआ है।